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दिल्ली के सीएम केजरीवाल को बड़ी राहत, बने रहेंगे मुख्यमंत्री, पद से हटाने की मांग वाली याचिका हाईकोर्ट ने की खारिज

#petition_to_remove_arvind_kejriwal_from_post_of_cm_was_rejected 

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद उन्हें मुख्यमंत्री पद से हटाने की मांग वाली याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है।याचिका खारिज करते हुए कोर्ट ने कहा कि ऐसी कोई संवैधानिक बाध्यता नहीं है कि अरविंद केजरीवाल अपने पद पर बने नहीं रह सकते हैं। बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट में याचिकाकर्ता सुरजीत सिंह यादव ने याचिका दायर की थी। जिसमें उन्होंने अरविंद केजरीवाल को सीएम पद से हटाने की मांग की थी।

अदालत ने मुख्यमंत्री पद से हटाने की मांग करने वाली याचिका को खारिज करते हुए कहा कि ऐसी कोई संवैधानिक बाध्यता नहीं है कि अरविंद केजरीवाल अपने पद पर बने नहीं रह सकते हैं। हाई कोर्ट ने कहा कि ये कार्यपालिका से जुड़ा मामला है। दिल्ली के उपराज्यपाल इस मामले को देखेंगे और फिर वह राष्ट्रपति को भेजेंगे। इस मामले में कोर्ट की कोई भूमिका नहीं है। मामले पर दिल्ली हाई कोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने सुनवाई की।

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन एवं न्यायमूर्ति मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की पीठ ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा क‍ि अगर संवैधानिक सवाल है, तो उपराज्‍यपाल (एलजी) देखेंगे, वो ही राष्ट्रपति के पास ले जा सकते हैं। हाईकोर्ट ने कहा क‍ि हां, इसमें कुछ प्रैक्टिकल दिक्‍कत होगी, लेकिन हम कैसे एलजी या राष्ट्रपति को कुछ कह सकते हैं। केंद्र सरकार का काम है, हम कैसे दखल दें।

कोर्ट ने कहा आज के समाचार पत्रों में कहा गया है कि एलजी इस मुद्दे की जांच कर रहे हैं। याचिकाकर्ता से हाई कोर्ट ने कहा कि आप हमें व्यावहारिक कठिनाई दिखा रहे हैं, लेकिन हमें कोई ऐसा प्रतिबंध दिखाइए जो इसे रोकता हो। कोर्ट ने कहा कि आप हमें व्यावहारिक कठिनाई दिखा रहे हैं, लेकिन हमें कोई ऐसी बाधा दिखाइए जो इसे रोकती हो।

बता दें कि सुरजीत यादव नाम के शख्स ने दिल्ली हाई कोर्ट में एक पीआईएल दाखिल कर कहा था कि आबकारी मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की 21 मार्च को गिरफ्तारी हुई। वह ईडी की हिरासत में हैं। ऐसे में उन्हें मुख्यमंत्री पद से हटा देना चाहिए।उन्होंने कहा कि उनका कारावास में होना न केवल कानून की उचित प्रक्रिया में बाधा डालता है, बल्कि राज्य की संवैधानिक मशीनरी को भी कमजोर करता है। याचिकाकर्ता ने संविधान के अनुच्छेद 163 और 164 का हवाला देते हुए दावा किया है कि एक कैदी केजरीवाल को मुख्यमंत्री के रूप में अपने कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को पूरा करने में अक्षम बनाती है।

पीलीभीत की जनता के नाम वरुण गांधी का पत्र, बोले-एक परिवार के तौर पर नाता अंतिम सांस तक खत्म नहीं होगा

#varun_gandhi_emotional_letter_for_pilibhit 

पीलीभीत से मेनका गांधी और उनके बेटे वरुण गांधी का पिछले 35 साल से चला आ रहा सियासी रिश्ता बुधवार को खत्म हो गया। 1989 के बाद यह पहली बार हुआ कि जब दोनों में से किसी ने भी पीलीभीत सीट से पर्चा नहीं भरा। दरअसल, बीजेपी ने इस बार पीलीभीत से वरुण गांधी को टिकट नहीं दिया है। पार्टी ने उनकी जगह जितिन प्रसाद को उम्मीदवार बनाया है।बुधवार को नामांकन का आखिरी दिन था। ये प्रक्रिया खत्म होने के बाद ये भी साफ हो गया कि वरुण गांधी पीलीभीत से निर्दलीय भी चुनाव नहीं लड़ेंगे। इसके बाद उन्होंने पीलीभीत की जनता के नाम एक पत्र लिखा है। 

