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चीन से क्यों भाग रहे विदेशी निवेशक? जून तिमाही में रिकॉर्ड पैसे निकाले

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चीन दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी इकॉनमी वाले देश है। चीन की तेज़ी से होती आर्थिक तरक्की के पीछे एक बड़ा कारण यहां होने वाला विदेशी निवेश था। साल 1976 में माओ ज़ेडांग की मौत के बाद से चीन ने अपनी नीति में थोड़ा बदलाव किया और आर्थिक तरक्की का नया रास्ता अपनाया। उसने देश के दरवाज़े विदेशी निवेश के लिए खोले। जिसके बाद निवेश में बढ़ोतरी हुई और चीन की जीडीपी औसतन नौ फीसदी की दर से बढ़ने लगी। लेकिन सालों तक चला ये ट्रेंड अब पलटता दिख रहा है। 

विदेशी निवेशकों ने पिछली तिमाही में चीन से रिकॉर्ड मात्रा में पैसा निकाला, जो संभवतः दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के बारे में गहरे निराशावाद को दर्शाता है। शुक्रवार को जारी स्टेट एडमिनिस्ट्रेशन ऑफ फॉरेन एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार, भुगतान संतुलन में चीन की प्रत्यक्ष निवेश देनदारियां अप्रैल-जून की अवधि में लगभग 15 बिलियन डॉलर कम हो गईं, यह दूसरी बार है जब यह आंकड़ा नकारात्मक हो गया है। पहले छह महीनों में इसमें लगभग 5 बिलियन डॉलर की गिरावट आई थी।

अगर यह गिरावट इस साल जारी रही तो 1990 के बाद पहली बार ऐसा होगा जब चीन का आयात उसके निर्यात से कम हो जाए और वह नेट आउटफ्लो वाला देश बन जाए। 2021 में चीन में रिकॉर्ड 344 अरब डॉलर का फॉरेन इन्वेस्टमेंट आया था। इसके बाद से वहां विदेशी निवेश में गिरावट दिख रही है।लाख कोशिशों के बाद भी चीन की सरकार विदेशी कंपनियों और निवेशकों का भरोसा जीतने में नाकाम रही है। विदेशी निवेशक तेजी से चीन से पैसा निकालने में लगे हैं। यही वजह है कि 25 साल में पहली बार देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश यानी एफडीआई गेज माइनस में चला गया है। 

माना जा रहा है कि चीन की इकॉनमी को कई मोर्चों पर चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही चीन और अमेरिका के बीच लंबे समय से तनातनी चल रही है। इससे विदेशी निवेशक और कंपनियां बुरी तरह घबराई हुई हैं और वहां से अपना पैसा निकाल रही हैं

चीन की जीडीपी की वार्षिक वृद्धि 2020 महामारी से पहले के पांच वर्षों में 6 से 7% थी, जब अर्थव्यवस्था ने चार दशकों में अपनी सबसे कमजोर वृद्धि दर्ज की थी। निर्यात ने 2021 में चीन की जीडीपी वृद्धि को 8% तक बढ़ाया, लेकिन फिर 2022 में यह 3% और 2023 में 5.2% तक गिर गई क्योंकि संपत्ति क्षेत्र, रोजगार और आय में गिरावट आई। विश्व बैंक ने 2024 में 4.8%, 2025 में 4.1% और 2026 में 4% की वृद्धि का अनुमान लगाया है।

“भारत के साथ रिश्ते अच्छे, लेकिन कुछ मसले हैं”, बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी के नेता किन मसलों की कर रहे बात?

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भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश में हलचल मची हुई है।देश में हिंसक आंदोलन के बाद तख्तापलट हुआ। हालांकि, इसके बाद भी देश के हालात बदले नहीं है। बदली है तो सिर्फ सरकार।बांग्लादेश में एक हफ़्ते में तेज़ी से चल रहे घटनाक्रमों में शेख हसीना सत्ता से बेदल हो गईं और अंतरिम सरकार का गठन हुआ। अब चुनाव का इंतजार है। हालांकि ये तय नहीं है कि चुनाव कब होंगे, लेकिन यह तय है कि देश की दो बड़ी राजनीतिक पार्टियों में से एक खालिदा ज़िया के नेतृत्व वाली बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) इनमें अहम भूमिका निभाएगी। बीएनपी के बांग्लादेश की सत्ता में वापसी के बाद भारत के साथ रिश्तों के भविष्य को लेकर अटकलों का बाजार गर्म है।

