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लोकसभा चुनाव के बीच भारत में ही खेला जाएगा पूरा IPL 2024, इस शहर में होगा फाइनल मैच

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने चल रहे इंडियन प्रीमियर लीग (IPL 2024) का पूरा शेड्यूल जारी कर दिया है। पिछले सप्ताह शुरू हुआ यह टूर्नामेंट पूरी तरह से भारत में होगा, यहां तक कि उसी समय देश में लोकसभा चुनाव भी हो रहे हैं। टूर्नामेंट का फाइनल 26 मई को चेन्नई में होगा, जबकि एलिमिनेटर और क्वालीफायर 1, 21 मई और 22 मई को अहमदाबाद में होगा। क्वालीफायर 2 भी 24 मई को चेन्नई में होगा। 

इससे पहले, BCCI ने टूर्नामेंट के केवल पहले दो हफ्तों के लिए 7 अप्रैल तक के कार्यक्रम की घोषणा की थी। अब जब चुनाव आयोग ने चुनावों के लिए मतदान की तारीखों की घोषणा कर दी है, तो BCCI ने देश भर के विभिन्न राज्यों में मतदान की तारीखों को ध्यान में रखते हुए शेष सीज़न के लिए कार्यक्रम को अंतिम रूप दे दिया है। पहले चरण का अंतिम मैच 7 अप्रैल को लखनऊ के एकाना स्टेडियम में लखनऊ सुपर जायंट्स और गुजरात टाइटंस के बीच होने वाला है। दूसरा चरण बिना किसी देरी के अगले दिन 8 अप्रैल को शुरू होगा जिसमें केकेआर का सामना चेन्नई के चेपॉक स्टेडियम में सीएसके से होगा।

दूसरे चरण में, दिल्ली कैपिटल्स, जिसने अपने पहले 2 मैचों के लिए विशाखापत्तनम का उपयोग किया था, अपने बाकी लीग मैचों के लिए राजधानी दिल्ली लौट आएगी। इस बीच, पंजाब अपने दो मैचों के लिए पंजाब में अपने घरेलू स्टेडियम के साथ-साथ धर्मशाला स्टेडियम का भी उपयोग करेगा। राजस्थान एक और टीम है जो अपने घरेलू मैचों के लिए 2 राज्यों का उपयोग कर रही है, गुवाहाटी अपने दो घरेलू मैचों की मेजबानी कर रहा है।

विशेष रूप से, ऐसी अटकलें थीं कि इस साल लोकसभा चुनावों के कारण कुछ मैच भारत के बाहर आयोजित किए जा सकते हैं और सुरक्षा एजेंसियां सुचारू चुनाव सुनिश्चित करने के लिए कड़ी मेहनत कर रही हैं। चुनावों के मद्देनजर, आईपीएल क्रमशः 2009 और 2014 में आम चुनावों के दौरान भारत के बाहर आयोजित किया गया है। हालाँकि, 2019 में लोकसभा चुनाव के साथ संयोग होने के बावजूद आईपीएल भारत में आयोजित किया गया था। लोकसभा चुनाव 19 अप्रैल से शुरू होंगे और 7 चरणों की वोटिंग के जरिए 1 जून को पूरे होंगे। वोटों की गिनती 4 जून को होगी.

केजरीवाल की गिरफ्तारी के विरोध में “आप” का शक्ति प्रदर्शन, प्रधानमंत्री आवास का घेराव करने की योजना, दिल्ली में कई मेट्रो स्टेशन बंद

#aap_protest_against_cm_kejriwal_arrest

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की कथित शराब घोटाले के मामले में गिरफ्तार के विरोध में आम आदमी पार्टी ने पीएम आवास पर विरोध प्रदर्शन का एलान किया है। जिसके चलते दिल्ली में सुरक्षा बढ़ा दी गई है।बता दें कि दिल्ली सरकार में मंत्री गोपाल राय ने केजरीवाल की गिरफ्तारी के खिलाफ मंगलवार को प्रधानमंत्री आवास का घेराव करने की योजना का ऐलान किया था। राय ने यह भी कहा था कि राष्ट्रव्यापी स्तर पर बड़ा प्रदर्शन किया जाएगा।

आम आदमी पार्टी के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए पीएम मोदी के आवास के बाहर दिल्ली पुलिस ने सख्त पहरेदारी कर दी है। दिल्ली में जगह-जगह पर बैरिकेड्स लगाए गए हैं, तलाशी अभियान भी शुरू हो गया है।प्रदर्शन को देखते हुए दिल्ली पुलिस द्वारा पटेल चौक मेट्रो स्टेशन के बाहर धारा 144 लागू की। साथ ही आप को प्रदर्शन की कोई अनुमति नहीं दी गई है।

अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के विरोध में आम आदमी पार्टी के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए दिल्ली मेट्रो ने बड़ा कदम उठाया है। दिल्ली मेट्रो ने पटेल चौक का एक गेट, सेंट्रल सेक्रेटेरियट और लोक कल्याण मार्ग का भी एक गेट एंट्री-एग्जिट के लिए बंद कर दिया है। डीएमआरसी ने बताया कि दिल्ली पुलिस के सुझाव पर यह कदम उठाया गया है। डीएमआरसी ने बयान जारी कर बताया, सुरक्षा कारणों से, लोक कल्याण मार्ग मेट्रो स्टेशन, पटेल चौक मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर 3 और केंद्रीय सचिवालय मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर 5 पर प्रवेश/निकास अगली सूचना तक बंद रहेगा।

वहीं, एक तरफ आज आम आदमी पार्टी सीएम केजरीवाल की गिरफ्तारी के विरोध में आज सड़क पर है, वहीं पीएम आवास के घेराव की योजना बनाई है। सभी विपक्षी दलों ने 31 मार्च को रामलीला मैदान में एक विशाल रैली का आयोजन करने की भी घोषणा की है।

बॉलीवुड एक्ट्रेस तापसी पन्नू ने गुपचुप तरीके से रचा ली शादी! जानिए किसके साथ कहां लिए सात फेरे

बॉलीवुड एक्ट्रेस तापसी पन्नू इनदिनों सुर्खियों में बनी हुई हैं. पिछले काफी समय से उनकी शादी की खबरें चर्चा में है. कुछ समय पहले तापसी ने एक इंटरव्यू में बताया था कि अभी वह शादी नहीं कर रही हैं जब शादी करेंगी तो सबको बताएंगी. इसी बीच तापसी को लेकर खबरें आ रही हैं कि एक्ट्रेस ने अपने लॉन्गटाइम बॉयफ्रेंड मैथियास बा से शादी कर ली है. मीडिया की खबरों के अनुसार तापसी ने उदयपुर में गुपचुप तरीके से सात फेरे लिए हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार एक्ट्रेस ने 23 मार्च को शादी की है. 

एक रिपोर्ट के अनुसार तापसी ने मैथियास बो संग 23 मार्च को शादी की है. एक्ट्रेस ने करीबी दोस्त और परिवार वालों की मौजूदगी में शादी की है. खबरों के अनुसार एक्ट्रेस की शादी के फंक्शन 20 मार्च को शुरू हुए थे. कहा जाता है कि कपल मीडिया अटेंशन नहीं चाहता था इसलिए कपल ने गुपचुप तरीके से शादी की है. शादी को लेकर तापसी और मैथियास की तरफ से अभी तक पुष्टि नहीं की है. 

तापसी पन्नू ने बॉयफ्रेंड मैथियस बो संग रचाई शादी, उदयपुर में लिए सात फेरे!

हाल ही में तापसी पन्नू ने अपनी शादी के सवाल पर कहा था कि''मैं किसी दिन शादी करना चाहती हूं, जब मैं ऐसा करूंगी तो सभी को पता चल जाएगा. अभी अफवाह शुरू करना गलता है'' एक्ट्रेस इंटरव्यू में कहा था कि उन्होंने अपने रिश्ते को लेकर कुछ भी छिपाया नहीं है. ऐसे जब शादी होगी तो पता चल जाएगा. तापसी पन्नू के काम की बात करें तो एक्ट्रेस हाल ही में शाहरुख खान के साथ फिल्म डंकी में नजर आई थी. एक्ट्रेस जल्द ही फिर आई हसीन दिलरूबा में नजर आएंगी. फिल्म में उनके साथ विक्रांत मैसी, सनी कौशल और जिमी शेरगिल होंगे. 

राइटर कनिका ढिल्लों जो कि तापसी पन्नू के साथ कई फिल्मों में काम कर चुकी हैं उन्होंने बीते रोज़ कुछ तस्वीरें शेयर की हैं, जिनमें वो खूबसूरत ड्रेस में नज़र आ रही हैं. बताया जा रहा है कि ये तस्वीरें भी तापसी के वेडिंग सेरेमनी की ही हैं. बता दें कि कनिका और तापसी ने हसीन दिलरुबा, मनमर्ज़ियां, डंकी और फिर आई हसीन दिलरुबा जैसी फिल्मों में साथ काम किया है. हालांकि इन दोस्तों ने भी शादी को लेकर एक शब्द भी नहीं लिखा है.

