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सुशासन और विकास को लेकर छत्तीसगढ़ सरकार ने देश के जाने-माने विशेषज्ञों से किया विचार-विमर्श, विकसित छत्तीसगढ़ का रोड मैप तैयार करने पर हुआ मंथन

रायपुर। शासन और प्रबंधन दो अलग-अलग शब्द हैं, दो अलग-अलग कार्य हैं, लेकिन एक-दूसरे से जुड़े हुए भी हैं। एक के हिस्से में नीति के निर्माण का दायित्व है, तो दूसरे के हिस्से में क्रियान्वयन की जिम्मेदारी। भारतीय लोकतांत्रिक ढांचे में नागरिकों की अपेक्षाओं को पूरा करने की जवाबदेही जहां शासन पर रही, वहीं प्रबंधन की बारीकियों से जनप्रतिनिधियों का आमतौर पर ज्यादा लेना-देना नहीं रहा। लेकिन हाल ही में छत्तीसगढ़ में कुछ ऐसा नया घटित हुआ कि अब इस विचित्र विडंबना का अंत होता दिख रहा है।

छत्तीसगढ़ के मंत्रियों को प्रबंधन की बारिकियां समझाने, सहयोग, नवाचार और दूरदर्शिता को बढ़ावा देने, राज्य के समृद्ध और समावेशी भविष्य के लिए आवश्यक सुधारों के बारे में विचार-विमर्श करने तथा विकास को लेकर जनप्रतिनिधियों की अंतर्दृष्टि को परिष्कृत करने के लिए बीते दो दिनों तक, यानी 31 मई से लेकर 01 जून तक इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, रायपुर ने स्वयं के द्वारा डिजाइन किया गया एक अनूठा आयोजन किया। इस आयोजन को आईआईएम ने चिंतन-शिविर नाम देकर पारंपरिक आयोजनों का टच देते हुए एक बिलकुल नयी और ताजी परंपरा की शुरुआत कर दी। देश में संभवतः पहली बार ऐसा हुआ है कि किसी चिंतन-शिविर में निर्वाचित जनप्रतिनिधियों ने राजनीतिक रणनीति के बजाय दायित्वों के निर्वहन के लिए रणनीति पर गहन मंथन किया है।

राज्य की विष्णु देव साय सरकार की पहल पर ही आईआईएम ने इस बौद्धिक अनुप्रयोग का आयोजन किया था। इसमें गुड गवर्नेंस से बेस्ट गवर्नेंस की ओर बढ़ने और सुशासन की संकल्पना को मूर्त रूप देते हुए विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण के लिए सरकार के विजन को और तीक्ष्ण करने के संबंध में विषय-विशेषज्ञों से मंत्रियों ने विचार-विमर्श किया। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और मंत्रिमंडल के उनके सहयोगियों ने सुशासन तथा बेस्ट प्रक्टिसेस के संबंध में विषय विशेषज्ञों के साथ अपने आइडियाज साझा किए। साथ ही अपनी जिज्ञासाएं भी रखी। इस दौरान मुख्यमंत्री और उनके सहयोगी लगातार दो दिनों तक आईआईएम की कक्षा में न केवल उपस्थित रहे, बल्कि इस दौरान उन्होंने सम्पूर्ण छात्र जीवन को अपनाए भी रखा।

आईआईएम के इस आयोजन में राज्य सरकार ने देशभर के विषय विशेषज्ञों के साथ विकसित छत्तीसगढ़ की डिजाईन तथा क्रियान्वयन के रोड मैप पर बौद्धिक विमर्श किया। साथ ही इस संबंध में भी विमर्श हुआ कि वर्ष 2047 तक विकसित भारत के बड़े लक्ष्य को हासिल करने के लिए किस तरह विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण के लिए समयबद्ध लक्ष्य निर्धारित किए जा सकते हैं।

इस सार्थक संवाद की खूबी यह रही कि इसमें छत्तीसगढ़ की जरूरतों, प्राथमिकताओं, संभावनाओं पर चर्चा के साथ-साथ विशेषज्ञों से महत्वपूर्ण सुझाव भी सरकार को प्राप्त हुए। नीति आयोग के सीईओ बी.वी.आर. सुब्रमण्यम ने आगामी 10 वर्षाें में विकसित छत्तीसगढ़ निर्माण की रूपरेखा प्रस्तुत की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बीते 10 वर्षाें में देश की अर्थव्यवस्था को एक नई ऊंचाई दी है। सामाजिक-आर्थिक विकास को लेकर छत्तीसगढ़ में अपार संभावनाएं हैं। देश की अर्थव्यवस्था को बूस्ट करने में छत्तीसगढ़ महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकता है। नीति आयोग के पूर्व सीईओ और जी 20 के शेरपा श्री अमिताभ कांत ने कहा कि छत्तीसगढ़ में प्राकृतिक सुन्दरता भी है और प्रचुर खनिज संपदा भी। राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए खनिजों का विवेकपूर्ण दोहन जितना महत्वपूर्ण है, उतना ही महत्वपूर्ण यहां पर पर्यटन की संभावनाओं का विकास और उसकी ब्रांडिंग भी है।