इस बीच बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी के जनरल सचिव मिर्जा इस्लाम आलमगीर ने कहा भारत के साथ हमारे रिश्ते बहुत अच्छे हैं, लेकिन कुछ ऐसे मुद्दे हैं जिन पर कुछ मसलों को हल किया जाना जरूरी है। खालिदा जिया की पार्टी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के महासचिव मिर्जा इस्लाम आलमगीर ने एक इंटरव्यू में कहा कि भारतीय मीडिया यह प्रचारित कर रहा है कि बांग्लादेश में सांप्रदायिक अत्याचार हो रहे हैं जबकि कोई सांप्रदायिक अत्याचार नहीं हो रहे है।

मिर्जा इस्लाम आलमगीर ने दुनियाभर की मीडिया पर प्रोपेगैंडा फैलाने का आरोप लगाया है। उन्होंने भारत को संबोधित करते हुए कहा कि 'राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर और विशेष रूप से आपके देश की विभिन्न मीडिया द्वारा एक तरह की गलतफहमी और बहुत दुर्भाग्यपूर्ण प्रचार किया जा रहा है- मीडिया सांप्रदायिक अत्याचारों को बढ़ावा दे रहा है। 

उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में जो चल रहा है वह बिल्कुल भी सच नहीं है। यह सांप्रदायिक नहीं है, धार्मिक नहीं है। यह पूरी तरह से एक राजनीतिक मुद्दा है। उन्होंने भारत की मीडिया को आमंत्रित करते हुए कहा कि आप ढाका आएं और खुद देखें कि बांग्लादेश में क्या हुआ है।

इन मुद्दों को सुलझाना चाहते बीएनपी

बीएनपी के महासचिव मिर्जा इस्लाम आलमगीर ने एक इंटरव्यू में भारत के साथ रिश्तों के सवाल पर कहा कि 'बेशक दोनों देशों के रिश्ते मजबूत होंगे क्योंकि हम (बीएनपी) बतौर राजनीतिक पार्टी भारत को अपना दोस्त और पड़ोसी मानते हैं, लेकिन हम चाहते हैं कि दोनों देशों के बीच कुछ मुद्दों को सुलझाया जाए जिनमें जल बंटवारे का मुद्दा, सीमा पर बीएसएफ द्वारा बांग्लादेशी लोगों की हत्याएं, दोनों देशों के बीच व्यापार असंतुलन को दूर करने जैसे मुद्दे शामिल हैं। हम भारत से अच्छे रिश्ते चाहते हैं।'

हसीना सरकार पर गंभीर आरोप

बीएनपी नेता आलमगीर ने कहा कि 'पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इस्तीफा दे दिया है और अपनी पार्टी और लोगों को छोड़कर देश से भाग गई हैं। उन्हें लोगों के साथ रहना चाहिए था, लेकिन उन्होंने देश छोड़ दिया। जहां तक हमारी जानकारी है, वे दिल्ली में हैं। एक छात्र और नागरिक विद्रोह हुआ यह एक क्रांति थी और उससे पहले, शेख हसीना की पुलिस ने लगभग 1,000 छात्रों को मार डाला और लगभग 12,000 लोगों को गिरफ्तार किया था। लाखों लोग सड़कों पर थे और वे प्रधानमंत्री के आधिकारिक निवास की ओर बढ़ रहे थे और फिर वह अपने हेलीकॉप्टर से देश छोड़कर चली गईं। 

जल्द स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव का लक्ष्य

शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद देश में अंतरिम सरकार बनी, जिसका नेतृत्व नोबेल पुरस्कार विजेता प्रोफेसर यूनुस कर रहे हैं। अंतरिम सरकार निश्चित रूप से स्थिति को स्थिर करेगी और शांति और व्यवस्था लाएगी, कानून व्यवस्था की स्थिति बेहतर होगी। अंतरिम सरकार का मुख्य कार्य एक स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराना है।

भ्रामक विज्ञापन मामले में रामदेव-बालकृष्ण को सुप्रीम कोर्ट से राहत, मानहानि का केस बंद

