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मीडिया, नेता-अभिनेता..! दिल्ली दंगों के आरोपी उमर खालिद को बचाने में सब लगे थे, कोर्ट में दिखाई गई व्हाट्सएप चैट, पढ़िए, पूरी रिपोर्ट

 10 अप्रैल को दिल्ली के कड़कड़डूमा कोर्ट में हिंदू विरोधी दिल्ली दंगों के आरोपी उमर खालिद की जमानत पर सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ने कहा कि खालिद के पक्ष में न्यायपालिका को प्रभावित करने के लिए मीडिया घरानों, कार्यकर्ताओं और गैर सरकारी संगठनों (NGO) द्वारा मीडिया और सोशल मीडिया पर झूठी कहानी गढ़ी जा रही है। कल, अभियोजक ने स्पष्ट रूप से बताया कि जब खालिद जेल में नहीं था, तो वह एक कहानी स्थापित करने के लिए मीडिया और सोशल मीडिया का उपयोग कर रहा था। वह सोशल मीडिया पर पोस्ट करता था और अपने प्रभावशाली संपर्कों का उपयोग करके कहानी सेट करता था, खासकर जब दिल्ली दंगों के आरोपियों की जमानत पर सुनवाई होती थी।

9 अप्रैल को सुनवाई के दौरान, विशेष लोक अभियोजक (SPP) अमित प्रसाद ने उमर खालिद और स्वरा भास्कर, सुशांत सिंह, ऑल्टन्यूज़, योगेन्द्र यादव, संजुक्ता बसु, पूजा भट्ट और अन्य जैसे कई प्रभावशाली व्यक्तियों के बीच व्हाट्सएप चैट का खुलासा किया, ताकि यह प्रदर्शित किया जा सके कि दिल्ली दंगों का आरोपी और ये सब मिलकर, कैसे न्यायपालिका को अपने पक्ष में प्रभावित करने के लिए अपने पक्ष में एक झूठी कहानी गढ़ रहे थे। 

अमित प्रसाद ने द वायर की अरफा खानम शेरवानी के साथ एसक्यूआर इलियासी के साक्षात्कार का उदाहरण भी दिया था, जहां उन्होंने कई झूठे और भ्रामक बयान दिए थे। विशेष रूप से, साक्षात्कार के दौरान, इलियासी ने उमर खालिद की जमानत की सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट में 14 स्थगनों का उल्लेख किया, लेकिन आसानी से उस हिस्से को छोड़ दिया कि 14 में से सात स्थगन खालिद द्वारा मांगे गए थे। यह इंटरव्यू अदालत में यह प्रदर्शित करने के लिए चलाया गया था कि न्यायिक प्रक्रिया को प्रभावित करने के लिए किस तरह कहानी के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।

आज, SPP अमित प्रसाद ने कोर्ट में आगे कहा कि जब उमर खालिद जेल से बाहर था, तो वह अपने पक्ष में कहानी बदलने के लिए प्रभावशाली व्यक्तियों का इस्तेमाल कर रहा था। हालाँकि, अब, जबकि वह जेल में है, उसके मामले में न्यायिक प्रक्रिया को प्रभावित करने के लिए सोशल मीडिया और मीडिया पर अन्य लोगों द्वारा इस कहानी में जहर घोला जा रहा है। अभियोजक ने कोर्ट को बताया कि, (कांग्रेस की करीबी) तीस्ता सीतलवाड, आकार पटेल, एमनेस्टी इंटरनेशनल, अज़हर खान, कौशिक राज और स्वाति चतुर्वेदी जैसे कई नाम लिए जो कहानी स्थापित करने में मदद कर रहे हैं। अभियोजक ने आगे उल्लेख किया कि ये व्यक्ति और संस्थाएं उनके समर्थन में हैशटैग चलाते हैं और मामले की झूठी कहानी पेश करते हैं।

दिल्ली दंगों को क्यों कहा जाता है हिन्दू विरोधी दंगा ?

