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झारखंड: कुछ घंटों में जानिए इन जिलों में वज्रपात होने की हैं संभावना मौसम विभाग ने किया अलर्ट, बारिश की भी हैं संभावना

झारखण्ड डेस्क
रांची। झारखंड के कई जिलों के लिए आज अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग के अनुसार अगले 1 से 3 घंटें में इन जिलों के कई इलाकों में वज्रपात होने के साथ आंधी चलने की आशंका है। कई जगह बारिश भी हो सकती है।

चलेगी तेज हवा

मौसम केंद्र के अनुसार कुछ स्‍थानों पर तेज गति से हवा चलने की आशंका है। इसकी स्‍पीड 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटा होने की संभावना है।

इसका रखें ख्‍याल

अलर्ट को देखते हुए सतर्क और सावधान रहें। सु‍रक्षित स्‍थान में शरण लें। पेड़ के नीचे खड़ा नहीं रहें। बिजली के पोल से दूर रहें। किसान अपने खेत में नहीं जाएं। मौसम सामान्‍य होने का इंतजार करें। बिजली के उपकरणों का उपयोग नहीं करें।

इन जिलों में असर

मौसम केंद्र के मुताबिक इसका प्रभाव चतरा, हजारीबाग, लातेहार, सरायकेला-खरसावां, पश्चिम सिंहभूम, रांची, पूर्वी सिंहभूम, रामगढ़ जिले के कुछ भागों में देखने को मिलेगा।
झारखंड: कुछ घंटों में जानिए इन जिलों में वज्रपात होने की हैं संभावना मौसम विभाग ने किया अलर्ट, बारिश की भी हैं संभावना

झारखण्ड डेस्क
रांची। झारखंड के कई जिलों के लिए आज अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग के अनुसार अगले 1 से 3 घंटें में इन जिलों के कई इलाकों में वज्रपात होने के साथ आंधी चलने की आशंका है। कई जगह बारिश भी हो सकती है।

चलेगी तेज हवा

मौसम केंद्र के अनुसार कुछ स्‍थानों पर तेज गति से हवा चलने की आशंका है। इसकी स्‍पीड 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटा होने की संभावना है।

इसका रखें ख्‍याल

अलर्ट को देखते हुए सतर्क और सावधान रहें। सु‍रक्षित स्‍थान में शरण लें। पेड़ के नीचे खड़ा नहीं रहें। बिजली के पोल से दूर रहें। किसान अपने खेत में नहीं जाएं। मौसम सामान्‍य होने का इंतजार करें। बिजली के उपकरणों का उपयोग नहीं करें।

इन जिलों में असर

मौसम केंद्र के मुताबिक इसका प्रभाव चतरा, हजारीबाग, लातेहार, सरायकेला-खरसावां, पश्चिम सिंहभूम, रांची, पूर्वी सिंहभूम, रामगढ़ जिले के कुछ भागों में देखने को मिलेगा।
सीएम पद से इस्तीफा से चम्पई सोरेन हैं नाराज,क्या हेमंत सरकार में होंगी उनकी कोई भूमिका या देखेंगे वे पार्टी का काम काज...?

झारखण्ड डेस्क
हेमंत सोरेन को कथित जमीन घोटाले में बेल मिलने के बाद वे एक बार फिर झारखंड के सीएम बनने जा रहे हैं. इसलिए कल चंपई सोरेन को मुख्यमंत्री के पद पद से इस्तीफा दिलाया गया.

बुधवार को राजधानी रांची में जेएमएम, कांग्रेस और राजद की बैठक हुई जिसमे सर्वसम्मति से हेमंत सोरेन को फिर से सीएम बनाने पर सहमति बन गयी थी.उसके बाद पार्टी के इस फैसले के बाद चंपई सोरेन ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. वहीं हेमंत सोरेन ने सरकार बनाने का दावा भी पेश कर दिया है.