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पतंजलि के भ्रामक विज्ञापन केस में बाबा रामदेव को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। योग गुरु रामदेव को जिस वजह से सुप्रीम कोर्ट से खूब फटकार पड़ी थी, वह फाइल अब बंद हो गई है।बाबा रामदेव, आचार्य बालकृष्ण की ओर से कोर्ट को आश्वासन दिया गया था कि भविष्य में ऐसा नहीं होगा। उनके आश्वासन को अदालत ने स्वीकार किया। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना का केस बंद कर दिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि हमने उनके (स्वामी रामदेव, पतंजलि और बालकृष्ण) माफीनामे को स्वीकार कर लिया है। हमने उन्हें सख्त चेतावनी दी है कि भविष्य में कभी फिर ऐसा ना करें, जैसा इस मामले में हुआ है। इस मामले में दिये गये हलफनामे पर पूरी तरह से पालन किया जाये।

सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना नोटिस पर 14 मई को अपना आदेश सुरक्षित रखा था। सर्वोच्च न्यायालय भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) की उस याचिका पर सुनवाई कर रहा है, जिसमें कोविड टीकाकरण अभियान और आधुनिक चिकित्सा पद्धति के खिलाफ पतंजलि पर बदनाम करने का अभियान चलाने का आरोप लगा है।

यह मामला 2022 में तब शुरू हुआ था, जब इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) और उसके तत्कालीन उपाध्यक्ष जयेश लेले ने पतंजलि के खिलाफ एक रिट याचिका दायर की थी, जिसमें एलोपैथी को बदनाम करने वाले विज्ञापन प्रकाशित किए गए थे। विशेष रूप से कोविड महामारी के दौरान झूठा दावा किया गया था कि इसके अपने आयुर्वेदिक उत्पाद कुछ बीमारियों को पूरी तरह से ठीक कर सकते हैं।

21 नवंबर 2023 को सुप्रीम कोर्ट की एक अलग बेंच ने पतंजलि के उन विज्ञापनों को बंद करने के आश्वासन को दर्ज किया, जिन्हें भ्रामक माना गया था। एक दिन बाद पतंजलि के सह-संस्थापक बाबा रामदेव ने डेढ़ घंटे लंबी प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें उन्होंने दोहराया कि उन्होंने अपने उत्पादों के बारे में कोई भ्रामक बयान नहीं दिया है। उन्होंने दावा किया कि उन्होंने शोध-समर्थित और वास्तविक दुनिया के साक्ष्य-आधारित उपचार के माध्यम से टाइप 1 मधुमेह, अस्थमा, थायराइड और रक्तचाप की समस्याओं को ठीक किया है। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना का मामला शुरू किया था।

7 मई, 2024 को जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की बेंच ने विभिन्न ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर लगातार भ्रामक विज्ञापनों की उपलब्धता के लिए पतंजलि आयुर्वेद की खिंचाई की थी। ये विज्ञापन 14 उत्पादों से संबंधित हैं, जिनके लाइसेंस उत्तराखंड सरकार ने औषधि एवं अन्य जादुई उपचार अधिनियम, 1954 के प्रावधानों का उल्लंघन करने के कारण निलंबित कर दिए गए थे।