बता दें कि, 2020 दंगों का मुख्य आरोपी और आम आदमी पार्टी (AAP) का पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन खुद कबूल चुका है कि, उसने हिन्दुओं को सबक सीखाने के लिए यह साजिश रची थी। इस ताहिर हुसैन को बचाने के लिए भी ऑल्टन्यूज़, राणा अय्यूब, संजुक्ता बसु (राहुल गांधी की करीबी) ने सोशल मीडिया पर काफी भ्रम फैलाया था, लेकिन जब कोर्ट में ट्रायल चला, तो ताहिर हुसैन ने खुद कबूल किया कि उसके द्वारा जुटाई गई भीड़ अधिक से अधिक हिन्दुओं को मारना चाहती थी। ताहिर ने कोर्ट में कबूला कि, उसने इलाके के CCTV तुड़वा दिए थे और अपने लोगों को लाठी-डंडों और हथियारों को इकठ्ठा करने के लिए कहा था। जबकि, दूसरी तरफ हिन्दुओं को यह पता ही नहीं था, कि उन पर हमला करने के लिए कई दिनों से तैयारी चल रही है। किसी भी अनहोनी की आशंका से बेफिक्र हिन्दुओं पर जब हमला हुआ, तो वे खुद को बचा भी न सके। कोर्ट ने यह भी माना है कि सबूतों से यह पता चला है कि तमाम आरोपित हिंदुओं को निशाना बनाने, उन्हें मारने और संपत्तियों को ज्यादा से ज्यादा नुकसान पहुँचाने में लिप्त थे। हिंदुओं पर अंधाधुंध फायरिंग यह स्पष्ट करती है कि यह भीड़ जानबूझकर हिंदुओं की हत्या चाहती थी। हिंदुओं की दुकानों को आग के हवाले किया जाने लगा, लूटा जाने लगा और पत्थरबाजी चालू हो गई। इन दंगों में 53 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 200 से अधिक घायल हुए थे।  

इसी हिन्दू विरोधी दंगे में इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) के अफसर अंकित शर्मा की भी हत्या की गई थी, उनके शरीर पर चाक़ू के 51 जख्म निशान मिले थे। यानी नफरत इस हद तक थी कि, मौत होने के बाद भी अंकित को लगातार चाक़ू मारे जा रहे थे, उनकी लाश AAP के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन के घर के पास स्थित एक नाले से मिली थी। यहाँ तक कि, ताहिर हुसैन पर आरोप तय करने वाली कोर्ट खुद यह कह चुकी है कि, दंगाई भीड़ का मकसद केवल और केवल हिन्दुओं को मरना और उन्हें नुकसान पहुँचाना था। वहीं, तत्कालीन AAP पार्षद खुद यह कबूल चुका है कि, उनका मकसद हिन्दुओं को सबक सिखाना ही था।

शराब घोटाला मामले में के कविता की बढ़ी मुश्किलें, ईडी के बाद सीबीआई ने कसा शिकंजा

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दिल्ली शराब घोटाला से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार बीआरएस नेता के. कविता की मुश्किलें बढ़ती दिख रही है।दरअसल, आबकारी नीति घोटाला मामले में ईडी के बाद अब सीबीआई ने भी एक्शन लिया है।सीबीआई ने बीआरएस नेता के कविता को गिरफ्तार कर लिया है। वह ईडी के मामले में अभी न्यायिक हिरासत में हैं। बता दें कि के कविता को ईडी की टीम ने पिछले महीने 15 मार्च को हैदराबाद में उनके घर से गिरफ्तार किया था।

दिल्ली शराब कांड में सीबीआई ने शनिवार को 6 घंटे तक पूछताछ की थी। उसके बाद आज यानी गुरुवार को तिहाड़ जेल से के. कविता को गिरफ्तार कल लिया। सीबीआई ने बुधवार को दिल्ली की एक अदालत को बताया था कि उसने कथित दिल्ली आबकारी नीति घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में बीआरएस नेता के. कविता से तिहाड़ केंद्रीय जेल में पूछताछ की है। अदालत ने पांच अप्रैल को सीबीआई को कविता से जेल में पूछताछ की अनुमति दी थी। कविता ने उस आदेश को चुनौती दी है।

के. कविता आज तिहाड़ जेल में रहेंगी और कल यानी शुक्रवार को उन्हें कोर्ट में पेश किया जाएगा, जहां सीबीआई रिमांड की मांग करेगी। इससे पहले दिल्ली शराब कांड से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी के. कविता को गिरफ्तार कर चुकी है और बीआरएस नेता अभी तिहाड़ जेल नंबर 6 में न्यायिक हिरासत में हैं।