पीलीभीत से सियासी रिश्ता टूटने पर वरुण गांधी ने भावुक पत्र लिखा है। उन्होंने लिखा है कि मेरा और पीलीभीत का रिश्ता प्रेम और विश्वास का है, जो राजनीतिक गुणा-भाग से बहुत ऊपर है। वरुण गांधी ने पीलीभीत के लोगों को प्रणाम करते हुए लिखा, मैं खुद को सौभाग्यशाली मानता हूं कि मुझे वर्षों पीलीभीत की महान जनता की सेवा करने का मौका मिला। महज एक सांसद के तौर पर ही नहीं, बल्कि एक व्यक्ति के तौर भी मेरी परवरिश और मेरे विकास में पीलीभीत में मिले आदर्श, सरलता, और सहृदयता का बहुत बड़ा योगदान है। 

वरुण गांधी ने पत्र में अपनी बचपन की यादें भी साझा की है। उन्होंने लिखा है कि मैं 1983 में 3 साल का था जब अपनी मां की उंगली पकड़कर पीलीभीत आया था। उस वक्त पता नहीं था कि पीलीभीत उसकी कर्मभूमि और परिवार बन जाएगा। वरुण गांधी ने लिखा है कि एक सांसद की तौर पर उनका कार्यकाल भले समाप्त हो रहा है, लेकिन एक परिवार के तौर पर पीलीभीत से नाता अंतिम सांस तक खत्म नहीं होगा। मेरा और पीलीभीत का रिश्ता प्रेम और विश्वास का है जो किसी भी राजनीतिक गुणा-भाग से बहुत ऊपर है।

पीलीभीत से सांसद रहने को वरुण गांधी ने खुदके जीवन का सबसे बड़ा सम्मान बताया है। उन्होंने कहा, ‘आपका प्रतिनिधि होना मेरे जीवन का सबसे बड़ा सम्मान रहा है और मैंने हमेशा अपनी पूरी क्षमता से आपके हितों के लिए आवाज उठाई है।उन्होंने आगे कहा कि सांसद के रूप में नहीं, तो बेटे के तौर पर सही, मैं आजीवन आपकी सेवा के लिए प्रतिबद्ध हूं और मेरे दरवाजे आपके लिये हमेशा पहले जैसे ही खुले रहेंगे। मैं राजनीति में आम आदमी की आवाज उठाने आया था और आज आपसे यही आशीर्वाद मांगता हूं कि सदैव यह कार्य करता रहूं, भले ही उसकी कोई भी कीमत चुकानी पड़े।

बता दें कि इस बार वरुण गांधी का टिकट बीजेपी ने काटकर यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री जितिन प्रसाद को टिकट दिया है। वरुण गांधी कृषि कानून, बेरोजगारी और अग्निवीर जैसे मुद्दों पर लगातार अपनी ही सरकार पर हमलावर रहे थे, जिसके बाद उनका टिकट कटना तय माना जा रहा था।

उज्जैन महाकाल मंदिर में लगी आग को लेकर एक्शन में मानवाधिकार आयोग, उज्जैन कलेक्टर और मंदिर प्रशासक से 15 बिंदुओं पर मांगी जांच रिपोर्ट

 महाकाल मंदिर के गर्भगृह में भस्म आरती के दौरान आग लगने की घटना को लेकर अब मानव अधिकार आयोग भी एक्शन में आया है। उसने स्वतः ही संज्ञान लेकर उज्जैन कलेक्टर तथा महाकाल मंदिर प्रशासक से 15 बिंदुओं पर एक जांच रिपोर्ट मांगी है। महाकाल मंदिर में आग लगने की घटना देशभर में सुर्खियों में रही थी। अब मानवाधिकार आयोग ने इस पर जवाब मांगा है। पूछा गया है कि घटना वाले दिन यानी 25 मार्च 2024 को महाकाल मंदिर उज्जैन के गर्भगृह में भस्म आरती के लिए कितने व्यक्तियों को जाने की अनुमति थी और घटना के समय कितने व्यक्ति मौजूद थे। 