लेडी डॉक्टर रेप-मर्डर कांड पर देशभर में गुस्सा, कोलकाता से लेकर दिल्ली तक अस्पतालों में हड़ताल पर डॉक्टर*
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कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में लेडी डॉक्टर की रेप के बाद हत्या को लेकर पूरे देश में खूब नाराजगी देखने को मिल रही है।लगातार दूसरे दिन देशभर में डॉक्टर हड़ताल पर हैं। आज भी पूरे देश में ओपीडी बंद रखने का ऐलान किया गया है।दिल्ली समेत एनसीआर में भी डॉक्टरों का विरोध प्रदर्शन जारी है। दिल्ली में डॉक्टरों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल का एलान किया है। वहीं, रेशन ऑफ रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (फोरडा) ने सोमवार को घोषणा करते हुए कहा कि कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या के विरोध में उसकी अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी रहेगी। *दिल्ली के कई अस्पताल में आज ओपीडी सेवाएं बंद* दिल्ली में लगातार दूसरे दिन भी एम्स, सफदरजंग, आरएमएल, लोकनायक, जीबी पंत सहित सभी बड़े अस्पतालों में रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर हैं। इस वजह से ओपीडी और नियमित सर्जरी प्रभावित है।बीते सोमवार को एम्स और आरएमएल अस्पताल समेत कई डॉक्टर हड़ताल पर थे। रेजिडेंट डॉक्टरों की अनिश्चितकालीन हड़ताल के कारण एम्स में 80 फीसदी तक सर्जरी प्रभावित हुई। एम्स की चिकित्सा अधीक्षक डॉ निरुपम मदान से मिली जानकारी के मुताबिक एम्स में सोमवार को मेजर 98 और माइनर 96 सर्जरी हुई। *मुंबई में भी जारी है डॉक्टरों का हड़ताल* मुंबई के नायर अस्पताल में डॉक्टरों और मेडिकल छात्रों ने भी इस घटना को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। डॉक्टरों ने जानकारी दी कि आज ओपीडी सेवाओं बंद रहेगी। *पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में दिल दहलाने वाला खुलासा* बता दें कि महिला पोस्टग्रेजुएट ट्रेनी डॉक्टर का शव 9 अगस्त की सुबह अस्पताल के एक सेमिनार हॉल में मिला था। इस मामले में अगले दिन संजय रॉय नाम के एक सिविक वॉलंटियर को गिरफ्तार किया गया था। पीड़िता की चार पेज की ऑटोप्सी रिपोर्ट से पता चला है कि महिला के प्राइवेट पार्ट से ब्लीडिंग हो रही थी और उसके शरीर के अन्य हिस्सों पर चोट के निशान थे। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘उसकी दोनों आंखों और मुंह से खून बह रहा था, चेहरे पर चोट के निशान थे और एक नाखून भी गायब था। पीड़िता के प्राइवेट पार्ट से भी खून बह रहा था। उसके पेट, बाएं पैर, गर्दन, दाहिने हाथ, अनामिका और होठों पर भी चोटें आई थीं। रिपोर्ट में हत्या से पहले की चोटों, फ्रैक्चर और यौन उत्पीड़न का भी संकेत दिया गया है। साथ ही कहा गया है कि शुक्रवार सुबह 3 बजे से 5 बजे के बीच गला घोंटकर और मुंह दबाकर पीड़िता की हत्या की गई थी।
एलन मस्क ने लिया डोनाल्ड ट्रंप का इंटरव्यू, अपने ऊपर हुए हमले से लेकर पुतिन-किम से रिश्ते तक का किया जिक्र*
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अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से पहले डोनाल्ड ट्रंप और एलन मस्क साथ नजर आए। मंगलवार को टेस्ला सीईओ ने पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप का इंटरव्यू लिया। इंटरव्यू के दौरान पूर्व राष्ट्रपति ने मौजूदा वैश्विक हालात, राष्ट्रपति चुनाव समेत कई मुद्दों पर अपनी बात रखी। साथ ही उन्होंने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग के साथ अपने रिश्तों का भी जिक्र भी किया। *बाइडन के चुनावी दौड़ से बाहर होने को कहा तख्तापलट* अमेरिका में पांच नवंबर को राष्ट्रपति चुनाव होने वाले हैं। इस चुनावी दौड़ में रिपब्लिकन की ओर से डोनाल्ड ट्रंप और डेमोक्रेट्स की ओर से कमला हैरिस मैदान में हैं। टेस्ला के सीईओ एलन मस्क लगातार अपना समर्थन पूर्व राष्ट्रपति को दे रहे हैं। इस बीच, ट्रंप ने एलन मस्क के साथ एक्स पर एक इंटरव्यू किया। इस बातचीत में ट्रंप ने अपने विरोधी डेमोक्रेट्स पर हमला बोला। साथ ही कहा कि जो बाइडन को राष्ट्रपति की रेस से जबरन 'तख्तापलट' कर निकाला गया। उन्होंने कहा, 'मैंने बहस में बाइडन को इतनी बुरी तरह हराया कि उन्हें दौड़ से बाहर कर दिया गया। वह अब तक की सबसे शानदार बहस रही है। बाइडन को बाहर निकाला गया। यह एक तख्तापलट था।' *खुद पर हुए हमला का किया जिक्र* इंटरव्यू के दौरान ट्रंप ने