के कविता पर साउथ ग्रुप की प्रमुख सदस्य होने का आरोप लगाया गया है, जिसने कथित तौर पर दिल्ली में शराब लाइसेंसों के बड़े हिस्से के बदले में दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी को 100 करोड़ रुपये की रिश्वत दी थी।

आज आतंकियों को घर में घुसकर मारा जाता है', ऋषिकेश में बोले पीएम मोदी

#pmmodirallyinrishikesh_uttarakhand

लोकसभा चुनाव के प्रचार में बीजेपी ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। 400 पार का लक्ष्य तय करने के लिए स्टार प्रचारकों का धुंआधार अभियान जारी है। खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रचार अभियान की कमान थाम रखी है। इसी क्रम में आचार संहिता लगने के बाद प्रधानमंत्री मोदी दूसरी पर उत्तराखंड पहुंचे।ऋषिकेश में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने फिर कांग्रेस को निशाने पर लिया। इस दौरान पीएम मोदी ने कमजोर और अस्थिर सरकार के नुकसान गिनाते हुए कहा, जब-जब देश में कमजोर और अस्थिर सरकार रही है, तब-तब दुश्मनों ने फायदा उठाया है। जब भारत में कमजोर और अस्थिर सरकारें थीं, तब भारत में आतंकवाद ने पैर पसार लिए थे।आज भारत में मोदी की मजबूत सरकार है। इसलिए आतंकियों को घर में घुसकर मारा जाता है।

10 सालों में भारत कई गुना मजबूत हुआ-पीएम मोदी

ऋषिकेश में एक विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री पीएम ने कहा कि आज पूरे देश में गूंज है फिर एक बार मोदी सरकार। देश की जनता ने पूर्ण बहुमत वाली सरकार का काम देखा है। आज देश में ऐसी सरकार है जिसने बीते 10 वर्ष में भारत को पहले के मुकाबले कई गुना मजबूत कर दिया है। जब-जब देश में कमजोर सरकार रही है। दुश्मनों ने फायदा उठाया है। तब भारत में आतंकवाद ने पैर पसारे थे। अब आतंकवादियों को घर में घुसकर मारा जाता है। तब सेना के पास अच्छे बूट तक नहीं होते थे। अब सेना हाईटेक तरीके से काम कर रही है।

कांग्रेस वन रैंक वन पेंशन लागू नहीं कर सकी -पीएम मोदी

प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस की सरकार कभी वन रैंक वन पेंशन लागू नहीं कर सकी, लेकिन हमारी सरकार ने लागू कर दिया। वन रैंक वन पेंशन सैनिकों का सम्मान है। कांग्रेस की कमजोर सरकार सीमाओं पर आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं बना पाई। आज देखिये पूरी सीमा पर आधुनिक सड़कें बन रही हैं। आधुनिक सुरंगे बन रही हैं। 

कांग्रेस विकास और विरासत दोनों की विरोधी-पीएम मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ये भाजपा की मजबूत सरकार ही है जिसने 370 हटाया, तीन तलाक खत्म किया और संसद में महिला आरक्षण लागू किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस विकास और विरासत दोनों की विरोधी है।

अरविंद केजरीवाल की सेना खतरे में! 10 और नेताओं पर कस सकता है ईडी का शिकंजा

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को ईडी द्वारा शराब नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया गया है। केजरीवाल से पहले आम आदमी पार्टी के कई नेताओं को गिरफ्तार किया गया है। ये नाम पार्टी के लिए अहम हैं। यही नहीं, आगामी लोकसभा चुनाव के बीच आप को काफी आलोचनाओं और परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि आम आदमी पार्टी की परेशानी अभी खत्म नहीं हुई है। पार्टी के कई बड़े चेहरे हैं, जो ईडी की रडार पर हैं। यानी आने वाले दिनों में आप के और नेताओं पर शिकंजा कस सकता है।

ईडी के निशाने ने सामिल आप नेताओं की लिस्ट लंबी है। इन नामों में विभव कुमार, राजकुमार आनंद,अमानतुल्लाह खान ,दुर्गेश पाठक,गुलाब सिंह यादव दीपक सिंगला एनडी गुप्ता , कैलाश गहलोत, और कुछ अन्य शामिल हैं।