इधर जो खबर छन कर सामने आ रही हैं उससे पता चलता  हैं कि चंपई सोरेन को पद से हटाये जाने के  इस फैसले से नाराज हैं.
हालांकि सीएम चंपई की तरफ से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. उनके मन के टीस को उनके चेहरे से पढ़ा जा सकता हैं. हलाकि बीच में मीडिया में यह खबर भी आयी थी कि हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री के पद पर अभी शपथ नहीं लेंगे, पार्टी को मज़बूत करने और आगामी विधानसभा कि तैयारी के लिए कार्यकर्ताओं के साथ मैदान में रहेंगे.लेकिन अचानक हेमंत सोरेन का निर्णय बदला कल बुधवार को गठबंधन कि बैठक हुयी और विधायक दल के नेता चुने जाने के बाद शाम को चंपाई सोरेन को इस्तीफा दिला दिया गया.
पद से इस्तीफा देने के बाद मीडिया से बात करते हुए चंपई सोरेन ने कहा कि गठबंधन सहयोगियों के फैसले के अनुसार हमलोगों ने यह निर्णय लिया है.

*चंपई सोरेन कि क्या हैं अहमियत क्या नाराज हो सकते हैं उनके समर्थक*

चंपई सोरेन सीएम रहते हुए अच्छा काम कर रहे थे, कई कल्याणकारी योजनाओं का उन्होंने घोषणा किया. वे
जेएमएम के कोल्हान क्षेत्र के सबसे बड़े नेता भी रहे हैं. वर्ष 1991 से विधायक बनते रहे हैं. झारखंड मुक्ति मोर्चा के कई बार विभाजन के बाद भी वे शिबू सोरेन के साथ डटे रहें. विपरित हालात में उन्होंने इसी साल फरवरी में राज्य की कमान संभाली थी. उनके सीएम बनने के दौरान पार्टी में टूट की भी चर्चा थी हालांकि उन्होंने सूझबूझ के साथ पार्टी को हेमंत सोरेन की अनुपस्थिति में संभाल कर रखा. साथ ही लोकसभा चुनाव में भी पार्टी का प्रदर्शन पिछले चुनाव की तुलना में बेहतर रहा. 2019 में जहां जेएमएम को महज एक सीट मिली थी वहीं इस चुनाव में 3 सीटों पर जीत मिली. लंबे समय के बाद जेएमएम को कोल्हान क्षेत्र में भी एक सीट पर जीत मिली.

*अब आगे क्या होंगी चंपई सोरेन कि भूमिका*

मुख्य मंत्री चंपई सोरेन क़ी इस्तीफा के बाद उन्हें पार्टी किस भूमिका में रखेगी, वे  लंबे समय से जेएमएम में नंबर 2 की भूमिका में रहे हैं. सोरेन परिवार के बाद पार्टी में उनकी धमक रही है. हेमंत सोरेन के मंत्रिमंडल में भी उन्होंने महत्वपूर्ण विभागों को संभाला था. ऐसे में महज 5 महीने के लिए सीएम बनने के बाद फिर से हेमंत सरकार में मंत्री बनना उनके लिए सहज नहीं होगा. साथ ही चर्चा इस बात की भी है कि उन्हें पार्टी उन्हें कार्यकारी अध्यक्ष बना  सकती है.

जेएमएम को करीब से जानने वाले लोगों का मानना  है कि सोरेन परिवार से इतर किसी व्यक्ति के पार्टी का अध्यक्ष बनने के बाद भी पावर सेंटर का ट्रांसफर आसान नहीं होगा. कार्यकारी अध्यक्ष के पद को लेकर चंपई सोरेन बहुत अधिक खुश नहीं होंगे.

चंपई सोरेन की नाराजगी पार्टी के लिए कितना होगा नुकसानदायक?

झारखंड में जेएमएम का आधार मुख्य रूप से राज्य के 2 हिस्सों संथाल परगना और कोल्हान में रहा है. संथाल परगना शिबू सोरेन का कार्यक्षेत्र रहा है. वहीं कोल्हान क्षेत्र में समय-समय पर पार्टी के नेता बदलते रहे हैं. पार्टी में कई बार विद्रोह भी देखने को मिला है. 2019 के विधानसभा क्षेत्र में जेएमएम ने इस क्षेत्र में भी बेहतर प्रदर्शन किया था. चंपई सोरेन इस क्षेत्र में टाइगर के नाम से चर्चित रहे हैं. ऐसे में अगर उनकी नाराजगी होती है तो जेएमएम को अगले कुछ महीने में होने वाले विधानसभा चुनाव में नुकसान उठाना पड़ सकता है.