पिछले महीने हत्या के प्रयास को भी दोहराया, जिसमें वह बाल-बाल बच गए थे। उन्होंने कहा, 'यह एक हार्ड हिट था। मुझे लगता है कि आप कहेंगे कि यह अवास्तविक था, लेकिन ऐसा नहीं है।' उन्होंने कहा, 'मुझे तुरंत पता चल गया था कि यह एक गोली है। मेरे कान पर गोली लगी थी। उन लोगों के लिए जो भगवान में विश्वास नहीं करते, मुझे लगता है कि हम सभी को इसके बारे में सोचना शुरू करना होगा।' *रूस, चीन और उत्तर कोरिया की तारीफ* डोनाल्ड ट्रंप ने इंटरव्यू के दौरान रूस, चीन और उत्तर कोरिया की भी तारीफ की। उन्होंने कहा कि इन तीनों देशों ने अपने काम को बखूबी कर रहे हैं और अमेरिका को इनका सामना करने के लिए एक मजबूत राष्ट्रपति की जरूरत है। उन्होंने कहा, "व्लादिमीर पुतिन, शी जिनपिंग और किम जोंग-उन, जिन्हें कई बार तानाशाह कहा जाता है, अपने देश से प्यार करते हैं, लेकिन यह दूसरी तरह का प्यार है। *बाइडन को बताया ‘स्लीपी’* इसी मुद्दे पर बातचीत के दौरान ट्रंप ने बाइडन को स्लीपी जो (सोता हुआ जो) बुलाया और कहा कि उनकी वजह से ही रूस ने यूक्रेन पर हमला बोला। उन्होंने कहा, "मेरी पुतिन से अच्छी बनती थी और वह मेरा सम्मान करते थे। हम यूक्रेन की बात करते थे। यूक्रेन उनकी आंखों का तारा था। लेकिन मैंने उनसे कहा था कि उसके बारे में सोचना भी नहीं।" *आज अमेरिका की कोई नहीं सुनता-ट्रंप* ट्रंप ने कहा कि आज से चार साल पहले जब वह राष्ट्रपति थे तो अमेरिका की दुनिया इज्जत करती थी। रूसी राष्ट्रपति पुतिन, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और उत्तर कोरियाई सुप्रीम लीडर किम जोंग उन अमेरिका की बात सुनते थे। लेकिन आज अमेरिका की नहीं सुनी जाती।
बांग्लादेश के राजनीतिक संकट के पीछे नहीं अमेरिका का हाथ”, शेख हसीना के आरोपों पर पहली बार बोला अमेरिका*
#us_denies_involvement_in_bangladeshs_political_crisis *
पिछले हफ्ते बांग्लादेश में तख्तापलट हो गया। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री रहीं शेख हसीना को ना केवल अपना पीएम पद बल्कि देश छोड़कर भी भागना पड़ा। फिलहाल शेख हसीना ने भारत में शरण ली है। उधर, बांग्लादेश को मोहम्मद यूनुस का नेतृत्व मिल गया है। मगर ये सवाल अब भी बरकरार है कि क्या इन सबके पीछे अमेरिका का हाथ था? इन आरोपों पर पहली बार अमेरिका ने प्रतिक्रिया दी है। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरिन जीन पियरे ने बांग्लादेश संकट से जुड़ी सभी रिपोर्टों और अफवाहों का खंडन किया और कहा, “हमारी इसमें कोई संलिप्तता नहीं है। ऐसी कोई भी रिपोर्ट या अफवाह कि अमेरिका की सरकार इन घटनाओं में शामिल थी, सरासर झूठ है और बिलकुल भी सच नहीं है। जीन पियरे ने यह भी कहा कि बांग्लादेशी नागरिकों को अपने देश की सरकार का भविष्य तय करना चाहिए। उन्होंने कहा, यह बांग्लादेशी नागरिकों के लिए और उनके द्वारा चुना गया विकल्प है। हमारा मानना है कि बांग्लादेशी लोगों को बांग्लादेशी सरकार का भविष्य तय करना चाहिए और हम भी इसी पर कायम हैं। निश्चित रूप से हम किसी भी आरोप पर बोलते रहेंगे और मैंने यहां जो कहा है वह झूठ है।” जीन पियरे मीडिया में आई उन खबरों पर प्रतिक्रिया दे रही थीं, जिनमें शेख हसीना के कथित दावे के हवाले से कहा गया है कि अगर उन्होंने (शेख हसीना) सेंट मार्टिन द्वीप का आधिपत्य त्याग दिया होता और अमेरिका को बंगाल की खाड़ी पर प्रभुत्व स्थापित करने की अनुमति दी होती, तो वह सत्ता में बनी रहतीं। बता दें कि बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने हाल में अमेरिका पर अपनी सरकार गिराने का आरोप लगाया था। शेख हसीना का आरोप था कि अमेरिका ने सेंट मार्टिन आइलैंड मांगा था। अगर वह दे देती तो शायद आज मेरी सरकार बनी रहती। मगर ऐसा न करना भारी पड़ गया। हसीना का आरोप है कि इस आइलैंड के सहारे अमेरिका बंगाल की खाड़ी में अपना वर्चस्व बढ़ाना चाहता है। हालांकि, शेख हसीना के बेटे सजीब वाजेद ने इस बात से इनकार किया है कि उनकी मां ने ऐसा कोई बयान दिया है। शेख हसीना के बेटे वाजेद ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘हाल ही में एक अखबार में प्रकाशित मेरी मां का इस्तीफे से संबंधित बयान पूरी तरह से झूठा और मनगढ़ंत है। उन्होंने मुझसे बातचीत में पुष्टि की है कि उन्होंने ढाका छोड़ने से पहले या बाद में कोई बयान नहीं दिया।
उबर ड्राइवर ने पाकिस्तानी पैसेंजर को कैब से किया बाहर, भारत विरोधी टिप्पणी करने पर भड़का गुस्सा