अगर ध्यान में रखा जाए इन सभी नामों को ईडी के सामने पेश किया जा चुका है और उनसे पूछताछ भी की जा चुकी है, हालांकि किसी को भी क्लीन चिट नहीं मिली है और इसलिए हिरासत में लिए जाने का डर लगातार बना हुआ है।

हालाँकि (आप )लगातार सत्ता पक्ष पर आरोप लगाते रहे हैं, और दावा किया है कि इस तरह का उपद्रव मचाना बीजेपी का बहुत ही चतुर राजनीतिक कदम है ताकि वोट बैंक और उसके बाद लोक सभा के नतीजे पर पड़ेगा असर! दिल्ली हाई कोर्ट (AAP) की सभी दलीलों को लगातार ख़रीज़ कर रहा हैl

इन सब के बीच सोमवार को दिल्ली की एक अदालत ने शराब की नीति में केस की वापसी को 15 अप्रैल तक के लिए राजधानी दिल्ली की अदालत में भेज दिया।

हालाँकि इसने (आप) राजनेताओं को लगातार आरोपों और मुकदमे के डर में ला दिया है। और वे किसी भी सार्वजनिक विफलता से बचने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।

IPL 2024: पढ़िए, राजस्थान रॉयल्स के कप्तान संजू सैमसन पर क्यों लगा 12 लाख का जुर्माना ?

 राजस्थान रॉयल्स (RR) के कप्तान संजू सैमसन पर यहां गुजरात टाइटंस (GT) के खिलाफ इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) मैच के दौरान धीमी ओवर गति बनाए रखने के बाद 12 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। रॉयल्स की चार मैचों की जीत का सिलसिला शुभमन गिल की अगुवाई वाली टाइटंस ने तोड़ दिया, जिसने बुधवार को आखिरी गेंद पर रोमांचक मैच तीन विकेट से जीत लिया।

एक IPL बयान में कहा गया है कि, ''राजस्थान रॉयल्स के कप्तान संजू सैमसन पर 10 अप्रैल को जयपुर के सवाई मान सिंह स्टेडियम में गुजरात टाइटंस के खिलाफ टाटा इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) 2024 मैच के दौरान धीमी ओवर गति बनाए रखने के बाद जुर्माना लगाया गया है।'' बयान में कहा गया कि, ''IPL की न्यूनतम ओवर गति से संबंधित आचार संहिता के तहत यह उनकी टीम का सीजन का पहला अपराध था, इसलिए सैमसन पर 12 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया।''

इस मुकाबले में सैमसन ने 38 गेंदों में नाबाद 68 रन बनाए और रियान पराग (78) की मदद से रॉयल्स ने 3 विकेट पर 196 रन का विशाल स्कोर बनाया। हालाँकि, शीर्ष पर जीटी कप्तान गिल की शानदार 72 रन की पारी और अफगानिस्तान के स्पिनर राशिद खान (11 गेंदों में 24 रन) की कैमियो पारी ने पूर्व IPL चैंपियन को आखिरी गेंद पर फिनिश लाइन से आगे कर दिया और 3 विकेट से मैच जीत लिया।

भाजपा को समर्थन देने के बाद एमएनएस के वरिष्ठ नेता कीर्तिकुमार शिंदे ने पार्टी से दिया इस्तीफा

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और महायुती गठबंधन को समर्थन देने के बाद एमएनएस के एक वरिष्ठ नेता ने इस्तीफा दे दिया है।

उन्होंने अपने सोशल मीडिया एक्स पर कहा, अलविदा महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना।

पार्टी के महासचिव कीर्तिकुमार शिंदे ने पार्टी के साथ अपने लंबे जुड़ाव को याद किया और चेतावनी दी कि राज ठाकरे के इस कदम से मराठी लोगों को कोई फायदा नहीं होगा।

शिंदे ने राज ठाकरे द्वारा भारतीय जनता पार्टी पर ढुलमुल रवैया अपनाने को लेकर उंगली उठाई। शिंदे ने कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने बीजेपी, मोदी और अमित शाह के खिलाफ मोर्चा खोला था, लेकिन पांच साल बाद राज ठाकरे ने अहम मोड़ पर आकर अपनी राजनीतिक रणनीति पर इतना बड़ा परिवर्तन किया।

नाराज शिंदे ने मांग की है कि राजनीतिक विश्लेषक आपको बताएंगे कि आप कितने सही और कितने गलत हैं? आजकल, राजनेता जो भी चाहें कर सकते हैं। उनकी विचारधारा में विश्वास रखने वाले सेनानियों (कार्यकर्ताओं) को कुचल दिया जाता है। उस के बारे में क्या?

उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले 10 साल में बीजेपी ने देश को तबाह कर दिया है। बीजेपी पारदर्शिता के दावे के साथ सत्ता में आई थी, लेकिन आज केंद्र की मोदी सरकार ईडी, सीबीआई और आईटी के बलबूते विपक्षी नेताओं को निशाना बनाने का प्रयास कर रही है। उन पर दबाव बना रही है कि वो आत्मसमर्पण करे।

शिंदे ने कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव के उन्माद में राज ठाकरे ने अपने लाव रे ते वीडियो (प्ले दैट वीडियो) अभियान के माध्यम से भाजपा के खिलाफ तीखा हमला बोला था।

शिंदे ने कहा, मैं उन सभी रैलियों में शामिल होता था, तथ्यों और भाजपा-मोदी-शाह के खिलाफ व्यक्त किए गए विचारों पर विस्तृत लेख लिखता था और अधिक से अधिक लोगों तक अपना रुख पहुंचाने के लिए ईमानदार प्रयास करता था।

हालांकि राजनीतिक मजबूरियों के कारण राज ठाकरे को भाजपा का पक्ष लेना पड़ा, लेकिन इससे महाराष्ट्र या मराठियों को कोई लाभ होने की संभावना नहीं है और उन्होंने मनसे से अपने इस्तीफे की घोषणा की।

शिंदे ने इन सभी वर्षों में राज ठाकरे और अन्य मनसे नेताओं से मिले प्यार और स्नेह को भी स्वीकार किया और कहा कि वह एक व्यक्तिगत बैठक में उन्हें यही बात बताना चाहते थे, लेकिन अब यह संभव नहीं है। उन्होंने अपील की कि उनका यह कदम गलत नहीं होना चाहिए।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

भारत में खुलेगा टेस्ला का प्लांट ! दुनिया के शीर्ष अरबपतियों में शामिल एलन मस्क और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच जल्द ही होने वाली है