आयोजन में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के साथ उपमुख्यमंत्री द्वय अरूण साव एवं विजय शर्मा, आदिम जाति विकास एवं कृषि मंत्री राम विचार नेताम, खाद्य मंत्री दयाल दास बघेल, वन एवं जल संसाधन मंत्री केदार कश्यप, वाणिज्य उद्योग एवं श्रम मंत्री लखन लाल देवांगन, लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी, महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाडे, खेलकूद एवं युवा कल्याण मंत्री टंक राम वर्मा उपस्थित थे।

केन्द्रीय जेल रायपुर में बंदी कैदियों को सीसीटीवी इंस्टालेशन प्रशिक्षण कार्यक्रम

रायपुर-  छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान, आरसेटी-रायपुर के माध्यम से केन्द्रीय जेल रायपुर में विचाराधीन एवं सजायाफ्ता कैदियों को कौशल विकास एवं स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से 13 दिवसीय इंस्टालेशन ऑफ सीसीटीवी कैमरा, फायर अलार्म एवं स्मोक डिटेक्टर विषय पर 34 कैदी को प्रशिक्षण प्रदाय किया गया, जिसमें सीसीटीवी इंस्टालेशन की तकनीकी तथा उद्यमिता विकास के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदाय की गई। प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की मिशन संचालक नम्रता जैन की उपस्थिति में किया गया।

प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन पर मिशन संचालक द्वारा प्रशिक्षार्थी कैदियों से प्रशिक्षण कार्यक्रम संबंधी उनके अनुभव एवं प्रशिक्षण से लाभ के संबंध में जानकारी ली गई, साथ ही जेल में बंद कैदियों को और किन-किन तरह के ट्रेड में प्रशिक्षण प्रदाय किया जा सकता है इत्यादि विषयों पर सुझाव मांगे गए। जिस पर कुछ प्रशिक्षार्थी कैदियों द्वारा जेल परिसर में सामान्यतः ग्रामीण जनजीवन को आधार बनाकर कृषि, पशुधन से संबंधित विषयों पर प्रशिक्षण प्रदान करने और बंदी कैदियों को बाहरी दुनिया में बेहतर अवसर प्रदान किए जाने की मांग की गई। कैदियों की क्षमताओं का सृजनात्मक उपयोग के लिए आगे भी जेल परिसर में विभिन्न प्रकार ट्रेड जैसे-कृषि कार्य, नर्सरी, सिलाई एवं बेकरी इत्यादि में मांग अनुरूप स्वरोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण करवाने हेतु मिशन संचालक महोदया द्वारा आश्वासन दिया गया। उक्त प्रशिक्षण के समापन कार्यक्रम के दौरान अमित शांडिल्य केन्द्रीय जेल अधीक्षक रायपुर, दीपक मिश्रा, उप आंचलिक प्रबंधक बैंक ऑफ बड़ौदा रायपुर, मनोज मिश्रा सहायक राज्य कार्यक्रम प्रबंधक-जॉब्स्, एसआरएलएम स्टेट आरसेटी नोडल, अरूण कुमार सोनी स्टेट कंट्रोलर ऑफ आरसेटी, अशोक कुमार सिंह स्टेट डायरेक्टर ऑफ आरसेटी, नवीन कुमार सिंग, निदेशक आरसेटी, कौशल कुमार मिश्रा, सीनियर फेकल्टी आरसेटी रायपुर, शशांक दीवान जेल शिक्षक, चंदन साहू प्रशिक्षक एवं दिलीप कुमार यदु एफएलसी उपस्थित रहे।

घरेलू और गैर घरेलू उपभोक्ताओं की बिजली की दरों में हुई बीस पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि…

रायपुर-  छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए वार्षिक राजस्व आवश्यकता एवं उपभोक्ताओं के लिए विद्युत दरों का निर्धारण किया है. राज्य शासन द्वारा की गई राजस्व घाटे की आंशिक प्रतिपूर्ति को समायोजित करते हुए आयोग ने सभी उपभोक्ता श्रेणियों में औसत 8.35 प्रतिशत वृद्धि अनुमोदित की गई है.

छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष हेमंत वर्मा और सदस्य प्रमोद कुमार गुप्ता ने प्रेस कांफ्रेंस में विद्युत दरों में हुई बढ़ोतरी की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि राज्य की विद्युत कंपनियों के विगत वर्षों के राजस्व घाटा तथा राजस्व आधिक्य पर विचारोपरान्त वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए विद्युत वितरण कंपनी द्वारा मांग की गई वार्षिक राजस्व आवश्यकता 26037 करोड़ रुपए के स्थान पर 24594 करोड़ रुपए मान्य किया गया है.

इसी तरह से वितरण कंपनी द्वारा आगामी वित्तीय वर्ष हेतु अनुमानित 33875 मिलियन यूनिट के स्थान पर 34091 मिलियन यूनिट मान्य किया गया है. इसी तरह वितरण कंपनी द्वारा वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए विद्युत की अनुमानित बिक्री पर प्रचलित टैरिफ से अनुमानित 4420 करोड़ रुपए राजस्व घाटे के स्थान पर 2819 करोड़ रुपए को मान्य किया गया है.

राज्य शासन ने वितरण कंपनी के सकल राजस्व घाटा को कम करने हेतु वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 1000 करोड रुपए की प्रतिपूर्ति राज्य शासन द्वारा करने का निर्णय लिया गया है. फलस्वरूप वितरण कंपनी को वित्तीय वर्ष 2024-25 में प्रचलित दरों से 1819 करोड़ रुपए का राजस्व घाटा अनुमानित है. राज्य वितरण कंपनी द्वारा दायर याचिका के विश्लेषण से राजस्व घाटे की प्रतिपूर्ति हेतु औसत 20.45 प्रतिशत वृद्धि अनुमानित थी, परंतु राज्य शासन द्वारा की गई राजस्व घाटे की आंशिक प्रतिपूर्ति तथा आयोग द्वारा विचारोपरान्त सभी उपभोक्ता श्रेणियों में औसत 8.35 प्रतिशत वृद्धि अनुमोदित की गई है.

औसत विद्युत प्रदाय दर एवं औसत विद्युत बिलिंग दर

वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए औसत विद्युत प्रदाय दर (Average cost of supply) 6.92 प्रति यूनिट रुपए अनुमानित की गई है. आयोग द्वारा वर्तमान टैरिफ आदेश में लिए गए निर्णयों एवं राज्य शासन द्वारा वितरण कंपनी के घाटे की प्रतिपूर्ति के फलस्वरूप औसत विद्युत बिलिंग दर 6.92 पैसे रुपए अनुमानित है, जो कि वर्तमान प्रचलित दर से औसत 53 पैसे अधिक है. तदनुसार वर्तमान प्रचलित दर से विद्युत दरों में औसत 8.35 प्रतिशत की वृद्धि अनुमोदित की गई है.

वर्तमान आदेश के मुख्य बिन्दु

- घरेलू एवं गैर घरेलू उपभोक्ताओं के विद्युत दरों में 20 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि की गई है.

- कृषि पम्पों के लिए विद्युत की दरों में 25 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि की गई है.

- मांग एवं उपलब्ध विद्युत उत्पादन के विश्लेषण उपरान्त TOD की संरचना में परिवर्तन किया गया है.

- पर्यावरण संरक्षण एवं कार्बन फुटप्रिन्ट घटाने हेतु अक्षय ऊर्जा (Green Energy) क्रय करने हेतु इच्छुक उपभोक्ताओं की सुविधा हेतु ग्रीन एनर्जी चार्ज का निर्धारण किया गया है.

- रेलवे के टैक्शन लोड हेतु लागू 20 प्रतिशत की लोड फैक्टर रिबेट को समाप्त कर दिया गया है.

- HV-5 एवं LV-5 श्रेणी के अन्तर्गत आने वाले पोहा एवं मुरमुरा मिल को ऊर्जा प्रभार में 5 प्रतिशत की छूट को जारी रखा गया है.

- जारी की जा रही नई विद्युत दरें जो कि संलग्नक-1 और संलग्नक-2 में उपलब्ध हैं. 1 जून, 2024 से प्रभावशील होंगी.

कृषि एवं कृषि संबंधी उपभोक्ता

- गैर सबसिडी वाले कृषि विद्युत पंप वाले उपभोक्ताओं को ऊर्जा प्रभार में 20 प्रतिशत छूट जारी रहेगी.