*हेमंत को पुनःसीएम बनने के पीछे का क्या हैं रणनीति*

हेमंत सोरेन झारखंड में कांग्रेस जेएमएम गठबंधन के सर्वमान्य नेता रहे हैं.  जेल से आने के बाद भी लोगों में उनकी अच्छी लोकप्रियता रही है. चंपई सोरेन का कोल्हान के बाहर कोई जनाधार नहीं है.

साथ ही बीजेपी की तरफ से बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व में विधानसभा चुनाव लड़ने के ऐलान के बाद संथाल परगना और पूरे राज्य भर में उनके खिलाफ एक मजबूत नेता की जरूरत महसूस हो रही है. कांग्रेस के भी कई विधायक इस पक्ष में हैं. राजनीति के जानकारों का भी मानना है कि जेएमएम का जनाधार सोरेन परिवार के ही आसपास रहा है.

हेमंत के जेल जाने को मुद्दा बना सकती है जेएमएम
जेल से आने के बाद हेमंत सोरेन शिबू सोरेन के लुक में नजर आ रहे हैं. जेएमएम की तरफ से हमेशा से हेमंत सोरेन को निर्दोष बताया जाता रहा है. ऐसे में अदालत से जमानत मिलने के बाद पार्टी इस मुद्दे को जोरदार ढंग से पेश करना चाहती है. जेएमएम की कोशिश है कि हेमंत सोरेन को चुनाव में पोस्टर ब्वॉय बनाया जाए. झारंखड के गांवों में सोरेन परिवार का मजबूत जनाधार रहा है. 

*क्या संथाल में अपनी मज़बूती रखने में कामयाव होंगे हेमंत..?*

पिछले विधानसभा चुनाव में संथाल परगना की सीटों पर जेएमएम ने बीजेपी को करारी शिकस्त दी थी. हालांकि पिछले कुछ दिनों में बीजेपी ने संथाल क्षेत्र में काफी मेहनत किया है. हेमंत सोरेन की भाभी सीता सोरेन जो की जामा सीट से विधायक बनते रही हैं वो बीजेपी में शामिल हो चुकी हैं. वहीं बाबूलाल मरांडी भी संथाल परगना में ही राजनीति करते रहे हैं. बीजेपी के वरिष्ठ नेता निशिकांत दुबे भी संथाल परगना की गोड्डा सीट से सांसद बनते रहे हैं ऐसे में इस तिकड़ी को रोकने के लिए भी जेएमएम हेमंत सोरेन को आगे कर सकती है.

*2019 के बाद से सियासी घटनाक्रम*

2019 के विधानसभा चुनाव में जेएमएम कांग्रेस गठबंधन की जीत के बाद हेमंत सोरेन झारखंड के सीएम बने थे.भूमि घोटाले से संबधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने हेमंत सोरेन के खिलाफ केस दर्ज किया.साल 2024 के 31 जनवरी को जांच एजेंसी ने लंबी पूछताछ के बाद हेमंत सोरेन को गिरफ्तार कर लिया.गिरफ्तारी से पहले हेमंत सोरेन ने पद से इस्तीफा दे दिया. 2 फरवरी 2024 को चंपई सोरेन झारखंड के मुख्यमंत्री बने.28 जून 2024 को हेमंत सोरेन जमानत के बाद जेल से बाहर आए.3 जुलाई को इंडिया गठबंधन की बैठक के बाद चंपई सोरेन ने इस्तीफा दे दिया.

*क्या है मौजुदा विधानसभा में सीटों की स्थिति*

झारखंड विधानसभा में सदस्यों की संख्या 81 है. लोकसभा चुनाव के बाद, राज्य में झामुमो-नीत गठबंधन के विधायकों की संख्या घटकर 45 रह गई है जिनमें झामुमो के 27, राजद का एक और कांग्रेस के 17 विधायक शामिल हैं. झामुमो के दो विधायक-नलिन सोरेन और जोबा माझी अब सांसद हैं, जबकि जामा से विधायक सीता सोरेन ने भाजपा के टिकट पर आम चुनाव लड़ने के लिए इस्तीफा दे दिया था. झामुमो ने बिशुनपुर से विधायक चमरा लिंडा और बोरियो से विधायक लोबिन हेम्ब्रम को पार्टी से निष्कासित कर दिया था, लेकिन उन्होंने अभी तक विधानसभा से इस्तीफा नहीं दिया है.