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भारत में मेहमान को भगवान माना जाता है, लेकिन यही मेहमान अपने देश को गाली देने लगे तो गुस्सा जाहिर है। ऐसा ही एक मामला सामने आया है देश की राजधानी दिल्ली से। एक वीडियो इंटरनेट पर छाया हुआ है, जिसमें एक पाकिस्तानी कपल को कैब से धक्के मारकर कैब से उतार दिया है। दिल्ली में एक कैब ड्राइवर ने कथित तौर पर भारत की बुराई को लेकर एक पाकिस्तानी नागरिक और उसकी गर्लफ्रेंड को आधी रात बीच सड़क पर उतार दिया।

यह घटना कथित तौर पर 9 अगस्त की आधी रात को हुई थी। घटना का एक वीडियो, जिसे यात्रियों में से एक ने रिकॉर्ड किया था, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हो गया है। वायरल हो रहे वीडियो में ड्राइवर को कैब में बैठे पाकिस्तानी शख्स और उसकी गर्लफ्रेंड से यह कहते हुए सुना जा सकता है कि वो दिल्ली वालों के बारे में कुछ भी बुरा सुनना बर्दाश्त नहीं करेगा। वहीं मोबाइल पर वीडियो रिकॉर्ड करते हुए लड़की कहती है कि उसने (पाकिस्तानी) ऐसा कुछ भी नहीं कहा। उसने बस इतना कहा कि दिल्ली वाले मतलबपरस्त होते हैं। इसके बाद लड़की कहती है, अगर मुंबई वाले ऐसा कह दें तो वो चल जाएगा, लेकिन पाकिस्तानी कहे तो, फिर कैब ड्राइवर पर भड़कते हुए कहती है कि उसे न बताए कि वो ब्राह्मण है कि क्या है।

वीडियो में देखा जा सकता है कि ड्राइवर कपल को दोबारा समझाने की कोशिश करता है, लेकिन बात बढ़ जाती है और फिर ड्राइवर दोनों को अपनी कार से उतारकर वहां से जाने लगता है। इस दौरान लड़की गुस्से से चीखती है- देख लो ये मोदीजी का भारत है। रात के साढ़े 12 बजे ये हमें सड़क पर उतार रहा है। इस पर ड्राइवर भी उन्हें अपशब्द बोलता है।

वीडियो माइक्रो ब्लॉगिंग साइट एक्स पर Algebra ने शेयर किया। जिसको लाखों व्यूज मिल चुके हैं। वहीं, हजारों में लाइक्स हैं और खबर लिखे जाने तक 11 हजार रीपोस्ट किए जा चुके हैं।

“सभ्य समाज में धर्म के आधार पर हिंसा अस्वीकार्य”, बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के साथ हो रही हिंसा पर बोलीं प्रियंका
#priyanka_gandhi_speaks_on_attacks_on_hindus_in_bangladesh

बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद से हिंदुओं पर हिंसा हो रही है।बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर लगातार हो रहे हमलों पर कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने चिंता जताई है। उन्होंने कहा, किसी भी सभ्य समाज में धर्म, जाति, भाषा या पहचान के आधार पर भेदभाव, हिंसा और हमले अस्वीकार्य हैं। हमें उम्मीद है कि बांग्लादेश में जल्द हालात सामान्य होंगे।

बांग्लादेश में हिंसा का दौर खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। हिन्दुओं और अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जा रहा है। उन पर हमला लगातार जारी है। कई जगहों से दिल दहलाने वाली खबरें सामने आ रही है। पड़ोसी देश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों के बीच कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी की पहली प्रतिक्रिया आई है।