गर्भगृह के अलावा भस्म आरती के समय शेष व्यक्ति/भक्तगण आदि गर्भगृह के दरवाजे से कितनी दूरी पर थे। भस्म आरती के समय गर्भगृह में गुलाल किस प्रकृति का उपलबध कराया गया था और यह व्यवस्था किसके द्वारा की गई थी। गर्भगृह में भस्म आरती के समय गुलाल से आग किस प्रकार और किन परिस्थितियों में लगी थी।

गर्भगृह में गुलाल से लगी ऐसी आग के कारण गर्भगृह और उसके बाहर मौजूद कितने व्यक्ति झुलसे। उन सभी का पूर्ण विवरण और इलाज एवं वर्तमान स्थिति के संबंध में स्पष्ट प्रतिवेदन। आग में झुलसे ऐसे सभी व्यक्तियों के इलाज आदि पर व्यय की महाकाल मंदिर प्रबंधन और मध्यप्रदेश शासन की ओर से क्या व्यवस्था की गई। आग से झुलसे ऐसे व्यक्तियों को महाकाल मंदिर प्रबंधन एवं मध्यप्रदेश शासन की ओर से कोई आर्थिक मुआवजा राशि दी गई है अथवा नहीं। 

गर्भगृह या उसके पास गुलाल के साथ ही बताए अनुसार प्रेशर पम्प या रंग उड़ाने वाली छोटी स्प्रेगन किन परिस्थितियों में पहुंची थी। क्या उन्हें मंदिर के अंदर लाए जाने की अनुमति मंदिर प्रबंधन समिति द्वारा दी गई थी। इस प्रकार की घटना महाकाल मंदिर के गर्भगृह या अन्य कहीं परिसर में न हो इसके लिए भविष्य में क्या सावधानियां और निर्देश प्रस्तावित हैं। इस पूरे मामले में कलेक्टर नीरज सिंह का कहना था कि गुरुवार को मजिस्ट्रीयल टीम द्वारा जांच रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी, उसके बाद जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर में भस्म आरती के दौरान हुई आगजनी की घटना ने इस सवाल को भी जन्म दे दिया है कि भस्म आरती के दौरान नियम अनुसार पात्र लोग ही गर्भगृह में मौजूद रहते हैं या फिर नियमों की अनदेखी होती है? महाकालेश्वर मंदिर समिति भी इस प्रश्न को लेकर मंथन करने में जुट गई है। भस्म आरती के दौरान गर्भगृह में मौजूद रहने को लेकर भी नियम बना हुआ है। इस नियम का पालन सभी को करना होता है। सोर्स बताते है कि जिस पुजारी की भस्म आरती होती है, वह अपने साथ तीन अन्य पुजारी को रखता है। इसके अलावा महाकालेश्वर मंदिर समिति के दो कर्मचारी भी मौजूद रहते हैं। कुछ सेवक भी पिछले कई साल से लगातार भस्म आरती में आकर सेवा दे रहे हैं। वे भी गर्भगृह में मौजूद रहते हैं। उन्होंने बताया कि संख्या के मान से लगभग 17 लोग भस्म आरती के दौरान गर्भगृह में मौजूद रहते हैं। 

महाकालेश्वर मंदिर में सबसे पहले अलसुबह भगवान महाकाल के दरबार के पट खोले जाते हैं, जिसके बाद भगवान को जल, दूध, दही, शहद, शक्कर आदि से स्नान कराया जाता है। इसके पश्चात मंदिर के पंडित और पुरोहित भगवान का भांग, सूखे मेवे, अबीर गुलाल आदि से शृंगार करते हैं। श्रंगार होने के बाद महानिर्वाणी अखाड़े के गादीपति महंत द्वारा भस्म चढ़ाई जाती है। भस्म स्नान होते ही धूप, घी और कपूर की अलग-अलग आरती होती है।

उत्‍तराखंड के पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता हरक सिंह रावत की बढ़ी मुश्किलें, ईडी ने फ‍िर जारी किया समन

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पीएमएलए के तहत उत्तराखंड के पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता हरक सिंह रावत को एक बार फिर समन जारी कर दो अप्रैल को पूछताछ के लिए बुलाया है।

ईडी ने वन विभाग की जमीन पर अवैध कब्जे और कॉर्बेट नेशनल पार्क में पेड़ों की अवैध कटाई के मामले में हरक सिंह रावत को समन जारी किया है। पिछले समन पर हरक सिंह रावत ईडी के सामने पेश नहीं हुए थे।