इसी तरह, विधानसभा में भाजपा के विधायकों की संख्या घटकर 24 रह गई है, क्योंकि उसके दो विधायक- ढुलू महतो (बाघमारा) और मनीष जायसवाल (हजारीबाग) ने लोकसभा चुनाव लड़ा था और वे अब सांसद हैं.  बीजेपी ने चुनाव लड़ने के लिए कांग्रेस में शामिल होने वाले मांडू सीट से विधायक जयप्रकाश भाyई पटेल को निष्कासित कर दिया है. हालांकि, पटेल ने अभी तक विधानसभा से इस्तीफा नहीं दिया है.

*सीएम बानने के बाद हेमंत के सामने क्या हैं चुनौती*

सीएम के पद पर शपथ लेने के बाद हेमंत सोरेन के पास  सबसे पहला चुनौती होगा  चंपई सोरेन की नाराजगी को मैनेज करना, क्योंकि कोल्हान के लोग जो चंपई के सीएम  बनने से खुश थे वे नाराज हो सकते हैं उन्हें मानना चम्पई  सोरेन को पार्टी और सरकार में सही जगह देना.
ब्रेकिंग: हेमंत सोरेन फिर से होंगे सीएम!, चंपाई सोरेन देंगे इस्तीफा, INDIA गठबंधन की बैठक में फैसला

डेस्क: इस वक्त झारखंड की राजधानी रांची से बड़ी खबर सामने आ रही है, जहां इंडिया गठबंधन के विधायक दल की अहम बैठक में बड़ा फैसला लिया गया है. इंडिया गठबंधन की इस महत्वपूर्ण बैठक में झारखंड में नेतृत्व बदलाव को लेकर चर्चा हुई है. ऐसे में सूत्रों के अनुसार जो खबर मिल रही है उसके मुताबिक हेमंत सोरेन झारखंड के नए सीएम बन सकते हैं. 

इंडिया गठबंधन के विधायक दल की बैठक हेमंत सोरेन को एक बार फिर से झारखंड का मुख्यमंत्री बनाने की बात पर सहमति बन गयी है. यानि हेमंत सोरेन एक बार फिर से झारखंड के मुख्यमंत्री बनने वाले हैं.

झारखंड में तीन दिनों से हो रही वारिश,मौसम विभाग ने कुछ जिलों में किया येलो अलर्ट जारी

झारखंड डेस्क 

झारखंड में मानसून के आगमन के बाद अब नियमित बारिश होने लगी.पिछले तीन दिनों से राज्य के कई जिलों में बारिश हो रही है। मौसम विभाग ने आज 17 जिलों के लिए यलो अलर्ट जारी किया है। इनमें कोडरमा, हजारीबाग रांची पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम का इलाका, बोकारो, दुमका, गोड्डा समेत अन्य जिले शामिल हैं।

मौसम विभाग के मुताबिक, जुलाई में अच्छी बारिश हो सकती है। प्रदेश में 24 घंटे में सरायकेला सबसे गर्म रहा। यहां का तापमान 37 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

मौसम विभाग ने आज से लेकर 7 जुलाई तक राज्य के कई हिस्सों में गरज के साथ बारिश की संभावना मौसम विभाग ने जताई है। मौसम विभाग ने आज और कल राज्य के उत्तरी और निकटवर्ती मध्य भाग में भारी बारिश की संभावना जताई है। 4 जुलाई से मौसम विभाग ने किसी तरह का अलर्ट जारी नहीं किया है। राज्य में अभी मानसून एक्टिव है।

जुलाई में होंगी अच्छी बारिश

जून महीने में जितनी बारिश होनी चाहिए थी। उतनी नहीं हुई। मौसम विभाग संभावना जता रहा है कि इस महीने अच्छी बारिश होगी। जिससे जून महीने में बारिश में हुई कमी की भरपाई भी हो सकती है। राज्य में अगले 15 दिनों में सामान्य बारिश के आसार हैं।