- किसानों को खेतों में लगे विद्युत पम्पों और खेतों की रखवाली के प्रयोजनार्थ पम्प कनेक्शन के अंतर्गत वर्तमान में पम्प के समीप 100 वॉट के भार उपयोग की सुविधा प्रभावशील है. किसानों के व्यापक हित को ध्यान में रखते हुए आयोग द्वारा 100 वॉट तक लाईट एवं पंखे की स्वीकृति जारी रखी गई है.

ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा प्रदाय करने वाली संस्था

- राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों, बस्तर एवं दक्षिण क्षेत्र आदिवासी विकास प्रधिकरण तथा सरगुजा एवं उत्तर क्षेत्र विकास प्राधिकरण में संचालित अस्पताल, नर्सिंग होम एवं डायग्नोस्टिक सेंटर के लिए प्रचलित विद्युत दरों के ऊर्जा प्रभार में दी जा रही 5 प्रतिशत की छूट को जारी रखा गया है.

गैर घरेलू उपभोक्ता

- पर्यावरण संरक्षण को प्रोत्साहित करने के लिए इलेक्ट्रीकल व्हीकल चार्जिंग इकाईयों हेतु इलेक्ट्रीकल व्हीकल चार्जिंग की टैरिफ को औसत विद्युत लागत के बराबर अर्थात् रू.6.92/- प्रति यूनिट निर्धारित किया गया है.

- महिला सशक्तिकरण हेतु पंजीकृत महिला स्वसहायता समूहों द्वारा संचालित उद्योग गतिविधियों और व्यवसायिक गतिविधियों को ऊर्जा प्रभार में 10 प्रतिशत की छूट जारी रखी गई है.

- राज्य के नक्सलवाद प्रभावित दूरस्थ जिलों में संचार व्यवस्था को सुदृढ़ कर मोबाईल संपर्क की सुविधा को विस्तारित करने के लिए नये मोबाईल टॉवर की स्थापना को प्रोत्साहित करने हेतु दिनांक 01.04.2019 के पश्चात् लगने वाले मोबाईल टॉवर के ऊर्जा प्रभार में 50 प्रतिशत की छूट को 25 प्रतिशत किया गया है.

निम्नदाब उद्योग

- निम्न दाब पर विद्युत प्राप्त करने वाले पोहा एवं मुरमुरा मिलों को प्रचलित ऊर्जा प्रभार में 5 प्रतिशत की छूट को जारी रखी गई है.

उच्चदाब उपभोक्ता

- रक्षा स्थापना (डिफेंस स्टेब्लिसमेंट) को ऊर्जा प्रभार में 15 प्रतिशत की रियायत जारी रखी गई है.

- उच्च दाब पर विद्युत प्राप्त करने वाले राईस मिलों, पोहा एवं मुरमुरा मिलों को प्रचलित ऊर्जा प्रभार में 5 प्रतिशत की छूट जारी रखी गई है.

- सभी उच्चदाब स्टील उपभोक्ताओं की विद्युत दरों में 25 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि की गई है एवं लागू लोड फेक्टर रिबेट में परिवर्तन करते हुए लोड फैक्टर रिबेट की अधिकतम सीमा 10 प्रतिशत निर्धारित की गई है.

हमने बिजली बिल हाफ किया, इन्होंने बिजली हाफ कर दी : भूपेश बघेल

रायपुर- छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बिजली कटौती को लेकर मौजूदा सरकार पर निशाना साधा है। भूपेश बघेल ने सोशल मीडिया X पर लिखा कि हमने तो बिजली बिल हाफ किया था, इन्होंने बिजली ही हाफ कर दी।

भूपेश बघेल ने लिखा कि एक तरफ सांय-सांय बिजली का बिल बढ़ाने की तैयारी चल रही है तो दूसरी तरफ इस भयानक गर्मी में प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में जमकर बिजली की कटौती की जा रही है। प्रदेश की जनता बेहद परेशान है, लेकिन “गारंटी” लेने वाले अभी सत्ता की मदहोशी में सो रहे हैं।

बघेल की गर्मी से बचने की सलाह

सियासी तंज कसने के साथ ही आम लोगों के लिए भूपेश बघेल ने आगे लिखा कि आप सबसे कहना है कि तापमान बहुत अधिक है। गर्मी और लू से हम सबको अपना, अपने बच्चों का और घर के बुजुर्गों का ख़्याल रखना है।

दिन में बच्चों को धूप में न खेलने दें. बुजुर्गों को बाहर जाने से रोकें. बहुत आवश्यक कार्य न हो तो आप भी घर से न निकलें। ORS, नींबू शिकंजी, ग्लूकोज, आम पना इत्यादि ठंडी चीजें पीते रहें।