टेस्ला के मालिक और दुनिया के शीर्ष अरबपतियों में शामिल एलन मस्क और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच जल्द ही एक अहम बैठक होने वाली है। इस संबंध में मस्क ने खुद ट्वीट करके बताया है। बुधवार (10 अप्रैल 2024) को ट्वीट करते हुए मस्क ने लिखा कि “भारत के प्रधानमंत्री से मुलाकात को लेकर उत्सुक हूँ।” मस्क के इस ट्वीट के बाद उस पर भारतीय यूजर्स ने कई तरह के कमेंट किए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, एलन मस्क अप्रैल के अंत तक पीएम मोदी से मिलने भारत आ सकते हैं और हमारे देश में निवेश करके यहाँ एक नई फैक्ट्री भी शुरू कर सकते हैं। भारतीय यूज़र्स ऐसी उम्मीद जता रहे हैं कि, जल्द टेस्ला का प्लांट भारत में भी खुलेगा। हालाँकि, पीएम मोदी और एलन मस्क की मुलाकात को लेकर कोई आधिकारिक सूचना नहीं है, लेकिन मीडिया रिपोर्ट में सूत्रों से दी गई जानकारी कहती है कि एलन मस्क अपने कंपनी के कुछ लोगों के साथ 22 अप्रैल तक पीएम मोदी से मिल सकते हैं। हालाँकि इस मुलाकात का कारण स्पष्ट नहीं हैं। रिपोर्टें बताती हैं कि एलन मस्क भारत दौरे के समय अपने भारत में टेस्ला कार फैक्ट्री लगाने का ऐलान कर सकते हैं। कुछ रिपोर्ट्स ऐसी भी हैं जो दावा करती हैं कि टेस्ला और रिलायंस इंडस्ट्री के बीच इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) प्लांट के ज्वाइंट वेंचर के लिए चर्चा चल रही है। पिछले हफ्ते भी एक रिपोर्ट आई थी कि मस्क ने भारत में साइट देखने के लिए टीम भेजी थी। रिपोर्ट में बताया गया था कि कंपनी भारत के उन राज्यों पर फोकस कर रही है जहाँ पहले से ही एक्सपोर्ट की सुविधा के लिए ऑटोमोबाइल विनिर्माण केंद्र और बंदरगाह हैं, और इसके परिणामस्वरूप, महाराष्ट्र, गुजरात और तमिलनाडु जैसे राज्य कंपनी की नज़र में हैं। टेस्ला भारत में 2 से 3 बिलियन अमरीकी डालर का निवेश कर सकती है। कार प्लांट के अलावा कंपनी बैटरी बनाने की गीगाफैक्ट्री भी स्थापित करने वाली है, जिससे भारत में बंपर रोज़गार पैदा होगा। उल्लेखनीय है कि टेस्ला कई सालों से भारतीय बाजार में कदम रखने की योजना बना रहा है, मगर कारों पर उच्च आयात शुल्क के चलते ऐसा नहीं हो पा रहा। हाल में उम्मीद तब जगी जब केंद्र सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) पर आयात शुल्क घटाकर महज 15% कर दिया। इसके बाद टेस्ला का आना पक्का माना जाने लगा। कंपनी ने गत वर्ष भारत सरकार के साथ इस मामले में दोबारा चर्चा शुरू की, और इसे रफ्तार उस वक़्त मिली जब पीएम मोदी और एलन मस्क की बातचीत हुई। उस मुलाकात में एलन मस्क ने कहा था कि, “मैं अगले साल भारत आने का प्लान कर रहा हूँ। मुझे यकीन है कि टेस्ला भारत में आएगी और हम इसे जल्द से जल्द शुरू करेंगे। मैं पीएम मोदी को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद देता हूँ और उम्मीद है कि हम भविष्य में कुछ ऐलान करने में सक्षम होंगे।” गौरतलब है कि मस्क की कंपनी भारत आने से पहले अपने जर्मनी वाले प्लांट में राइंट हैंड ड्राइव के लिए कार का निर्माण आरम्भ कर चुका है जिसे इस साल के बाद निर्यात किया जा सकता है। मीडिया रिपोर्ट में ये भी कहा है कि वो भारत में बिजनेस कार इम्पोर्ट करके आरम्भ करेंगेm क्योंकि कार के निर्माण में कुछ वक़्त लगेगा। इससे पहले टेस्ला ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और जापान जैसे राइट-हैंड ड्राइव वाले देशों के लिए चीन के शंघाई प्लांट में कार का निर्माण करता रहा है, लेकिन भारत लाने के लिए उन्होंने कारें बर्लिन में बनवानी शुरू की हैं, क्योंकि वो भी जानते हैं कि चीन में बने कुछ सामान भारत नहीं ले रहा।
आम आदमी पार्टी के और किन-किन नेताओं पर लटक रही गिरफ्तारी की तलवार

दिल्ली की मंत्री आतिशी ने मंगलवार को आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और अन्य शीर्ष नेताओं की गिरफ्तारी के बाद सरकार आम आदमी पार्टी (आप) की अगली पीढ़ी को जेल में डालने की साजिश रच रही है।

मीडिया ब्रीफिंग में आतिशी ने कहा कि जांच एजेंसियां लोकसभा चुनाव से पहले सौरभ भारद्वाज, दुर्गेश पाठक, राघव चड्ढा और खुद उनके जैसे नेताओं को गिरफ्तार करेंगी।ये आरोप प्रवर्तन निदेशालय द्वारा केजरीवाल के लिए न्यायिक हिरासत की मांग करते हुए अदालत में भारद्वाज और आतिशी के नाम लेने के एक दिन बाद आए हैं।