 बता दें कि तापसी पन्नू और मथियास काफी वक्त से एक दूसरे के साथ रिलेशनशिप में हैं. हालांकि दोनों में से किसी ने भी कभी रिश्ते पर कुछ नहीं कहा. दोनों की पहली मुलाकात 2013 में हुई थी. मथियास डेनमार्क के बैडमिंटन खिलाड़ी हैं और वो साल 2015 यूरोपीय खेलों में गोल्ड मेडल भी जीत चुके हैं.

एमपी के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में एक ही दिन में दो बाघ शावकों की मौत, शुरू हुई जांच

 मध्य प्रदेश के उमरिया जिले में स्थित बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में एक ही दिन में दो बाघ शावकों की मौत चिंता का विषय है। यह घटना वन्यजीव संरक्षण के लिए एक बड़ा झटका है, और इस घटना की गहन जांच की आवश्यकता है।

दोनों शावकों की उम्र एक वर्ष से कम थी, जो दर्शाता है कि वे अभी भी अपनी मां पर निर्भर थे। पनपथा रेंज में मिले शावक का शव बुरी तरह से नोचा हुआ था, जिससे यह अनुमान लगाया जा सकता है कि उसकी मौत किसी दूसरे जानवर के हमले से हुई होगी। खितौली रेंज में मिले शावक की मौत का कारण अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन यह भी चिंताजनक है।

यह साल बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के लिए काफी दुखद रहा है। जनवरी 2024 से अब तक 9 बाघों की मौत हो चुकी है, जो कि पिछले कुछ वर्षों में सबसे अधिक है। इनमें से कुछ बाघों की मौत प्राकृतिक कारणों से हुई है, लेकिन कुछ की मौत शिकार और अन्य मानवीय गतिविधियों के कारण हुई है। यह घटना वन्यजीव संरक्षण के लिए एक गंभीर चुनौती है। वन विभाग को इस मामले की गहन जांच कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। इसके अलावा, वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए और अधिक कदम उठाने की आवश्यकता है।

भाजपा अध्यक्ष JP नड्डा की पत्नी की फॉर्च्यूनर कार चोरी, पुलिस कार की तलाश में जुटी

भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा की पत्नी की कार चोरी हुई है. बताया जा रहा है कि ड्राइवर कार सर्विस के लिए दिल्ली के गोविंदपुरी गया था. 19 मार्च को ही सर्विस सेंटर से ही फॉर्च्यूनर कार चोरी हो गई. ड्राइवर की शिकायत पर पुलिस ने FIR दर्ज की है. पुलिस कार की तलाश में जुटी है.

बता दें कि राजधानी दिल्ली में वाहन चोरी की घटना लगातार बढ़ती ही जा रही है. इस पर एक मीडिया रिपोर्ट भी सामने आया है कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (Delhi-NCR) में हर 14 मिनट में एक वाहन चोरी की घटना होती है. ऐसा ही ACKO ने वाहन चोरी की घटनाओं पर आधारित 'थेफ्ट एंड द सिटी 2024' का अपना दूसरा संस्करण कुछ दिन पहले जारी किया था, जिसमें बताया गया था कि 2022 और 2023 के बीच भारत में वाहन चोरी की घटनाओं में 2.5 गुना बढ़ोतरी हुई है.

इसके अलावा इस रिपोर्ट में कई दिलचस्प खुलासे हुए हैं, मसलन किस कार पर चोरों की नजर सबसे ज्यादा है, चोरी की वारदात वाले हॉट स्पॉट और सबसे ज्यादा वाहन चोरी किस शहर में हुई है. इस रिपोर्ट में ऐसे कई तथ्य पेश किए गए हैं जो आपके लिए जानने जरूरी हैं. एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (Delhi-NCR) में हर 14 मिनट में एक वाहन चोरी की घटना हुई है, 2023 में औसतन हर दिन वाहन चोरी के 105 मामले दर्ज किए गए हैं. अधिकांश वाहन चोरी तीन दिन - मंगलवार, रविवार और गुरुवार को हुई हैं. ऐसे में लोगों को इन तीन दिनों तो ख़ासा सतर्क रहने की जरूरत है. हालांकि यह सामने नहीं आ सका है कि इन तीन दिनों ही वाहन चोरी की सबसे ज्यादा घटनाएं क्यों हुई हैं.

वाराणसी लोकसभा सीट से पीएम मोदी लगाएंगे जीत की हैट्रिक?