रांची में कल पुरे दिन छाए आसमान में बादल

रांची में कल बारिश हुई और पूरे दिन आसमान में बादल छाए रहे। पिछले दस सालों के आंकड़े बताते हैं कि साल 2017 में 81 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई है और 2021 में 42 प्रतिशत अधिक बारिश हुई जबकि 2023 में 36 प्रतिशत कम हुई और 2014 से 2023 के आंकड़े बताते हैं कि इन दो सालों को छोड़कर राज्य में हमेशा कम बारिश हुई।

तापमान में गिरावट, लोगों को मिली राहत

सरायकेला का पारा 37 डिग्री

राज्य के कई जिलों में तापमान 38 डिग्री सेल्सियस से नीचे आ गया है। राज्य में पिछले 24 घंटे के तापमान पर नजर डालें तो सबसे अधिक तापमान सरायकेला में 37 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है जबकि न्यूनतम तापमान रांची में 23.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है।

यहाँ हुई सबसे अधिक बारिश

राज्य में सबसे अधिक बारिश सिमडेगा के बांसजोर में 74.6 एमएम बारिश हुई। जिन जिलों में अधिकतम तापमान अब भी 35 डिग्री से अधिक है। उनमें जामताड़ा 35.3, गोड्डा 35.4, बहरागोड़ा, 35.8 और पश्चिमी सिंहभूम जहां तापमान 35.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।।

17 वर्षीय छात्रा को सांप काटने से मौत, अस्पताल में डॉक्टरों ने किया मृत घोषित

 शव को घर लेकर बंगाल से बुलाये गए तांत्रिक ने जिन्दा करने का किया प्रयास, 18 घंटे के बाद पुलिस हस्तक्षेप के बाद किया गया शव का अंतिम संस्कार 

झा. डेस्क 

पटमदा थाना क्षेत्र के लच्छीपुर पंचायत के बांतोड़िया गांव में एक 11 वीँ की छात्रा को सांप काटने से मौत हो गयी.अस्पताल द्वारा मृत घोषित किये जाने के बाद भी उसके परिजनों ने उसका पोस्टमार्टम नहीं करने दिया. गांव वापस लाकर 18 घंटे तक जहर फूक कराया, बाद में पुलिस हस्तक्षेप के बाद उसका पोस्टमार्टम और अंतिम संस्कार कराया गया.

जानकारी के अनुसार पटमदा थाना क्षेत्र अंतर्गत लच्छीपुर पंचायत के बांतोड़िया गांव का है। गांव के महेंद्र हांसदा की करीब 17 वर्षीय बेटी चिंतामणि हांसदा को रविवार सुबह करीब 10 बजे खेत में मवेशी चराने के दौरान जहरीले सांप ने पैर में डस लिया।

 तत्काल उसे कुछ समझ नहीं आया। वह करीब दो घंटे तक वहीं रही और धीरे-धीरे जब सांप का जहर शरीर में फैलने लगा तो वह घर लौट गई।

मुंह से निकलने लगा झाग

घर पहुंचने के बाद चिंतामणि ने परिजनों से पानी मांगी। इसके बाद उसके मुंह से झाग निकलना शुरू हुआ तो परिजनों को शक हुआ। पूछताछ में उसने बताया कि शायद किसी सांप ने डस लिया है। वह कुछ भी स्पष्ट जवाब नहीं दे पा रही थी। आनन-फानन में उसे एमजीएम अस्पताल लाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इसके बाद परिजन शव लेकर घर आ गए।

 शव को घर ले जाकर बंगाल के एक ओझा से 18 घंटे तक झाड़-फूंक कराते रहें।

गांव में पहुंची पुलिस

गांव में पुलिस-प्रशासन के पहुंचने के बाद परिजन पोस्टमॉर्टम को राजी हुए और सोमवार दोपहर शव को एमजीएम मेडिकल कॉलेज भेजा गया। मामला 

मृत घोषित करने के बाद ओझा से किया संपर्क

एमजीएम अस्पताल के चिकित्सक के मृत घोषित करने के बाद परिजनों ने शव को घर लाकर ओझा से संपर्क किया। इसके बाद उसे जिंदा करने के प्रयास में सोमवार तक झाड़-फूंक चलता रहा। सूचना पाकर पटमदा थाना प्रभारी करमपाल भगत गांव पहुंचे और परिजनों को समझाकर शव को एमजीएम मेडिकल कॉलेज भेजा।