कल ईडी ने एक बयान के आधार पर सौरभ भारद्वाज और मेरा नाम कोर्ट में लिया, जो डेढ़ साल से ईडी और सीबीआई के पास मौजूद है, ये बयान ईडी की चार्जशीट में है , तो फिर इस बयान को उछालने की वजह क्या थी? इस बयान को उछालने की वजह ये थी कि अब बीजेपी को लगता है कि अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसौदिया, संजय सिंह और सत्येन्द्र जैन के जेल में होने के बावजूद आम आदमी पार्टी अभी भी एकजुट और मजबूत है। अब वे आम आदमी पार्टी के नेतृत्व की अगली पंक्ति को जेल में डालने की योजना बना रहे है l

यह पूछे जाने पर कि क्या केजरीवाल अपनी गिरफ्तारी के बाद अपने पद से इस्तीफा देंगे, आतिशी ने दोहराया कि दिल्ली के सीएम के पद छोड़ने का कोई कारण नहीं है।

सोमवार को दिल्ली की एक अदालत ने शराब नीति मामले में केजरीवाल को 15 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया l

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने केजरीवाल के "असहयोगी व्यवहार" का हवाला देते हुए 15 दिनों की न्यायिक हिरासत मांगी थी।ईडी ने यह भी दावा किया कि केजरीवाल ने उन्हें सूचित किया था कि AAP के पूर्व संचार प्रभारी और शराब घोटाला मामले के आरोपी विजय नायर आतिशी को रिपोर्ट करते थे, उन्हें नहीं।

लोकसभा चुनाव ने सभी को सकते में ला दिया है और दिल्ली में इन सभी उथल-पुथल के बीच पार्टियां विभिन्न आधारों पर एक-दूसरे पर आरोप लगाने में व्यस्त हैं और इसे भारत के लोकतंत्र के लिए खतरा बताते हुए l

हालाँकि इसने (आप) राजनेताओं को लगातार आरोपों और मुकदमे के डर में ला दिया है। और वे किसी भी सार्वजनिक विफलता से बचने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।

भ्रष्टाचार यूनिवर्सिटी के चांसलर पद के लिए उपयुक्त रहेंगे पीएम मोदी’, स्टालिन का बड़ा हमला

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लोकसभा चुनाव के इस माहौल में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। इस बीच तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने पीएम मोदी और भाजपा पर जमकर हमला बोला है।उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को भ्रष्टाचार विश्वविद्यालय का चांसलर बनने के लिए उपयुक्त बताया है। दरअसल, हाल ही में पीएम ने तमिलनाडु के सत्तारूढ़ दल द्रमुक को भ्रष्ट पार्टी बताया था। इसी के जवाब में डीएमके अध्यक्ष स्टालिन ने तीखा जवाब दिया है।

स्टालिन ने बुधवार को चुनावी रैली में तमिलनाडु में वंशवादी राजनीति और भ्रष्टाचार के बारे में प्रधानमंत्री के आरोप का जवाब देते हुए कहा कि अगर भ्रष्टाचार के लिए एक विश्वविद्यालय स्थापित किया जाता है, तो मोदी इसके चांसलर बनने के लिए सही व्यक्ति होंगे। स्टालिन ने कहा, क्या कोई इसका कारण जानता है? इसका मुख्य कारण है कि चुनावी बॉन्ड से लेकर पीएम केयर्स फंड और भाजपा की वाशिंग मशीन, जो दागी नेताओं को बेदाग कर देती है। भाजपा भ्रष्ट है। 

मोदी दोबारा पीएम बनते हैं तो भारत में लोकतंत्र नहीं बचेगा-स्टालिन

प्रधानमंत्री द्वारा डीएमके पर लगाए गए तमिल संस्कृति को खराब करने के आरोपों पर स्टालिन ने कहा कि कृप्या वाट्सएप यूनिवर्सिटी में पढ़ाई न करें। हमारी तमिल संस्कृति में सभी शहर एक समान हैं और सभी लोग एक समान हैं। उन्होंने पीएम पर विभाजनकारी राजनीति करने के आरोप लगाए और बताया कि अगर नरेंद्र मोदी दोबारा पीएम बनते हैं तो भारत में लोकतंत्र नहीं बचेगा। उन्होंने जनता से पीएम मोदी को सत्ता से बेदखल करने का आह्वान किया। 

केंद्र में भाजपा की वापसी का मतलब तानाशाही सरकार की स्थापना-स्टालिन

स्टालिन ने आगे कहा कि केंद्र में भाजपा सरकार की वापसी का मतलब तानाशाही सरकार की स्थापना ही होगा। स्टालिन ने कहा कि अगर मोदी दोबारा प्रधानमंत्री बने तो देश में शांति नहीं होगी। उन्होंने दावा किया कि संसद में कोई चर्चा नहीं होगी। देश में दोबारा कोई चुनाव नहीं होगा। किसी राज्य में विधानसभा नहीं होगी। एक ही भाषा, आस्था और संस्कृति रहेगी। वे सामाजिक न्याय को खत्म कर देंगे। 

पीएम ने क्या कहा था?