#varanasi_lok_sabha_election_2024_mp_pm_modi_bjp_candidate

भगवान शिव की नगरी का बढ़ा सियासी आकर्षण

तीसरी बार चुनावी मैदान में पीएम मोदी

जीत की हैट्रिक लगाने को पूरी तरह तैयार

लगातार दो बार रहे जनता की पहली पसंद

रिकार्ड 64 प्रतिशत मतदाताओं का मिला आशीर्वाद

शिव की नगरी, संस्‍कृति एवं धर्म का केंद्र और अब चुनावी मौसम में सबसे हॉट सीट। जी हैं ये वाराणसी ही है। भारतीय जनता पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को तीसरी बार वाराणसी संसदीय सीट से 2024 लोकसभा चुनाव के लिए अपना प्रत्याशी घोषित किया है। मोदी इस सीट से 2014 में सांसद और देश के प्रधानमंत्री बने। इसके बाद वह 2019 में भी यहां से मैदान में उतरे और दोबारा सांसद बने। एक बार फ‍िर पीएम मोदी इसी सीट से चुनाव लड़ने जा रहे हैं। यानी पीएम मोदी यहां से जीत की हैट्रिक की तैयारी में हैं।

वाराणसी सीट पर कब कौन चुना गया सांसद

साल                   सांसद               पार्टी 

1952                 रघुनाथ सिंह            कांग्रेस 

1957                 रघुनाथ सिंह            कांग्रेस 

1962                रघुनाथ सिंह             कांग्रेस 

1967                सत्य नारायण सिंह         सीपीआई 

1971                राजाराम शास्त्री           कांग्रेस 

1977                चंद्रशेखर          भारतीय राष्ट्रीय लोकदल

1980            कमलापति त्रिपाठी          कांग्रेस 

1984             श्यामलाल यादव             कांग्रेस 

1989            अनिल कुमार शास्त्री         जनता दल

1991            श्रीशचंद्र दीक्षित             भाजपा 

1996          शंकर प्रसाद जायसवाल           भाजपा 

1998          शंकर प्रसाद जायसवाल             भाजपा 

1999          शंकर प्रसाद जायसवाल               भाजपा 

2004           राजेश कुमार मिश्रा              कांग्रेस 

2009            मुरली मनोहर जोशी             भाजपा 

2014            नरेंद्र मोदी                     भाजपा 

2019            नरेंद्र मोदी                      भाजपा 

वाराणसी कभी कांग्रेस का गढ़ माना जाता था। इस सीट पर अभी तक सात बार कांग्रेस जीत चुकी है तो वहीं भाजपा ने भी सात बार जीत दर्ज की है। एक-एक बार जनता दल और सीपीआई भी यह सीट जीत चुकी है। हालांकि, 17 लोकसभा चुनाव में कभी भी सपा और बसपा को जीत हासिल नहीं हुई। 

पहले लोकसभा चुनाव 1952 में कांग्रेस ने स्वतंत्रता सेनानी रघुनाथ सिंह को मैदान में उतारा था। जमींदार परिवार के रघुनाथ सिंह जनता के बीच काफी लोकप्रिय थे और वह 1952, 1957 व 1962 में लगातार सांसद बने। श्रीराम मंदिर आंदोलन के बाद 1991 में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा ने यहां से पूर्व पुलिस अधिकारी और श्रीराम जन्मभूमि कारसेवा में बढ़चढ़ कर हिस्सा लेने वाले श्रीशचंद दीक्षित को मैदान में उतारा। श्रीशचंद ने सीट जीतकर भाजपा की झोली में डाल दी। इसके बाद भाजपा ने 1996 में यहां से शंकर प्रसाद जायसवाल को मैदान में उतारा। उन्होंने पार्टी को निराश नहीं करते हुए 1996, 1998 और 1999 में वाराणसी सीट का प्रतिनिधित्व किया।

भाजपा ने 2014 के लोकसभा चुनाव में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी को अपना प्रधानमंत्री प्रत्याशी और वाराणसी संसदीय सीट का उम्मीदवार घोषित किया। प्रधानमंत्री को हराने के लिए देशभर से राजनेता, सामाजिक संगठनों आदि के लोग मैदान में उतरे। प्रमुख नाम सामाजिक कार्यकर्ता से राजनेता बने आम आदमी पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल का था। मोदी ने 5 लाख 81 हजार 082 मत प्राप्त कर भाजपा विरोधी मतों का अपने पक्ष में ध्रुवीकरण कर लड़ने वाले केजरीवाल को 3 लाख 78 हजार 784 मतों से हराया। चुनाव मैदान में उतरे 42 में 40 लोगों की जमानत जब्त हो गई। 