दूसरे समन पर भी पेश नहीं हुए थे हरक

कार्बेट नेशनल पार्क के पाखरो रेंज घोटाला मामले में पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत ईडी के दूसरे समन पर भी पेश नहीं हुए थे। उनके पूर्व जन संपर्क अधिकारी विजय चौहान ने बताया कि लोकसभा चुनाव की तैयारियों में वह दिल्ली में थे।

उन्होंने एक महीने का समय मांगा था। दूसरी ओर पूर्व मंत्री हरक सिंह की पत्नी व पौड़ी पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष दीप्ति रावत ईडी के समक्ष पेश हुई थीं। जहां उनसे पूछताछ की गई।

इस मामले में होनी है पूछताछ

सूत्र के अनुसार, हरक सिंह रावत से 14 फरवरी को छापेमारी के दौरान ईडी की ओर से बरामद दस्तावेज, नकदी व गहनों के संबंध में पूछताछ की जानी है।

इससे पहले ईडी ने पूर्व वन मंत्री हरक सिंह रावत, उनके रिश्तेदारों और वन अधिकारियों के उत्तराखंड समेत दिल्ली व हरियाणा में 17 जगह छापेमारी कर 1.10 करोड़ रुपये की नकदी, करीब 80 लाख रुपये का 1.30 किलोग्राम सोना आदि जब्त किया था।

हाईकोर्ट में सीएम केजरीवाल की अर्जी को लेकर पूरी हुई सुनवाई, कोर्ट ने सुरक्षित रखा फैसला

शराब घोटाला केस में प्रवर्तन निदेशालय की गिरफ्तारी के विरुद्ध अरविंद केजरीवाल की याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट में बुधवार को फिर सुनवाई की गई। केजरीवाल की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी तो ED की ओर से एएसजी SV राजू ने अदालत में अपनी अपनी दलीलें पेश की। तमाम दलीलों को सुनने के बाद दिल्ली हाई कोर्ट ने अपना फैसला कुछ देर के लिए सुरक्षित कर लिया है। 

मेरी गिरफ़्तारी की बुनियाद ही गलत है': खबरों के मुताबिक वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि आचार संहिता के दौरान एक सीएम को गिरफ्तार किया गया। यदि आप समान खेल के मैदान को बाधित करने के लिए कुछ करते हैं, तो आप लोकतंत्र के दिल पर चोट कर सकते है। सवाल गिरफ़्तारी के वक़्त का है। मेरी प्रार्थना है कि मुझे अभी रिहा कर दें क्योंकि मेरी गिरफ़्तारी की बुनियाद ही गलत है, यही मेरी अंतरिम प्रार्थना है।

'केजरीवाल की अंतरिम राहत पर कोर्ट करेगा विचार': दिल्ली हाई कोर्ट की जज स्वर्ण कांता शर्मा ने बोला है कि वह मुख्य याचिका पर ईडी को नोटिस जारी करने वाली है। कोर्ट ने कहा है कि अगर केजरीवाल अंतरिम राहत मांग रहे हैं, तो उस पर विचार किया जा सकता है। ED की ओर से एसवी राजू ने इसका विरोध किया और बोला है कि हम इस पर अपना जवाब देना चाहते हैं, इसके लिए हमें थोड़ा वक्त चाहिए।

भारत की आपत्ति के बावजूद अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर फिर बोला अमेरिका, कांग्रेस के फ्रीज़ खातों पर भी की टिप्पणी

#us_remarks_on_delhi_cm_arvind_kejriwal_arrest_even_after_india_summoned_senior_us_diplomat 

भारत की कड़ी आपत्ति के बाद भी अमेरिका ने एक बार फिर भारत के आंतरिक मामले को लेकर टिप्पणी की है। अमेरिका ने पहले दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी फिर कांग्रेस पार्टी के फ्रीज बैंक अकाउंट को लेकर टिप्पणी की है।पहले जर्मनी और फिर अमेरिका ने अरविंद केजरीवाल की गिरफ़्तारी पर टिप्पणी की। इसके बाद भारत ने दोनों देशों के राजनयिकों को तलब कर के आपत्ति दर्ज कराई और केजरीवाल की गिरफ़्तारी को अपना घरेलू मामला बताया। अब अमेरिका ने अपने राजनयिक को तलब किए जाने पर भी प्रतिक्रिया दी है।