बिजली का बिल बढ़ाने की है तैयारी

विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक छत्तीसगढ़ में भीषण गर्मी के बीच बिजली उपभोक्ताओं को जून में बड़ा झटका लगने वाला है। बिजली नियामक आयोग नया टैरिफ जारी करेगा। इसके बाद बिजली महंगी हो जाएगी और जुलाई में बढ़ा हुआ बिल भरना पड़ेगा।

आयोग और बिजली कंपनी के अधिकारियों के अनुसार, घरेलू उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट 10-15 पैसे तक अतिरिक्त देने होंगे। इसी तरह कॉमर्शियल और कृषि उपभोक्ताओं को भी अतिरिक्त शुल्क देना होगा। उन्होंने बताया कि नुकसान की भरपाई करने के लिए यह कदम उठाया गया है।

65 लाख से ज्यादा उपभोक्ता

बिजली कंपनी में वर्तमान में 65 लाख से ज्यादा उपभोक्ता है। ये उपभोक्ता बीपीएल, घरेलू, कॉमर्शियल और कृषि उपभोक्ता में बंटे हुए हैं। नए टैरिफ का असर बीपीएल, घरेलू और कृषि उपभोक्ता पर कम और कॉमर्शियल उपभोक्ताओं पर ज्यादा पड़ेगा।

इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदने वाले 35 हजार लोगों को मिलेगी 30 करोड़ की सब्सिडी

रायपुर- छत्तीसगढ़ में इलेक्ट्रिक व्हीकल (ईवी) खरीदने वाले 35 हजार लोगों के बैंक खातों में जून के प्रथम सप्ताह में 30 करोड़ रुपये की सब्सिडी आनलाइन जमा होगी। राज्य सरकार से 30 करोड़ रुपये मिलने के बाद ई-वाहनों को चिह्नांकित किया गया है। अधिकारियों ने बताया कि लोकसभा चुनाव की आचार संहिता समाप्त होते ही ईवी खरीदारों के खातों में राशि हस्तांतरित होगी।

बताया जाता है कि बजट नहीं होने के कारण पिछले 10 महीनों से ईवी खरीदारों को सब्सिडी का भुगतान नहीं किया जा रहा था। खाते में रकम नहीं पहुंचने के कारण ईवी खरीदार बैंक, आटोमोबाइल डीलरों और आरटीओ के चक्कर लगा रहे थे। इसकी जानकारी मिलने पर छत्तीसगढ़ परिवहन विभाग ने राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजकर 70 करोड़ रुपये बजट मांगा।

साथ ही यह बताया गया कि उनके पास केवल 70.05 लाख रुपये ही शेष बचे हैं। इसके बाद राज्य सरकार के वित्त विभाग ने 30 करोड़ रुपये का बजट जारी कर ईवी खरीदारों को राहत दी है। गौरतलब है कि अगस्त 2022 को पांच साल के लिए राज्य में ईवी पालिसी लागू की गई है। इसके तहत ईवी खरीदने वाले को वाहन की कीमत का न्यूनतम 10 प्रतिशत और अधिकतम 1.50 लाख रुपये सब्सिडी देने का प्रविधान है।

परिवहन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि ईवी खरीदारों को वर्ष 2023 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा करीब 20 करोड़ रुपये सब्सिडी जारी की गई थी। इसमें से 14 करोड़ 29 लाख 95 हजार 195 रुपये 7,656 ईवी खरीदारों को जारी किए गए थे। इसके बाद जुलाई 2023 में 2,161 वाहन चालकों को अंतिम बार पांच करोड़ 30 लाख 84 हजार 623 रुपये जारी किए गए थे।

ईवी की खरीदी करने वालों को उनके बैंक खातों में जून के प्रथम सप्ताह में सब्सिडी जमा कराने की पूरी कोशिश है। इसके लिए वित्त विभाग से 30 करोड़ रुपये का बजट प्राप्त हुआ है।

– डी.रविशंकर, अतिरिक्त परिवहन आयुक्त

यात्रियों से भरी बस में लगी भीषण आग, देखते ही देखते बस जलकर हुई खाक…

रायपुर- राजधानी रायपुर के अभनपुर में एक चलती बस में भीषण आग लग गई। घटना के दौरान 35 यात्री बस में सवार थे। सभी यात्री सुरक्षित है। वहीं बस पूरी तरह से जलकर खाक हो गई है। बताया जा रहा है कि महेंद्रा कंपनी की बस बस्तर से यात्रियों को लेकर रायपुर आ रही थी। इसी दौरान ये हादसा हुआ।