प्रधानमंत्री रहते दोबारा 2019 के लोकसभा चुनाव में यहां से भाजपा प्रत्याशी बने। इस बार मोदी ने 6 लाख 74 हजार 664 मत प्राप्त कर सपा की शालिनी यादव को 4लाख 79 हजार 505 मतों से हराया। काशी में रिकार्ड 63.74 प्रतिशत मतदाताओं ने वोट मोदी को दिया। इसके बाद तो मोदी की बाबा विश्वनाथ की नगरी से ऐसी लगन लगी कि वह अब काशी नहीं हमारी काशी बोलते हैं। मार्च के शुरूआत तक वे 44 बार काशी की यात्रा कर चुके है। मोदी के लगातार काशी से जुड़ाव को देखते हुए भाजपा ने उनको तीसरी बार मौका दिया है और पीएम मोदी का तीसरी बार यहां से सांसद और पीएम बनना तय माना जा रहा है। 

प्रधानमंत्री मोदी भी अपनी जीत को लेकर आश्वस्त दिख रहे हैं। तभी तो पार्टी की ओर प्रत्याशी बनाए जाने पर प्रधानमंत्री ने कहा, मैं तीसरी बार काशी के अपने बहनों और भाइयों की सेवा के लिए तत्पर हूं। 

दरअसल, पीएम मोदी साल 2014 में सत्ता विरोधी लहर के सहारे सत्ता में आए थे। वहीं 2019 की जीत में आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान पर एयरस्ट्राइक के चलते राष्ट्रीय सुरक्षा का भाव उनके पक्ष में गया और उन्हें जीत मिली। इस बार अयोध्या में श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद देशभर में बने माहौल के बाद पीएम मोदी और बीजेपी की वापसी तय मानी जा रही है।

कंगना पर अभद्र पोस्ट कर फंसीं सुप्रिया श्रीनेत, महिला आयोग ने चुनाव आयोग से की कार्रवाई की मांग

#kangana_ranaut_comment_ncw_demands_action_from_ec_against_supriya_shrinet 

कांग्रेस नेता और राष्ट्रीप प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत का मंडी से भाजपा उम्मीदवार कंगना रनौत पर एक पोस्ट करना भारी पड़ गया है। विवाद बढ़ता जा रहा है। जहां एक ओर बीजेपी इस मुद्दे को लेकर काफी आक्रामक हो गई है वहीं अब राष्ट्रीय महिला आयोग भी हरकत में आ गया है। आयोग का कहना है कि आयोग चुनाव आयोग से अभिनेत्री कंगना रनौत के खिलाफ की गई टिप्पणी के लिए कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत पर कार्रवाई की मांग की है। वहीं पूरे मामले में कंगना रनौत ने सुप्रिया श्रीनेत को जवाब दे दिया है।

राष्ट्रीय महिला आयोग ने सोमवार को निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर लोकसभा चुनाव में हिमाचल प्रदेश की मंडी सीट से भाजपा उम्मीदवार एवं अभिनेत्री कंगना रनौत पर कथित अपमानजनक टिप्पणी करने के मामले में कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत और एचएस अहीर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। श्रीनेत के इंस्टाग्राम अकाउंट से रनौत के बारे में कथित आपत्तिजनक पोस्ट किया गया, जिसे बाद में हटा दिया गया। किसान कांग्रेस के प्रदेश संयुक्त समन्वयक अहीर ने भी रनौत के खिलाफ कथित अपमानजनक टिप्पणी की थी।

बता दें कि भाजपा ने बीते रविवार को लोकसभा चुनाव के अपने उम्मीदवारों की पांचवीं सूची जारी की थी। इसमें भाजपा ने घोषणा की कि हिमाचल प्रदेश की मंडी सीट से लोकसभा चुनाव के लिए कंगना रनौत को अपना उम्मीदवार बनाया है। उनके नाम का एलान होने के बाद कांग्रेस नेता और राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत के सोशल मीडिया अकाउंट से कंगना रनौत को लेकर अभद्र पोस्ट किया गया।

श्रीनेत के इस पोस्ट के बाद बवाल मच गया। बीजेपी ने इसके जमकर विरोध किया है। बीजेपी के प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने सोशल मीडिया पर लिखा है कि यह घिनौनापन से भी आगे है। कंगना रनौत पर श्रीनेत के इस तरह के कमेंट्स बेहद शर्मनाक है। उन्होंने सवाल करते हुए लिखा, क्या इस मामले पर प्रियंका गांधी कुछ बोलेंगी या क्या कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे सुप्रिया श्रीनेत को हटाएंगे। हाथरस वाली लॉबी अब कहां है।

वहीं, भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय सचिव तजिंदर बग्गा ने कहा कि कांग्रेस का महिला विरोधी चेहरा बेनकाब हुआ है। राहुल गांधी की करीबी सुप्रिया ने कांग्रेस का नेहरूवादी चेहरा दिखाया है।