अमेरिका ने बुधवार को कहा कि वह निष्पक्ष, पारदर्शी और समय पर क़ानूनी प्रक्रियाओं को अंजाम तक पहुँचाने का समर्थन करता है और उसे नहीं लगता कि इस पर किसी को आपत्ति होनी चाहिए। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा, हम दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ़्तारी सहित इन कार्रवाइयों पर बारीकी से नजर रखना जारी रखेंगे।

मैथ्यू मिलर विदेश मंत्रालय की प्रेस वार्ता के दौरान अरविंद केजरीवाल पर अमेरिका की टिप्पणी को लेकर भारत में मौजूद कार्यवाहक डिप्टी चीफ़ ऑफ़ मिशन ग्लोरिया बारबेना को तलब करने और कांग्रेस पार्टी के बैंक खातों को फ़्रीज़ किए जाने के बारे में पूछा गया था।मैथ्यू मिलर ने कहा, हम कांग्रेस पार्टी के आरोपों से भी अवगत हैं कि आयकर विभाग ने उनके कुछ बैंक खातों को फ़्रीज़ कर दिया है, जिससे कि आगामी चुनावों में प्रचार करना उनके लिए चुनौतीपूर्ण हो गया है। हम इनमें से हर मुद्दे के लिए निष्पक्ष, पारदर्शी और समय पर क़ानूनी प्रक्रियाओं को प्रोत्साहित करते हैं।

अमेरिका का यह बयान ऐसे समय पर आया है, जब बुधवार को ही भारत के विदेश मंत्रालय ने इस मामले में अमेरिकी डिप्लोमैट ग्लोरिया बारबेना को तलब किया था। उनके बीच करीब 40 मिनट तक बैठक हुई थी। इससे जुड़े एक सवाल पर बुधवार को अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने कहा- मैं कूटनीतिक बातचीत की जानकारी नहीं दे सकता।

दरअसल अमेरिका ने मंगलवार (26 मार्च) की रात भी अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के मामले में बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि हमारी सरकार केजरीवाल की गिरफ्तारी के मामले पर नजर बनाए हुए है। इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। इस दौरान कानून और लोकतंत्र के मूल्यों का पालन किया जाना चाहिए। भारत के विदेश मंत्रालय ने बुधवार को इसका विरोध किया था।मंत्रालय ने कहा था- भारत में कानूनी कार्रवाई पर अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता का बयान गलत है। कूटनीति में उम्मीद की जाती है कि देश एक-दूसरे के आंतरिक मसलों और संप्रभुता का सम्मान करेंगे। अगर दो देश लोकतांत्रिक हों तो इसकी उम्मीद और बढ़ जाती है, नहीं तो अव्यवस्था की स्थिति बन सकती है।

*तमिलनाडु में एमडीएमके सांसद गणेशमूर्ति का निधन, दो दिन पहले की थी खुदकुशी की कोशिश*

#tamil_nadu_mdmk_mp_ganeshmurthy_passes_away  तमिलनाडु के सांसद ए. गणेशमूर्ति की गुरुवार को दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु हो गई। टिकट न मिलने पर इरोड से एमडीएमके के लोकसभा सांसद गणेशमूर्ति ने रविवार को आत्महत्या करने की कोशिश की थी। सोमवार को उन्हें वेटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया था। इस समय उनकी हालत गंभीर बताई गई थी। आज उनका निधन हो गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, गणेशमूर्ति ने पहले अपने जहर खाने की बात किसी को नहीं बताई थी। हालांकि, परेशानी और उल्टी की शिकायत होने के बाद उनके परिवारवालों ने उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया। इसके बाद गणेशमूर्ति ने अपने परिवार को जहर (कीटनाशक) खाने की जानकारी दी। पुलिस के अनुसार, इरोड से 2019 के लोकसभा चुनाव में डीएमके के टिकट पर चुने गए गणेशमूर्ति को बेचैनी हुई और 24 मार्च को शहर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहीं पीटीआई के मुताबिक, शुरुआती जांच के बाद उन्हें आईसीयू में भर्ती कराया गया था और वेंटिलेटर पर रखा गया। बाद में सांसद को पास के कोयंबटूर के एक निजी अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया। तीन बार सांसद रहे गणेशमूर्ति एमडीएमके में प्रमुख पदों पर रहे। वह कथित तौर पर आगामी लोकसभा चुनाव में इरोड सीट से चुनाव लड़ने के लिए पार्टी द्वारा टिकट देने से इनकार करने से नाराज थे। ए गणेशमूर्ति की जगह डीएमके युवा विंग के नेता के ई प्रकाश को टिकट देने का फैसला किया है, जो मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन के करीबी माने जाते हैं। उनके परिवार के अनुसार, टिकट नहीं मिलने के बाद गणेशामूर्ति काफी तनाव में थे। बता दें कि 2019 के लोकसभा में चुनावों में उन्होंने अपने निकटतम एआईएडीएमके प्रतिद्वंद्वी जी.मणिमारन को हराकर 2,10,618 वोटों के अंतर से सीट जीती थी।
मेरे पास चुनाव लड़ने लायक पैसे नहीं', निर्मला सीतारमण बोलीं- आंध्र और तमिलनाडु से था विकल्प, लेकिन...