प्रियंका गांधी ने अपने सोशल मीडिया ‘एक्स’ पर लिखा कि पड़ोसी देश बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर लगातार हमलों की खबरें विचलित करने वाली हैं। किसी भी सभ्य समाज में धर्म, जाति, भाषा या पहचान के आधार पर भेदभाव, हिंसा और हमले अस्वीकार्य हैं। हमें उम्मीद है कि बांग्लादेश में जल्द हालात सामान्य होंगे।

प्रियंका गांधी ने वहां की नवनिर्वाचित सरकार से लोगों के लिए सुरक्षा की मांग की है। उन्होंने लिखा कि वहां की नवनिर्वाचित सरकार हिंदू, ईसाई और बौद्ध धर्म को मानने वाले लोगों के लिए सुरक्षा व सम्मान सुनिश्चित करेगी।
इजरायल पर बड़े हमले की तैयारी कर रहा ईरान! अमेरिका ने भी कसी कमर
#iran_attack_israel_america_issue_warning इजराइल पर ईरान बहुत जल्द एक बड़ा हमला करने जा रहा है।ईरान किसी भी समय इजरायल पर हमला कर सकता है। यह हमला तेहरान में हमास सरगना इस्माइल हानिया की हत्या का बदला होगा।इजरायल के रक्षा मंत्री योआव गैलेंट ने रविवार को अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन को बताया कि ईरान इजरायल पर बड़े पैमाने पर सैन्य हमले की तैयारी कर रहा है।

एक्सियोस ने अपनी एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से यह जानकारी साझा की।एक्सियोस के मुताबिक इजरायल की खुफिया एजेंसी का मानना है कि ईरान इजरायल पर सीधे हमले को तैयार है। इजरायल की खुफिया एजेंसी का मानना है कि अपने शीर्ष कमांडर का बदला लेने की खातिर हिजबुल्लाह पहले हमला कर सकता है। इसके बाद ईरान भी हमले में शामिल हो सकता है। कहा जा रहा है कि गुरुवार को प्रस्तावित गाजा बंधक और युद्धविराम समझौते की वार्ता से पहले हमला हो सकता है। हालांकि हमास ने वार्ता में शामिल होने से इंकार कर दिया है।

*अप्रैल से भी बड़ा हमला कर सकता ईरान*
सूत्रों के मुताबिक इस बार ईरान 13 अप्रैल से भी बड़ा हमला कर सकता है। हिजबुल्लाह और ईरान मध्य इजरायल में सैन्य ठिकानों पर मिसाइलों और ड्रोनों से हमला कर सकते हैं। उधर, अमेरिका ने कूटनीतिक दांव चलना शुरू कर दिया है। इजरायली रक्षा मंत्री योआव गैलेंट ने कहा कि ईरान और हिजबुल्लाह ने हमें भारी नुकसान पहुंचाने की चेतावनी दी। मगर उम्मीद है कि वे पुनर्विचार करेंगे और युद्ध को नहीं बढ़ाएंगे। हम ऐसा नहीं चाहते हैं।

*युद्ध की आहट के बीच अमेरिका ने कसी कमर*
इजरायल और ईरान में युद्ध की आहट के बीच अमेरिका ने भी कमर कस ली है। अमेरिका मिडिल ईस्ट में तेजी से हथियार भेज रहा है।अमेरिका ने एक गाइडेड मिसाइल पनडुब्बी मिडिल ईस्ट भेजी है। एक विमानवाहक पोत स्ट्राइक ग्रुप की तैनाती तेज कर रहा है। पेंटागन ने रविवार देर रात पुष्टि की कि रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन ने यूएसएस जॉर्जिया गाइडेड मिसाइल पनडुब्बी को क्षेत्र में भेजने का आदेश दिया है। उन्होंने यूएसएस अब्राहम लिंकन कैरियर स्ट्राइक ग्रुप, जो एफ-35C लड़ाकू जेट से सुसज्जित है, को क्षेत्र में तेजी से पहुंचने का आदेश दिया।