सुप्रिया श्रीनेत ने दी सफाई

श्रीनेत के इंस्टाग्राम अकाउंट से रनौत के बारे में कथित आपत्तिजनक पोस्ट की गई थी, जिसे बाद में हटा दिया गया। श्रीनेत ने दावा किया है कि यह पोस्ट उन्होंने खुद नहीं किया। कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट साझा करते हुए कहा था, 'जो लोग मेरे बेहद करीब रहे हैं या मेरे साथ काम किया है, उन्हें पता है कि मैं किसी भी महिला के लिए ऐसा विवादित बयान नहीं दे सकती हूं। मुझे अभी पता चला कि सोशल मीडिया पोस्ट पर मेरे नाम के कई पैरोडी अकाउंट चल रहे हैं, जिनका दुरुपयोग फर्जी पोस्ट करने के लिए किया जा रहा है। नाम से एक अकाउंट चलाया जा रहा है, जहां से कुछ अराजक तत्वों ने इस घृणित कृत्य को अंजाम दिया। हालांकि मैंने आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट लिखा दी है।'

कंगना रनौत ने दिया जवाब

इधर कंगना ने सुप्रिया श्रीनेत को करारा जवाब दिया है। कंगना ने श्रीनेत की पोस्ट का स्क्रीनशॉट साझा करते हुए एक्स पर लिखा था, 'प्रिय सुप्रिया जी, मैंने एक कलाकार के रूप में अपने करियर के पिछले 20 वर्षों में हर तरह की महिल किरदार निभाए हैं। क्वीन में एक भोली-भाली लड़की से लेकर धाकड़ में जासूस तक, मणिकर्णिका में एक देवी से लेकर चंद्रमुखी में राक्षस तक। रज्जो में एक प्रॉस्टिट्यूट से लेकर थलाइवी में एक क्रांतिकारी नेत्री तक। हमें अपनी बेटियों को पूर्वाग्रहों के बंधनों से मुक्त करना चाहिए। हमें उनके शरीर के अंगों के बारे में जिज्ञासा रखने से ऊपर उठना चाहिए। साथ ही, हमें यौनकर्मियों के चुनौतीपूर्ण जीवन या परिस्थितियों को लेकर इस प्रकार के अपशब्दों के इस्तेमाल से बचना चाहिए। हर महिला अपनी गरिमा की हकदार होती है...।"

कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत का सोशल मीडिया अकाउंट हैक, कंगना को लेकर की पोस्ट के बाद बवाल

डेस्क: कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत के सोशल मीडिया अकाउंट हैक हो गए हैं। सुप्रिया के फेसबुक और इंस्टाग्राम अकाउंट हैक होने की खबर है। दरअसल, सुप्रिया श्रीनेत के इंस्टाग्राम अकाउंट से बॉलीवुड अभिनेत्री और हिमाचल के मंडी से बीजेपी की कैंडिडेट कंगना रनौत को लेकर आपत्तिजनक तस्वीर और अभद्र टिप्पणी की गई थी। इस फोटो के पोस्ट होने के बाद बवाल मच गया और बीजेपी आक्रामक हो गई। बवाल बढ़ा तो कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने सफाई दी कि उनके सोशल मीडिया (फेसबुक और इंस्टाग्राम) हैक हुए हैं। वह एक महिला के खिलाफ इस तरह की पोस्ट कभी नहीं कर सकतीं।

कंगना की तस्वीर पर सुप्रिया श्रीनेत की सफाई

कंगना की इस तस्वीर को लेकर कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने ट्वीट किया, "मेरे मेटा अकाउंट (एफबी और इंस्टा) तक पहुंच रखने वाले किसी व्यक्ति ने एक बिल्कुल घृणित और आपत्तिजनक पोस्ट किया, जिसे हटा दिया गया है। जो कोई भी मुझे जानता है वह जानता होगा कि मैं एक महिला के लिए ऐसा कभी नहीं कहूंगी। हालांकि मुझे अभी पता चला कि एक पैरोडी अकाउंट मेरे नाम का दुरुपयोग करके ट्विटर पर चलाया जा रहा है, जिससे पूरी शरारत शुरू हुई और इसकी रिपोर्ट की जा रही है।

कंगना रनौत ने दिया करारा जवाब

वहीं सुप्रिया श्रीनेत के अकाउंट से पोस्ट हुई इस तस्वीर पर बीजेपी अटैकिंग मोड में आ गई है। इसके बाद अभिनेत्री और बीजेपी नेता कंगना रनौत ने भी इस पर करारा हमला किया है। हिमाचल प्रदेश की मंडी लोकसभा सीट से बीजेपी की उम्मीदवार कंगना रनौत ने अपने सोशल मीडिया पर लिखा, "प्रिय सुप्रिया जी, एक कलाकार के रूप में अपने करियर के पिछले 20 सालों में मैंने हर तरह की महिलाओं की भूमिका निभाई है। 