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि वह 2024 का लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगी क्योंकि उनके पास चुनाव लड़ने के लिए पैसे नहीं है. उन्होंने कहा कि पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मुझे लोकसभा चुनाव लड़ने के बारे में पूछा था और आंध्र प्रदेश या तमिलनाडु से लड़ने का विकल्प दिया था.

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा चुनाव लड़ने संबंधी भारतीय जनता पार्टी (BJP) के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया है. उन्होंने इसके पीछे की वजह बताते हुए कहा कि उनके पास लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए 'उस तरह का जरूरी फंड' नहीं है. उन्होंने कहा कि भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने उन्हें आंध्र प्रदेश या तमिलनाडु से चुनाव लड़ने का विकल्प दिया था.

एक कार्यक्रम के दौरान निर्मला सीतारमण ने कहा, "एक हफ्ते या दस दिन तक सोचने के बाद मैंने जवाब दिया... शायद नहीं. मेरे पास चुनाव लड़ने के लिए उस तरह का पैसा नहीं हैं, चाहे वो आंध्र प्रदेश हो या तमिलनाडु. जीतने लायक अलग-अलग मानदंडों का भी प्रश्न है... क्या आप इस समुदाय से हैं या आप उस धर्म से हैं? क्या आप इस से हैं? मैंने कहा नहीं, मुझे नहीं लगता कि मैं ऐसा करने में सक्षम हूं." 

उन्होंने कहा, "मैं बहुत आभारी हूं कि उन्होंने मेरी दलील स्वीकार कर ली... इसलिए मैं चुनाव नहीं लड़ रही हूं." जब उनसे पूछा गया कि देश की वित्त मंत्री के पास चुनाव लड़ने के लिए पर्याप्त फंड क्यों नहीं है? तो उन्होंने कहा कि भारत की संचित निधि उनकी निजी निधि नहीं है. उन्होंने कहा, "मेरा वेतन, मेरी कमाई और मेरी बचत मेरी है, भारत की संचित निधि नहीं."

उम्मीदवारों के करूंगी प्रचार- सीतारमण

सत्तारूढ़ भाजपा ने 19 अप्रैल से शुरू होने वाले आगामी लोकसभा चुनावों में कई मौजूदा राज्यसभा सदस्यों को मैदान में उतारा है. इनमें पीयूष गोयल, भूपेन्द्र यादव, राजीव चन्द्रशेखर, मनसुख मंडाविया और ज्योतिरादित्य सिंधिया शामिल हैं. सीतारमण कर्नाटक से राज्यसभा सदस्य हैं. वित्त मंत्री ने कहा कि वह अन्य उम्मीदवारों के लिए प्रचार करेंगी. उन्होंने कहा, "मैं कई मीडिया कार्यक्रमों में भाग लूंगी और उम्मीदवारों के साथ जाऊंगी - जैसे कल मैं राजीव चंद्रशेखर के प्रचार के लिए जाऊंगी.मैं प्रचार अभियान में रहूंगी."

वित्त मंत्री के पास इतनी संपत्ति

देश के खजाने का हिसाब-किताब रखने वाली वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के पास बाकी कैबिनेट मंत्रियों के मुकाबले काफी कम सं​पत्ति है. 2023 में उन्होंने जब अपनी संपत्ति का ब्यौरा दिया था तो पता चला कि मोदी कैबिनेट में वह सबसे कम संपत्ति वाली मंत्रियों में से एक हैं.