इससे पहले वेल्लोर की जनता के बीच पहुंचे पीएम मोदी ने राज्य की डीएमके सरकार पर जमकर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था कि परिवारवाद वाली पार्टी डीएमके कभी भी तमिलनाडु के लोगो का विकास नहीं कर सकती। पीएम मोदी ने कहा कि सेंगोल को जब देश की संसद में स्थापित किया गया था तो डीएमके ने इसका विरोध किया था। राज्य में आज लूट का खुला खेल चल रहा है। डीएमके की नीति ‘फूट डालो और राज करो’ की है। ये पार्टी भाषा क्षेत्र जाति और धर्म के नाम पर फूट डालकर राज करने का काम कर रही है।

सीएम केजरीवाल को एक और झटका, निजी सचिव विभव कुमार को हटाया गया*
#cm_kejriwal_ps_bibhav_kumar_terminated_from_his_post * शराब नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही हैं। ताजा मामले में विजिलेंस विभाग की टीम ने उनके निजी सहायक विभव कुमार के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया है।बिभव कुमार की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं। विजिलेंस विभाग ने विभव कुमार की नियुक्ति को सही नहीं माना है। विजिलेंस विभाग के स्पेशल सेक्रेटरी वाईवीवीजे राजशेखर ने आदेश जारी किया है। निदेशालय का कहना है कि विभव कुमार की नियुक्ति अवैध और अमान्य थी। डायरेक्टोरेट ऑफ विजिलेंस(डीओवी) ने अपने आदेश में कहा कि विभव कुमार की नियुक्ति केंद्रीय सिविल सेवा के नियमों का उल्लंघन करके की गई थी। आदेश के मुताबिक, विभव कुमार का अपाइंटमेंट निर्धारित प्रक्रिया और नियमों का ईमानदारी से पालन करे बिना किया गया था। इसलिए ऐसी नियुक्ति अवैध और अमान्य है। विशेष सचिव सतर्कता वाई. वी. वी. जे. राजशेखर ने उनके खिलाफ 2007 के एक लंबित मामले का हवाला देते हुए आदेश पारित किया है। आदेश में कहा गया है कि सक्षम प्राधिकरण इसके द्वारा केंद्रीय सिविल सेवा (अस्थायी सेवा) नियम, 1965 के नियम 5 के प्रावधानों के संदर्भ में बिभव कुमार की नियुक्ति को तत्काल प्रभाव से समाप्त किया जाता है। विभव प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच के दायरे में हैं। ईडी ने 8 अप्रैल को विभव से शराब घोटाला से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में घंटों तक पूछताछ की थी। इससे पहले दिल्ली जल बोर्ड घोटाले में भी फरवरी के पहले सप्ताह में ईडी विभव के घर पर रेड कर चुकी है। जांच एजेंसी विभव कुमार से करीब 4 घंटों तक पूछताछ की थी। दूसरी बार ईडी ने विभव कुमार से पूछताछ की थी। इससे पहले पिछले साल भी जांच एजेंसी ने समन भेजकर केजरीवाल के निजी सचिव बुलाया था और इंक्वायरी की थी। ईडी के अधिकारियों ने कहा था कि विभव ने अपने मोबाइल नंबर का आईएमईआई सितंबर 2021 से जुलाई 2022 के बीच 4 बार बदला था। विभव कुमार का बयान पीएमएलए के प्रावधानों के तहत दर्ज किया गया था। विभव कुमार से पहले दिल्ली सरकार में मंत्री रहे राजकुमार आनंद भी पद से इस्तीफा दे चुके हैं। उनके घर ईडी का छापा पड़ा था। उन्होंने आम आदमी पार्टी तक को करप्ट बताया था।