क्वीन में एक भोली लड़की से लेकर धाकड़ में एक आकर्षक जासूस तक, मणिकर्णिका में एक देवी से लेकर चंद्रमुखी में एक राक्षसी तक, रज्जो में एक वेश्या से लेकर थलाइवी में एक क्रांतिकारी नेता तक। हमें अपनी बेटियों को पूर्वाग्रहों के बंधनों से मुक्त करना चाहिए, हमें उनके शरीर के अंगों के बारे में जिज्ञासा से ऊपर उठना चाहिए और सबसे बढ़कर हमें जीवन या परिस्थितियों को चुनौती देने वाली यौनकर्मियों को किसी प्रकार के दुर्व्यवहार या अपमान के रूप में इस्तेमाल करने से बचना चाहिए... हर महिला अपनी गरिमा की हकदार है..."

इतना ही नहीं इसको लेकर बीजेपी के प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने सुप्रिया श्रीनेत के खिलाफ एक्शन की मांग की है। पूनावाला ने कहा कि मांडी से लोकसभा टिकट पाने वाली कंगना रनौत पर सुप्रिया श्रीनेत ने घिनौना कमेंट और पोस्टर लगाया है।

मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति ने मुइज्जू को दी नसीहत, कहा- अड़ियल रुख छोड़ भारत के साथ दूर करें मतभेद

डेस्क: मलदीव के पूर्व राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह ने देश के मौजूदा राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू को नसीहत दी है कि वो अपनी जिद छोड़कर आर्थिक चुनौतियों से निपटने के लिए पड़ोसी देश भारत से बातचीत करें। सोलिह का ये बयान ऐसे समय आया है जब मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू को दुनियाभर में चीन समर्थक नेता के तौर पर देखा जा रहा है। सोलिह ने अपने मुइज्जू को ‘अड़ियल’ रवैया छोड़ने और वित्तीय चुनौतियों से निपटने के लिए पड़ोसियों के साथ बातचीत करने की सलाह दी है। सोलिह ने यह टिप्पणी तब सामने आई है जब कुछ दिन पहले चीन समर्थक माने जाने वाले मुइज्जू ने भारत से द्वीपीय देश को ऋण राहत देने का आग्रह किया था। मुइज्जू (45)ने पिछले साल सितंबर में हुए राष्ट्रपति चुनाव में सोलिह (62) को हराया था। 

'भारत के कारण नहीं हैं चुनौतियां'

माफन्नू के चार संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों से चुनाव लड़ रहे मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) के उम्मीदवारों के लिए समर्थन जुटाने के वास्ते माले में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सोलिह ने कहा कि उन्होंने मीडिया में छपी खबरें देखी हैं जो बताती हैं कि मुइज्जू ऋण पुनर्गठन के लिए भारत से बात करना चाहते हैं। अधाधु डॉट कॉम नाम की समाचार वेबसाइट के मुताबिक सोलिह ने कहा, ‘‘लेकिन वित्तीय चुनौतियां भारत के ऋण के कारण नहीं हैं।’’

मालदीव पर है चीन का कर्ज

सोलिह ने कहा कि मालदीव पर चीन का 18 अरब मालदीवियन रूफिया (एमवीआर) का कर्ज है, जबकि भारत का आठ अरब एमवीआर का कर्ज है और उसकी भुगतान अवधि भी 25 साल है। उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, मुझे विश्वास है कि हमारे पड़ोसी मदद करेंगे। हमें अड़ियल रुख अपनाना बंद करना चाहिए और बातचीत करनी चाहिए। ऐसे कई पक्षकार हैं जो हमारी मदद कर सकते हैं। लेकिन वह (मुइज्जू) समझौता नहीं करना चाहते। मुझे लगता है कि वे (सरकार) अब स्थिति को समझने लगे हैं।’’ पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार जनता को धोखा दे रही है और एमडीपी सरकार की तरफ से शुरू की गई परियोजनाओं को दोबारा शुरू कर रही है। उन्होंने कहा कि मंत्री अब उस झूठ को छुपाने के लिए झूठ बोल रहे हैं।

मुइज्जू ने की थी भारत की आलोचना 

मुइज्जू ने राष्ट्रपति चुनाव अभियान के दौरान और उसके बाद भारत की आलोचना की थी और नवंबर में उनके पदभार संभालने के बाद से दोनों देशों के बीच संबंध खराब हो गए हैं। उन्होंने मालदीव में मानवीय और चिकित्सा निकासी के लिए उपयोग किए जाने वाले तीन विमानन ठिकानों पर तैनात 88 भारतीय सैन्य कर्मियों को 10 मई तक पूरी तरह से वापस बुलाने की मांग की है। 26 भारतीय सैन्य कर्मियों की पहली टीम पहले ही मालदीव छोड़ चुकी है और उनकी जगह गैर सैन्यकर्मियों ने ली है। 