पीड़ित परिवार को 4 लाख मुआवजे का है प्रावधान

बता दें कि आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से सर्पदंश से पीड़ित परिवार को 4 लाख रुपये मुआवजा मिलने का प्रावधान है। बताते हैं कि चिंतामणि पटमदा इंटर कॉलेज, जाल्ला में 11वीं की छात्रा थी। रविवार को स्कूल की छुट्टी होने की वजह से वह खेत में मवेशी चराने गई हुई थी। इस दौरान सांप के डसने से उसकी मौत हो गई।

झारखंड: नीट पेपर लिक मामले में अब दो शिक्षकों पर कसा शिकंजा,सीबीआई ने भेजा समन जाँच के दायरे में और कुछ लोग आ सकते हैं


झारखण्ड डेस्क 

 नीट पेपर लीक में अब जांच का शिकंजा कसता जा रहा है। प्राचार्य की गिरफ्तारी के बाद अब जांच की जद में शिक्षक भी आ गये हैं। हाल के दिनों में नीट पेपर लीक का पूरा फोकस हजारीबाग रहा है। मामले की जांच कर रही सीबीआई ने अब इस मामले में ओएसिस स्कूल के दो शिक्षकों को सीबीआई ने समन भेजा है और उन्हें पटना सीबीआई के दफ्तर में हाजिर होने का आदेश जारी किया गया है। 

इस मामले में कुछ और बड़े खुलासे हो सकते हैं। कुरियर कंपनी के साथ-साथ कुछ कोचिंग संस्थानों की गतिविधियों पर भी सीबीआई की नजर है। आशंका है कि पर्चा लीक का कोई बड़ा खेल हजारीबाग में खेला गया है। 

ये सिर्फ एक स्कूल और शिक्षक-प्राचार्य तक सिमटा नहीं है, बल्कि इसके तार कहीं और भी जुड़े हुए हैं। 

लिहाजा सीबीआई उस चेन की तलाश कर रही है, जिसके जरिए यह जाना जा सके प्रश्न पत्र कैसे और कब लीक हुआ। सीबीआई की टीम अभी भी लगातार जांच का केंद्र हजारीबाग को बनाये हुए है। जानकारी मिली है कि गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में कुछ कामयाबी तो सीबीआई को मिली है, लेकिन उतनी भी सफलता अब तक नहीं मिल पायी है, जिसके बूते इस परीक्षा के पेपर लीक के मास्टर माइंड तक पहुंचा जा सके। 

आपको बता दें कि यहां से तीन लोगों को सीबीआई ने गिरफ्तार किया है. जिसमें ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल एहसान उल हक, वाइस प्रिंसिपल इम्तियाज आलम और पत्रकार जमालुद्दीन शामिल है। शिक्षकों से पूछताछ में कुछ और कड़ी का जानकारी सीबीआई को मिल सकती है।

राष्ट्रीय कोलियरी मजदूर यूनियन के कार्यकारी अध्यक्ष अनुपमा सिंह मिली हेमंत सोरेन से,कहा सत्य की हुई जीत,भाजपा के झूठ का हुआ पर्दाफाश

झा. डेस्क 

रांची : राष्ट्रीय कोलियरी मजदूर यूनियन की कार्यकारी अध्यक्ष अनुपमा सिंह ने झारखंड उच्च न्यायालय के आदेश का स्वागत करते हुए आज पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी के आवास में मिलकर पुष्प गुछ देकर शुभकामनाएं एवं बधाइयां दी और कहा कि लोकसभा के चुनाव से पूर्व साजिशों के तहत हेमंत सोरेन की बढ़ती लोकप्रियता से केंद्र सरकार डर कर गलत केस में फँसाया.

उन्होंने हेमंत सोरेन से मिलकर कहा केंद्र के गलत नीतियों के खिलाफ संघर्ष जारी रहेगा,इनके धमकियों से हेमंत नहीं डरेगें,नहीं दबेंगें. बल्कि झारखंड और आदिवासियों की आवाज बुलंद करते रहेगें.

