कल जनता करेगी चतरा लोकसभा सीट पर फैसला,फिर चलेगा मोदी का जादू,या जीतेंगे कांग्रेस के के एन त्रिपाठी
झारखंड डेस्क
20 मई को झारखंड के दूसरे और देश के पांचवे चरण का लोकसभा चुनाव है। इस चुनाव में झारखंड के चतरा के साथ कोडरमा और हज़ारीबाग में भी चुनाव होना है।
अगर बात करें चतरा लोकसभा सीट की तो यहां चुनाव मे भाजपा और कोंग्रेस के बींच है सीधा टक्कर । हलाकि मैदान में बसपा के टिकट पर पूर्व सांसद नागमणि भी हैँ। ये पूर्व में आरजेड़ी से सांसद बन चुके थे।लेकिन इस बार बसपा के प्रति कोई खास रुझान बना है।सबसे बड़ी बात है कि इस चुनाव में जानता की पसंद व्यक्ति विशेष नही बल्कि पार्टी है।इसमे लोगों की पसंद में विकल्प के रूप में एनडीए और इंडी है।
इसी लिए चतरा में बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला होने जा रहा है। यहां से भारतीय जनता पार्टी ने कालीचरण सिंह के रूप में नए चेहरे को मौका दिया गया है। तो कांग्रेस ने पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी पर दांव आजमाया है। अब फैसला चतरा की जनता के हाथ में है।
चतरा लोकसभा सीट की स्थिति
चतरा लोकसभा सीट झारखंड का सबसे छोटा सीट माना जाता है। इस लोकसभा सीट में 5 विधानसभा आती है। इसमें से सिमरिया और पांकी पर बीजेपी, चतरा पर आरजेडी, मनिका पर कांग्रेस और लातेहार पर झारखंड मुक्ति मोर्चा- जेएमएम का कब्जा है।यानी 5 विधानसभा सीटों में से 2 पर बीजेपी और 3 सीटों पर महागठबंधन के विधायक हैं।
चतरा लोकसभा सीट से सबसे ज्यादा 4 बार बीजेपी, 3 बार कांग्रेस और 2 बार आरजेडी जीती है। 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार सुनील सिंह को 5,28,077 यानी 57 फीसदी वोट मिले थे। उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के मनोज यादव सिर्फ 1,50,206 यानी 16.2 फीसदी वोट ही ला सकेथे। इस चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस के बीच वोट प्रतिशत का अंतर तीन गुना से ज्यादा रहा था।
उस समय फ्रैंडली फाइट करने के लिए आरजेडी उम्मीदवार सुभाष यादव भी मैदान में कूदे थे।पर उन्हें सिर्फ 9 फीसदी वोट मिले। 2019 के चुनाव में चतरा लोकसभा सीट से 26 उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे। इनमें से 18 उम्मीदवारों को नोटा से भी कम वोट मिले।
पीएम मोदी ने भी चतरा की जनता को किया संवोधित
झारखंड में 3 मई से 14 मई के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 6 बार चुनावी सभा और रोड शो कर चुके हैं। उन्होंने सबसे पहले 3 मई को चाईबासा में विजय संकल्प रैली के जरिए सिंहभूम और खूंटी के पार्टी उम्मीदवारों के लिए वोट मांगा था। इसी दिन उन्होंने झारखंड की राजधानी रांची में रोड शो भी किया था।अगले दिन 4 मई को पलामू और गुमला की सभा के जरिए प्रधानमंत्री ने पलामू और लोहरदगा के उम्मीदवारों के लिए चुनाव प्रचार किया था। 11 मई को पीएम मोदी चतरा में वोट मांगा।जबकि 14 मई को कोडरमा में चुनावी सभा की। रैली के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस तरह से भ्रष्टाचार पर करारा वार किया था। इससे कार्यकर्ताओं में नया जोश आया और पार्टी के चुनाव प्रचार में तेजी आ गयी। पार्टी का हर नेता और कार्यकर्ता सक्रिय हो गया।पीएम मोदी को नजदीक से देखने और सुनने के बाद कोल्हान और छोटानागपुर की जनता का नजरिया भी बदल गया।प्रधानमंत्री के ताबड़तोड़ दौरे से बीजेपी की राह आसान दिखने लगी।तो इंडिया गठबंधन के सामने नई चुनौतियां खड़ी हो गईं. प्रधानमंत्री की रैली के बाद मोदी बनाम एंटी मोदी का माहौल भी बनने लगा है।
इंडी गठबंधन में है एकजूटता का अभाव
चतरा सीट को लेकर इंडिया गठबंधन के घटक दलों के बीच काफ़ी खिचातान हुआ। लंबे समय तक यहां खटपट होती है।। आरजेडी चतरा पर बार-बार दावा ठोंकती है।। पर आरजेडी के अड़ने के बावजूद कांग्रेस ने 16 अप्रैल को पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी को उम्मीदवार बनाने का ऐलान कर दिया।पर त्रिपाठी को बाहरी बता कर कांग्रेस का एक गुट नाराज हो गया, तो आरजेडी कार्यकर्ताओं का गुस्सा भी उबल पड़ा।
चतरा सीट को लेकर इंडी गठबंधन के बीच हुआ सिर फुटोबल
टिकट बंटवारे के 6 दिन बाद 22 अप्रैल को रांची में हुई इंडिया गठबंधन की उलगुलान महारैली में कांग्रेस और आरजेडी कार्यकर्ताओं के बीच इसी बात को लेकर जबर्दस्त भिड़ंत हो गई।गोड्डा की तरह चतरा से भी कांग्रेस उम्मीदवार बदलने की मांग तेज होने लगी।पर कांग्रेस ने फैसला नहीं इसके। इसके बाद केएन त्रिपाठी के चुनाव प्रचार में सभी सहयोगी दल उतर गए।बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भी चुनावी सभा की। पर केएन त्रिपाठी पर भितरघात का खतरा अभी भी टला नहीं है।
May 19 2024, 21:30