जानकारी के मुताबिक, घटना अभनपुर थाना क्षेत्र के मोहन ढाबा की है। शुक्रवार की रात जगदलपुर से 40 यात्रियों को भरकर महेंद्रा ट्रेवेल्स की एक बस रायपुर के लिए निकली थी। आज सुबह जैसे ही अभनपुर के मोहन ढाबा के पास बस पहुंची वैसे ही अचानक आग लग गई। आगजनी की सूचना के बाद बस में बैठे यात्रियों में अफरा-तफरी मच गई। सभी यात्री आनन-फानन में बस से निकले। थोड़ी ही देर में बस में लगी आग ने विकराल रूप ले लिया।

घटना की सूचना मिलने के बाद मौके पर अभनपुर थाना पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीम भी पहुंची। लेकिन तब तक बस पूरी तरह से जलकर खाक हो गई थी। गनिमत रही कि बस में बैठे यात्री समय रहते ही बाहर निकल गये। नहीं तो बड़ी दुर्घटना हो सकती थी। फिलहाल आग कैसे लगी, इसकी जांच अभनपुर पुलिस द्वारा की जा रही है।

BSNL ने बीजापुर में की 4जी सेवाओं की टेस्टिंग, 1018 गांवों में शुरू होगी मोबाइल सेवा, सैटेलाइट से जुड़ेंगे जिला और तहसील स्तर के कार्यालय

बीजापुर- जिले में बीएसएनएल की 4 जी सेवाएं की पायलट टेस्टिंग 31 मई को कलेक्टर अनुराग पाण्डेय की उपस्थिति में की गई. इस अवसर पर बीएसएनएल बस्तर के महाप्रबंधक शरत चंद्र तिवारी, हेमेन्द्र कुमार गहिरवार (समाप्र), सेत राम साहू (उपमआ), नरसिंग चंद्रा (उपमआ), संयुक्त कलेक्टर कैलाश वर्मा, एसडीएम बीजापुर जागेश्वर कौशल, डिप्टी कलेक्टर उत्तम सिंह पंचारी, दिलीप उईके एवं जिला स्तर के अन्य अधिकारी उपस्थित थे.

4 जी सेवाओं के परीक्षण के अवसर पर कलेक्टर ने बीएसएनएल केंद्र बीजापुर स्थित मोबाइल टावर में 4 जी सिग्नल को पॉवर-ऑन कर बीएसएनएल छत्तीसगढ़ के मुख्यमहाप्रबंधक विजय कुमार छबलानी (ITS) से टेस्ट वीडियो कॉल के माध्यम से संपर्क किया. टेस्टिंग कॉल सफल रही. निकट भविष्य में विधिवत सुविधा प्रदान की जाएगी.

बीएसएनएल से प्राप्त जानकारी के अनुसार, बस्तर के सभी जिलों में स्थित बीएसएनएल टावरों को 4 जी सुविधा से सुसज्जित करने का कार्य क्रमबद्ध तरीके से किया जा रहा है. इसी दिशा में आज बीजापुर में 4 जी सेवाएं की टेस्टिंग की गई. इसके अतिरिक्त 4 जी सैचुरेशन परियोजना पर भी कार्य प्रगति पर है. इस परियोजना में बस्तर के उन गांवों को शामिल किया गया है, जहां किसी भी टेलीकॉम सेवा प्रदाता द्वारा मोबाइल सेवा आरंभ नहीं की गई है. ऐसे कुल 1018 गांवों को चिन्हित किए गया है और इन गांवों को 241 नए टावर के माध्यम से मोबाइल सेवाओं से कवर किया जाएगा.

बीएसएनएल ने आज जिला प्रशासन बीजापुर के लिए सैटेलाइट के माध्यम से विशेष टेलीकॉम सुविधा का प्रदर्शन भी किया. सेटेलाइट सेवा के माध्यम से जिला कार्यालय एवं तहसील स्तर के 6 कार्यालयों को जोड़ा जाएगा.

बीजापुर में 16 नक्सली गिरफ्तार, सीएम साय ने कहा – नक्सलमुक्त बस्तर की ओर हो रहे अग्रसर

रायपुर- सुरक्षा बल के जवानों ने अपने शौर्य का परिचय देते हुए बीजापुर जिले से 16 नक्सलियों को गिरफ्तार किया है. सीएम विष्णुदेव साय ने एक्स पर लिखा है कि जवानों को मिल रही नित बड़ी कामयाबी से हम नक्सलमुक्त बस्तर की ओर अग्रसर हो रहे हैं. प्रदेश से जब तक नक्सलवाद का खात्मा नहीं हो जाता, तब तक हमारी सरकार चुप नहीं बैठेगी.