झारखंड सरकार यहां के लोगों के पक्ष में नीतियां बना रहे थे जिसे केंद्र सरकार में खलबली घबराहट भरी हुई थी. लोकसभा चुनाव में महागठबंधन के साथ में प्रचार प्रसार ना कर पाए चुनाव प्रभावित करने की साजिश का ही नतीजा था कि बिना किसी सबूत के 5 महीने मोदी सरकार ने सरकारी एजेंसियों का दुरुपयोग कर, पहले दबाव बनाया,भय दिखाकर सरकार गिराने की साजिशे रची, जब उसमें सफलता नहीं मिली तो अंत में झूठे आरोप लगाकर भूमि घोटाले से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में फंसाकर केंद्र की सरकार ने झारखंड के सबसे लोकप्रिय आदिवासी बड़े नेता को जेल भेजने का काम किया.लेकिन भगवान के घर देर है अंधेर नहीं.

 

उन्हें हाई कोर्ट ने जमानत देते हुए कहा कि किसी भी रजिस्टर/ राजस्व रिकॉर्ड में उक्त भूमि के अधिग्रहण और कब्जे में याचिकर्ता की प्रत्यक्ष भागीदारी का कोई संकेत नहीं है आज सच्चाई की जीत हुई है उनके बाहर आने से महागठबंधन एवं कार्यकर्ताओं में नहीं ताकत और नहीं ऊर्जा का संचार होगा मैं विश्वास दिलाती हूं कि झारखंड की जनता इस बार भाजपा को जड़ से उखाड़ फेंकने का काम करेगी.

झारखंड विंधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा की रणनीति तय,राज्य के 26% आदिवासी वोट हथियाने के लिए सभी बड़े आदिवासी नेता को उतारा जयेगा मैदान में

झारखंड डेस्क

हेमन्त सोरेन की जमानत और आदिवासी समुदाय में झामुमो के प्रति सहानुभूति भाजपा के लिए अभी सबसे बड़ी चुनोती है।राज्य में आदिवासी समुदाय की 26%वोट है।पिछले लोकसभा चुनाव में जो रुझान रहा उसमे साफ तौर में दिखा कि आदिवासी वोट का प्रतिशत ज्यादा झामुमो के साथ दिखा। 

अब इधर झारखंड में विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू हो गयी है। भाजपा हर हाल में विधानसभा चुनाव में जीत कर झारखंड में डबल इंजन की सरकार बनाना चाहती है।इसके लिए रणनीति की दिशा तय करने के लिए 

 बीजेपी के चुनाव सह प्रभारी हिमंत विश्व शर्मा ने रांची दौरे पर आए ।इस दौरे में जो भाजपा की रणनीति सामने आई उसके अनुसार यह साफ हो गया है कि भाजपा राज्य के आदिवासी वोट को अपने पक्ष में करने के लिए पूरी तरह से जूट गयी है। 

इसको लेकर 29 जून को एकदिवसीय रांची दौरे पर पहुंचे हिमंत विश्व शर्मा ने पार्टी के सभी जनजातीय नेताओं के साथ मुलाकात की। इस मुलाकात में जो तस्वीरें सामने आयी उससे साफ हो गया कि बीजेपी अब राज्य की 26% आदिवासी वोट को अपना बनाना चाहती है।

दरअसल हिमंत विश्व शर्मा ने रांची दौरे के दौरान बीजेपी की जिन ट्राइबल बड़े नेताओं के साथ मुलाकात की, उन सभी नेताओं को झारखंड विधानसभा में चुनाव लड़ने के लिए उतारा जा सकता है।इस लिस्ट में अगर अरुण उरांव को छोड़ दें तो तो चाहे वह अर्जुन मुंडा हो या फिर सुदर्शन भगत, गीता कोड़ा, सीता सोरेन या फिर समीर उरांव. इन तमाम नेताओं को लोकसभा चुनाव में हार का मुंह देखना पड़ा है। लेकिन, झारखंड में यह सभी पार्टी के लिए बड़े ट्राइबल लीडर्स में एक है।