*यूएस ने दिया हर संभव मदद का भरोसा*
पेंटागन से एक रिपोर्ट के अनुसार ऑस्टिन ने अपने इजरायली समकक्ष योव गैलंट के साथ एक कॉल में वाशिंगटन की अपने सहयोगी की रक्षा के लिए हर संभव कदम उठाने की प्रतिबद्धता की पुनः पुष्टि की। इस बातचीत में गैलंट ने ईरान और उसके क्षेत्रीय समर्थकों से उत्पन्न खतरों के सामने आईडीएफ की तत्परता और क्षमताओं का विस्तृत विवरण दिया। क्षेत्र में तैनात अमेरिकी सैन्य क्षमताओं की व्यापक रेंज के साथ संयुक्त संचालन पर चर्चा की।

*हमास के नेता की हत्या का बदला लेने के लिए ईरान बेताब*
शुक्रवार को ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के डिप्टी कमांडर ने कहा था कि ईरान 31 जुलाई को तेहरान में फिलिस्तीनी आतंकवादी समूह हमास के नेता की हत्या के लिए इजरायल को "कठोर दंड" देने के लिए सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के आदेश का पालन करने के लिए तैयार है। इससे पहले खामेनेई ने भी कहा था कि वह इजरायल को ऐसा कठोर दंड देंगे कि उसकी पीढ़ियां याद रखेंगी। ऐसी भी रिपोर्ट्स है कि ईरान के नव नियुक्त राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन इजरायल पर हमला करने के खिलाफ हैं, लेकिन ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड्स उनके नियंत्रण से बाहर है। रिवोल्यूशनरी गार्ड्स सीधे खामेनेई को रिपोर्ट करता है।
बांग्लादेश में भारत-पाक युद्ध से जुड़ी ऐतिहासिक मूर्तियों को तोड़ा गया, किसे नागवार गुजरी पाकिस्तान के सरेंडर दर्शाती प्रतिमा
#iconic_statue_of_pakistan_armys_surrender_vandalised_in_bangladesh


बांग्लादेश में हिंसा और अराजकता जारी है। देश मे जारी हिंसा के बीच बांग्लादेश की नई अंतरिम सरकार ने शपथ ग्रहण कर लिया है। अंतरिम सरकार ने देश के माहौल को काबू करने का प्रयास किया है। हालांकि अब तक सरकार को इसमें खास कामयाबी नहीं मिली है। इस बीच अल्पसंख्यकों निशाना बना रहे प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश के बनने की सबसे अहम घटनाओं में से एक पाकिस्तान की सेना के भारतीय फौज के सामने सरेंडर को दिखाने वाली एक मूर्ति को भी प्रदर्शनकारियों ने निशाना बनाते हुए तोड़ डाला है।

1971 शहीद मेमोरियल कॉम्प्लेक्स में एक मूर्तिकला को तोड़ दिया गया है। इसमें 1971 युद्ध के उस मोमेंट को मूर्तियों की शक्ल दी गई थी जब हजारों पाकिस्तानी सैनिकों ने एक साथ भारतीय सेना के आगे सरेंडर किया था। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने इस घटना पर कड़ा विरोध करते हुए प्रदर्शनकारियों को ‘भारत विरोधी’ बताया है।उन्होंने टूटी हुई मूर्ति की एक तस्वीर भी साझा की।

शशि थरूर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर तस्वीर साझा करते हुए पोस्ट भी लिखा। उन्होंने कहा, "1971 के शहीद स्मारक परिसर, मुजीबनगर में भारत विरोधी उपद्रवियों द्वारा नष्ट की गई मूर्तियों की ऐसी तस्वीरें देखकर दुख हुआ। उन्होंने आगे कहा, यह कई स्थानों पर भारतीय सांस्कृतिक केंद्र, मंदिर और हिंदुओं के घरों पर हमलों के बाद हुआ है। इसके साथ ही मुस्लिम नागरिकों द्वारा अन्य अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों और उनके पूजा स्थलों को बचाने की भी खबरें सामने आईं।"

बता दें कि 1971 के युद्ध में न केवल बांग्लादेश को आजादी मिली थी, बल्कि पाकिस्तान को भी इस दौरान करारा झटका मिला था। इस प्रतिमा में पाकिस्तानी सेना के लेफ्टिनेंट-जनरल आमीर अब्दुल्ला खान नियाजी को भारतीय सेना और बांग्लादेश की मुक्ति वाहिनी के समक्ष 'समर्पण पत्र' पर हस्ताक्षर करते हुए दर्शाया गया था। लेफ्टिनेंट जनरल नियाजी ने अपने 93000 सैनिकों के साथ भारत की पूर्वी कमान के तत्कालीन जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ लेफ्टिनेंट जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा के सामने समर्पण किया था।