प्रधानमंत्री कार्यालय के मुताबिक, 31.03.2023 तक निर्मला सीतारमण के पास संपत्तियां 

-आवासीय भवन-1,70,51,400 रुपये ( पति के साथ संयुक्त प्रॉपर्टी ) 

-गैर-कृषि भूमि- 7,08,800/ रुपये

-बजाज चेतक स्कूटर की कीमत- 28,260 रुपये

-ज्वैलरी- 18,46,987 रुपये

-बैंक में जमा - 35,52,666 रुपये

-पीपीएफ- 1,59,763 रुपये

-म्यूचल फंड- 5,80,424 रुपये

-दिया गया ऋण -2,70,000 रुपये

-अन्य प्राप्त आय - रु. 5,08,536 रुपये

वित्त मंत्री के पास कार नहीं, बजाज का स्कूटर है

वित्त मंत्री के पास उनके अपने नाम में कोई कार नहीं है. उनके पास एक बजाज चेतक ब्रैंड का एक पुराना स्कूटर है जिसकी कीमत तब करीब 28,260 रुपये आंकी गई थी. देनदारी के रूप में उनके उपर 19 साल तक का एक लोन, एक साल का ओवरड्राफ्ट और 10 साल का मॉर्टगेज लोन है.

दिल्ली शराब घोटाले का पैसा कहां गया? आज केजरीवाल कोर्ट में करेंगे खुलासा

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के लिए आज का दिन काफी अहम है। दरअसल, दिल्‍ली के कथित शराब घोटाला मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत में हैं। ट्रायल कोर्ट ने केजरीवाल को ईडी की हिरासत में भेजने का आदेश दिया था। उनकी रिमांड अवधि आज समाप्‍त हो रही है। दोपहर बाद 2 बजे सीएम केजरीवाल को राउज एवेन्‍यू कोर्ट में पेश किया जाएगा। केजरीवाल हिरासत से बाहर आएंगे या फिर कस्‍टडी में ही रहेंगे, ट्रायल कोर्ट इस पर फैसला देगा।

इससे पहले 27 मार्च को दिल्‍ली हाईकोर्ट में अरविंद केजरीवाल की उस याचिका पर सुनवाई हुई थी, जिसमें उन्‍होंने ईडी की गिरफ्तारी को अवैध बताते हुए इसे निरस्‍त करने की मांग की थी। हालांकि, अरविंद केजरीवाल को हाईकोर्ट से तगड़ा झटका लगा था। उच्‍च न्‍यायालय केजरीवाल को राहत देने से इनकार कर दिया था। कोर्ट में ईडी की ओर से एएसजी एसवी राजू तो सीएम केजरीवाल की तरफ से अभिषेक मनु सिंघवी पेश हुए थे। सिंघवी ने ईडी के कदम को अवैध करार देने के लिए अपनी तरफ से पुरजोर दलील दी थी। हालांकि, उनकी दलीलों को खारिज कर दिया गया।

वहीं, केजरीवाल आज शराब घोटाले के मामले में कोर्ट के सामने बड़ा खुलासा करने वाले हैं। ये दावा किया है केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल ने। सुनीता मंगलवार शाम केजरीवाल से मिलने ईडी कार्यालय गईं थीं। इस दौरान केजरीवाल ने उन्हें संदेश दिया। इसे मीडिया से साझा करते हुए सुनीता ने कहा कि तथाकथित शराब घोटाले की जांच में ईडी ने दो साल में 250 से ज्यादा रेड की हैं। वे इस तथाकथित शराब घोटाले का पैसा ढूंढ रहे हैं, लेकिन अभी तक एक पैसा भी नहीं मिला। ईडी ने मनीष सिसोदिया, संजय सिंह और सत्येंद्र जैन के यहां भी रेड डाली पर पैसा नहीं मिला। ईडी ने हमारे घर भी रेड डाली, जिसमें उन्हें मात्र 73,000 रुपये मिले, इसलिए यह सवाल उठता है कि फिर इस तथाकथित शराब घोटाले का पैसा कहां है। केजरीवाल इस बात का खुलासा 28 मार्च को कोर्ट के सामने करेंगे। वे पूरे देश को सबूत के साथ सच बताएंगे कि इस घोटाले का पैसा कहां है।

यूपी के सहारनपुर सीट से दो मुस्लिम प्रत्याशी, एक अरबपति तो दूसरा करोड़पति, दोनों पर दर्ज हैं मामले, भाजपा प्रत्याशी आज करेंगे नामांकन दाखिल

लोकसभा चुनाव के पहले चरण के लिए प्रत्याशी लगातार नामांकन कर रहे हैं. पहले चरण के चुनाव के लिए आज नामांकन की आखिरी तारीख है. उत्तर प्रदेश की सहारनपुर सीट से BSP ने माजिद अली और INDIA ब्लॉक ने इमरान मसूद को प्रत्याशी बनाया है. दोनों ही मुस्लिम उम्मीदवारों के नामांकन पत्र से खुलासा हुआ कि दोनों ही उम्मीदवारों के पास बेशुमार दौलत है.

बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी माजिद अली करीब 1.60 अरब रुपये की चल और अचल संपत्ति के मालिक हैं, जबकि गठबंधन से कांग्रेस प्रत्याशी इमरान मसूद के पास 5.55 करोड़ रुपये से अधिक की चल और अचल संपत्ति है. यह खुलासा मंगलवार को नामांकन पत्र दाखिल करने के साथ दिए गए संपत्ति के ब्योरे से हुआ है. अब प्रमुख प्रत्याशियों में भाजपा के राघव लखनपाल शर्मा की बारी है, जो आज बुधवार को पर्चा दाखिल करेंगे।

अरबपति हैं BSP प्रत्याशी

माजिद अली ने नामांकन पत्र के साथ अपनी संपत्ति का जो ब्योरा दिया है. उसमें उनके पास 92 करोड़ 38 लाख 71 हजार 780 रुपये की चल संपत्ति है, जबकि उन्होंने 55 करोड़ 34 लाख एक हजार रुपये की अचल संपत्ति दिखाई है. इस प्रकार व्यक्तिगत तौर पर माजिद अली के नाम एक अरब 47 करोड़ 72 लाख 72 हजार 780 रुपये की कुल संपत्ति है. उनकी पत्नी तस्मीम बानो की संपत्ति की बात करें तो उसमें एक करोड़ 92 लाख 60 हजार 115 रुपये की चल संपत्ति है. उनके पास नौ करोड़ 68 लाख 31 हजार 382 रुपये की अचल संपत्ति है. इस लिहाज से उनकी पत्नी के नाम कुल 11 करोड़ 60 लाख 91 हजार 497 रुपये की संपत्ति है.

माजिद के चारों बेटों के पास 25 लाख 35 हजार 802 रुपये की संपत्ति है. पूरे परिवार की बात करें तो माजिद, पत्नी और बेटों के पास कुल एक अरब 59 करोड़ 59 लाख 79 रुपये की मिल्कियत है. माजिद के पास 11 तोले सोना भी है, जबकि पत्नी के पास दस तोला सोना है.

इमरान मसूद के पास इतनी संपत्ति

गठबंधन ने इस सीट से इमरान मसूद को प्रत्याशी बनाया है. मसूद के पास आठ लाख 32 हजार 796 रुपये की चल और चार करोड़ 34 लाख 15 हजार रुपये की अचल संपत्ति है. इस प्रकार अकेले इमरान के पास चार करोड़ 42 लाख 47 हजार 796 रुपये की संपत्ति है. इमरान की पत्नी सायमा मसूद के पास 77 लाख 55 हजार 52 रुपये की चल और 33 लाख रुपये की अचल संपत्ति है. इस प्रकार सायमा के पास एक करोड़ दस लाख 55 हजार 52 रुपये की संपत्ति है. इमरान के तीन बच्चों के पास एक लाख 99 हजार 489 रुपये की संपत्ति दिखाई गई है. पूरे परिवार की बात करें तो इमरान, पत्नी और बच्चों के पास कुल पांच करोड़ 55 लाख दो हजार 337 रुपये की चल और अचल संपत्ति है. इमरान के पास 50 ग्राम सोना है, जबकि पत्नी के पास एक किलो सोने के जेवर, एक किलो चांदी के जेवर और बर्तन तथा सात लाख रुपये के हीरे हैं.

दोनों प्रत्याशियों पर हैं मुकदमे

इमरान मसूद 12वीं पढ़े हुए हैं, जबकि माजिद अली साक्षर हैं. इसके अलावा माजिद के पास फॉरच्यूनर और पिस्तौल है. इमरान के पास भी एक पिस्तौल है. दोनों पर कई मामलों में मुकदमे भी दर्ज हैं.