लोकसभा चुनाव-2024: 71 दिनों में 133 जनसभाएं, कठोर परिश्रम का पर्याय बने मुख्यमंत्री साय, मध्यप्रदेश, ओडिशा और झारखंड में भी झोंकी ताकत

रायपुर- 16 मार्च को लगी आचार संहिता के बाद छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने पूरे लोकसभा चुनाव के दौरान 71 दिनों में 133 सभाओं को संबोधित किया है. इस दौरान वे ओडिशा, मध्यप्रदेश, झारखंड में भी चुनाव प्रचार अभियान में शामिल हुए और कुल 33 जनसभा एवं रोड शो को संबोधित किया.

20 मार्च 2024 को दंतेवाड़ा में माँ दंतेश्वरी के दर्शन-पूजन के बाद सीएम साय ने अपने चुनावी अभियान का शुभारम्भ किया. गत 20 मार्च से 29 मई तक छत्तीसगढ़ में चौंसठ जनसभाएं मुख्यमंत्री ने ली हैं. जबकि छत्तीसगढ़ के बाहर मध्यप्रदेश, ओडिशा और झारखंड में तैंतीस आमसभाएं और रोड शो की कमान संभाली है. भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं के सम्मेलन की दृष्टि से भी अगर देखें तो उन्होंने बस्तर में दो सहित सभी ग्यारह लोकसभा सीटों में एक-एक कार्यकर्ता सम्मेलन कर कुल बारह कार्यकर्ता सम्मेलन में अपनी उपस्थिति दी है.

सामाजिक सम्मेलनों की यदि बात करें तो लगभग चौबीस बड़े सामाजिक सम्मेलनों को विष्णु देव साय संबोधित कर चुके हैं. मुख्यमंत्री ने प्रदेश के लगभग हर विधानसभा में कम से कम एक जनसभा ली है. कुल मिलाकर 71 दिनों में 133 बार उन्होंने जनता के समक्ष अपनी बात रखी है और छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव में अपनी पूरी ताकत झोंकी है. आत्मविश्वास से भरपूर मुख्यमंत्री सभी ग्यारह लोकसभा सीटें जीतने के प्रति आश्वस्त लगते हैं. सीएम साय ने मध्यप्रदेश, ओडिशा और झारखंड में भी भाजपा के बम्पर जीत की बात कही है.

आमजन की स्व-स्फूर्त भीड़ उमड़ी

मुख्यमंत्री की सभी जनसभाओं में आमजन की स्व-स्फूर्त भीड़ उमड़ी. लोगों ने सीएम साय के भाषण को बड़े ही उत्साह से सुना और ताली बजाकर, नारे लगाकर अपना पूर्ण समर्थन भी दिया. श्री साय की प्रत्येक सभा में महिलाओं की भी भारी भीड़ देखने को मिली. महिलाओं ने सीएम साय की बात को ध्यान से सुना. इसका प्रमुख कारण विष्णु सरकार द्वारा महतारी वंदन योजना को प्राथमिकता से लागू करने को माना जा रहा है. इस योजना के अंतर्गत अब तक प्रदेश की 70 लाख 12 हजार 417 महिलाओं को प्रति महीने 655 करोड़ 57 लाख रूपये के हिसाब से तीन महीने की किश्त जारी हो चुकी है.

सीएम साय ने कार्यकर्ता सम्मेलन और जनसभाओं में पिछली कांग्रेस सरकार में हुए भ्रष्टाचार, घोटाले व उनकी नाकामी को लगातार जन-जन के बीच उजागर किया. जिस पर आमजन की खूब तालियां बजी. बीच-बीच में उन्होंने जनता से कनेक्ट करने के लिए उनसे सवाल भी किये. उन्होंने बार-बार पूछा कि पीएम मोदी की सरकार तीसरी बार बनानी है या नही, जिसका जवाब हाँ में मिलता था. सीएम साय ने जनता को बताया कि कैसे भूपेश बघेल की अगुवाई में कांग्रेस ने शराब, रेत, कोयला, सरकारी जमीन, पीएससी सब में घोटाला किया और यहाँ के संसाधनों को लूटा. उन्होंने भूपेश बघेल पर महादेव एप को निर्बाध रूप से चलाने के लिए 508 करोड़ रुपए प्रोटेक्शन मनी लेने के आरोप और उस पर हुई एफआईआर को जनता को बताया, इसे छत्तीसगढ़ के लिए शर्म की बात कही. मुख्यमंत्री ने कांग्रेस द्वारा किये गए 36 वादों में एक भी वादे को ठीक से पूरा नहीं करने की बात को लगातार जनता को बताया. उनके भाषणों में यह प्रमुखता से शामिल रहा.