लोकसभा चुनाव में भले ही इन नेताओं का परफॉर्मेंस बहुत बेहतर नहीं रहा है।लेकिन, पार्टी इन सभी बड़े चेहरों को विधानसभा चुनाव में मौका दे सकती है। इससे पार्टी लोकसभा चुनाव में एसटी सीटों पर हार की कहानी से आगे बढ़़कर विधानसभा चुनाव की तैयारी को लेकर एक नया मोड़ दे सकती है। इसके साथ ही 26% आदिवासी समाज के सामने एक बड़ा मैसेज भी दिया जा सकता है।दरअसल लोकसभा चुनाव के बाद यह कयास लगाया जा रहा था कि पार्टी के जिन बड़े नेताओं को हार मिली है अब विधानसभा चुनाव में उनकी भूमिका क्या होगी.वैसे इन सभी नेताओं की अपने क्षेत्र में कैडर वोट पर अच्छी पकड़ है।

फिलहाल सूत्रों से जो जानकारी मिल रही है कि हिमंत विश्व शर्मा का रांची दौरा पार्टी आलाकमान के इसी मैसेज के साथ फिक्स किया गया था।आइए आपको बताते हैं कि 29 जून को हिमंत विश्व शर्मा ने जिन ट्राइबल नेताओं के साथ मुलाकात की है अगर उन्हें विधानसभा चुनाव में उतारा गया तो उनका क्षेत्र कौन सा हो सकता है।

समीर उरांव- गुमला

सुदर्शन भगत- लोहरदगा

अर्जुन मुंडा- खरसावां

गीता कोड़ा- जगन्नाथपुर

सीता सोरेन/जयश्री सोरेन

 ;(बेटी)- जामा

अरुण उरांव- अभी तय नहीं

इस लिस्ट में अरुण उरांव ने फिलहाल कोई चुनाव नहीं लड़ा है।हालांकि उन्होंने लोकसभा चुनाव में लोहरदगा सीट से कोशिश जरूर की थी लेकिन टिकट सुदर्शन भगत को दिया गया था। वैसे अरुण उरांव मूल रूप से गुमला के सिसई विधानसभा क्षेत्र के रहने वाले हैं. ऐसे में उनकी इच्छा लोहरदगा या फिर गुमला के ही किसी विधानसभा क्षेत्र से हो सकती है।

विधानसभा अपने कर्मियों को प्रोन्नत करने के लिए किया है परीक्षा का आयोजन


झारखंड विधानसभा में पूर्व स्पीकर इंदर सिंह नामधारी और आलमगीर आलम के कार्यकाल में नियुक्त हुए 400 से अधिक कर्मियों की बहाली पर सवाल उठे हैं. इससे संबंधित मामला हाइकोर्ट में भी चल रहा है. इस बीच विधानसभा अपने चतुर्थवर्गीय कर्मियों को कनीय सचिवालय सहायक व निम्न वर्गीय लिपिक के साथ-साथ सुरक्षा प्रहरी पद पर प्रोन्नत करने जा रही है.

14 जुलाई को केराली स्कूल में होगी सीमित परीक्षा

प्रोन्नति के लिए 14 जुलाई को सीमित प्रतियोगिता परीक्षा केराली स्कूल में दिन के 11 से 2 बजे तक होगी. परीक्षा में चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी हिस्सा ले सकते हैं. परीक्षा पास होने पर वे कनीय सचिवालय सहायक के निम्नवर्गीय लिपिक के पद पर प्रोन्नत होंगे. सुरक्षा प्रहरी के लिए शारीरिक टेस्ट भी होगा.

स्नातक या इसके समकक्ष दे पाएंगे सचिवालय सहायक की परीक्षा

झारखंड विधानसभा में सचिवालय सहायक के पद पर प्रोन्नति के लिए स्नातक या इसके समकक्ष योग्यता रखी गयी है. परीक्षा सामान्य हिंदी, सामान्य ज्ञान और गणित की होगी. कनीय सचिवालय सहायक या निम्नवर्गीय लिपिक पद के इच्छुक कर्मियों को कंप्यूटर टाइपिंग का भी ज्ञान होना चाहिए.

सुरक्षा प्रहरी के लिए दौड़, लांग जंप और हाइ जंप का प्रावधान

वहीं, सुरक्षा प्रहरी के लिए इच्छुक कर्मियों को एक किलोमीटर दौड़, छह फीट लांग जंप और तीन फीट हाइ जंप पास करना होगा. इसके लिए न्यूनतम 40 अंक लाना अनिवार्य होगा. सफल कर्मियों की सेवा आरक्षण नियम के अनुरूप तय होगी. इस पद के लिए 3 जुलाई तक आवेदन करना होगा.