मोदी की गारंटी के अंतर्गत प्रमुख वादों को प्राथमिकता से पूरा किया

सीएम साय ने अपनी हर जनसभा में मोदी की गारंटी के अंतर्गत पूरे किये गए प्रमुख वादों को जनता को बताया. उन्होंने बताया कि भाजपा सरकार बनने के मात्र 100 दिनों के अंदर ही उनकी सरकार ने मोदी की गारण्टी के अंतर्गत प्रमुख वादों को प्राथमिकता से पूरा किया है. सीएम साय ने कांग्रेस नेताओं द्वारा पीएम मोदी और अन्य भाजपा नेताओं पर बोले गए अनर्गल बयानों को जनता को बताया और विपक्षी नेताओं को जमकर घेरा.

कुल मिलाकर देखा जाए तो सरल, सहज, सौम्य समझे जाने वाले मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने अपनी चुनावी सभाओं में जिस तरह कमान संभाली और कई मौकों पर आक्रामक हो कर कांग्रेस को बैकफुट पर धकेला, उससे कांग्रेसी कुनबा सदमे में है. जहाँ तक सीएम साय का सवाल है तो चुनावी जूनून में उन्होंने धुर नक्सल प्रभावित क्षेत्र में पानी-बरसात की वजह से हेलीकॉप्टर छोड़ सड़क मार्ग से ही सफर करने से भी कोई गुरेज नहीं किया. घटना नारायणपुर के बेनूर क्षेत्र की है. यह पहला मौका था जब किसी सीएम ने यहाँ सड़क मार्ग से सफर किया. विष्णुदेव साय अपने आत्मविश्वास भरे तूफानी दौरों की बदौलत सभी ग्यारह लोकसभा सीट जीतने के प्रति आश्वस्त लगते हैं. वे कहते हैं कि इस बार छत्तीसगढ़ से कांग्रेस का सूपड़ा साफ़ होना तय है.

राजधानी के गुढ़ियारी में बनेगा सरकारी कॉलेज, पूर्व मंत्री राजेश मूणत की मांग पर बजट में किया गया प्रावधान

रायपुर- छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर को जल्द ही एक नई सौगात मिलने वाली है. पूर्व कैबिनेट मंत्री और भाजपा विधायक राजेश मूणत ने बताया कि जल्द ही रायपुर शहर के गुढ़ियारी क्षेत्र में एक करोड़ की लागत से शासकीय नवीन महाविद्यालय गुढ़ियारी का नया भवन बनेगा. उन्होंने बताया कि इस महाविद्यालय के निर्माण के लिए सामुदायिक भवन के पास रिक्त शासकीय भूमि का चिन्हांकन कर लिया गया है. अब उसको उच्च शिक्षा विभाग के नाम से आबंटित करने तथा अग्रिम आधिपत्य देने के लिए कलेक्टर रायपुर से चर्चा की जाएगी .अग्रिम आधिपत्य मिलने के बाद उसका प्राक्कलन तैयार करा कर प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त करने की कार्यवाही की जाएगी.

दरअसल, लम्बे समय से गुढ़ियारी क्षेत्र में शासकीय महाविद्यालय की मांग की जा रही थी. इस विद्यालय के बनने के बाद संपूर्ण गुढ़ियारी क्षेत्र के छात्र-छात्राओं को महाविद्यालय अध्ययन के लिए दूर नहीं जाना पड़ेगा.

जहां महाविद्यालय का निर्माण होना है,वह रायपुर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र की सीमा में आता है. यहां से सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री और वरिष्ठ विधायक राजेश मूणत विधायक हैं. मूणत ने बताया कि उन्होंने मंत्री रहते हुए वर्ष 2018 में शासकीय नवीन महाविद्यालय गुढ़ियारी में आरंभ कराया था, लेकिन कांग्रेस सरकार आने के बाद बाद पूरे 5 साल तक इस महाविद्यालय के भवन निर्माण के लिए ना तो बजट में प्रावधान कराया गया ना ही भूमि की खोज की गई. अब छत्तीसगढ़ में दोबारा भाजपा की सरकार हैं, इसलिए रुके हुए विकासकार्य तेज गति से पूरे किये जायेंगे.

राजेश मूणत ने बताया कि इस वर्ष के बजट में इस महाविद्यालय के भवन निर्माण के लिए बजट प्रावधान कराया और अब इसके लिए भूमि की खोज भी कर ली गई है। कोटा राम दरबार के पीछे स्थित नगर निगम के सामुदायिक भवन के सामने खाली पड़ी शासकीय भूमि पर यह महाविद्यालय भवन बनाया जाएगा। इससे क्षेत्र के हजारों बच्चों को फायदा मिलेगा.