बदल रहे मुइज्जू के सुर 

मुइज्जू ने अपने पहले मीडिया साक्षात्कार में दावा किया कि उन्होंने ऐसा कोई कदम नहीं उठाया है या ऐसा कोई बयान नहीं दिया है जिससे दोनों देशों के रिश्तों में तनाव आए। मालदीव समाचार पोर्टल एडिशन डॉट एमवी ने बृहस्पतिवार को एक खबर के मुताबिक मुइज्जू ने कहा कि भारत, मालदीव का सबसे करीबी सहयोगी बना रहेगा और इस बात पर जोर दिया कि इसके बारे में कोई सवाल ही नहीं है। मालदीव में 21 अप्रैल को होने वाले संसदीय चुनाव से पहले मुइज्जू की भारत के प्रति सुलह समझौते वाली टिप्पणी आई है।

क्या लालू की राह पकड़ेंगे केजरीवाल, पत्नी की देंगे अपनी सीएम की कुर्सी?

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आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल इस वक्त ईडी की हिरासत में हैं। उन्‍हें 6 दिन यानी 28 मार्च तक के लिए ईडी की रिमांड पर भेज दिया गया है। 28 मार्च के बाद केजरीवाल का क्या होगा? जिस तरह से ईडी ने कोर्ट के सामने अपनी दलील पेश की उसके बाद संभवतः केजरीवा को अभी बेल ना मिले और उन्हें लंबे समय के लिए जेल जाना हो। वहीं, दूसरी तरफ केजरीवाल पर इस्तीफे का भी दबाव बन रहा है। ऐसे में दिल्ली के सियासी गलियारों में यह अटकलें जोरों पर उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल दिल्ली की मुख्यमंत्री का पद संभाल सकती हैं।

दरअसल सुनीता केजरीवाल ने शनिवार को जेल में बंद अपने पति का संदेश पढ़कर सुनाया, जो आप कार्यकर्ताओं और दिल्लीवासियों को संबोधित था। इस वीडियो संदेश में सुनीता केजरीवाल को उसी सेटिंग में बैठे देखा जा सकता है, जिनका इस्तेमाल सीएम केजरीवाल अपने संदेश देने के लिए करते थे। इस वीडियो के बैकग्राउंड में तिरंगे के साथ एक तरफ डॉ. भीमराव अंबेडकर और दूसरी तरफ भगत सिंह की तस्वीरें हैं। इस वीडियो को देखने और सीएम केजरीवाल का संदेश सुनने के बाद कई लोग कयास लगा रहे हैं कि आप प्रमुख सीएम की कुर्सी अपनी पत्नी को ही सौंप सकते हैं।

दरअसल, संविधान विशेषज्ञों की मानें तो राज्य के मुख्यमंत्री के स्वत: इस्तीफे को अनिवार्य करने वाला कोई विशिष्ट कानूनी प्रावधान मौजूद नहीं है।पर भविष्य में व्यवहारिक दिक्कतों को देखते हुए ही बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव हों या अभी हाल ही में झारखंड के सीएम हेमंत सोरेने को रिजाइन करना पड़ा था। केजरीवाल यह अच्छी तरह समझते हैं कि वह अगर सीएम बने रहने पर अड़े रहे तो लेने के देने भी पड़ सकते हैं। क्योंकि प्रशासनिक गतिरोध पैदा होने पर उपराज्यपाल केंद्र को दिल्ली में राष्ट्रपति शासन की अनुशंसा भेज सकते हैं। इसलिये संभावना यही है कि अरविंद केजरीवाद बहुत जल्दी इस्तीफा देकर अपने किसी विश्‍वस्‍त व्‍यक्ति को गद्दी सौंप दें। 

अब सवाल उठता है कि क्या केजरीवाल बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के रस्ते पर चलेंगे? क्या जेल पहुंचे चुके केजरीवाल भी अपनी पत्नी को दिल्ली की कमान सौंप देंगे।

दरअसल, साल 1996 में बिहार के सीएम लालू प्रसाद यादव पर चारा घोटाले का आरोप लगा। सीबीआई ने लालू पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया। जल्द ही राजनीतिक हालात कुछ ऐसे बने कि लालू को सरकार चलाना मुश्किल हो गया। लालू पर किसी भी वक्त गिरफ्तारी की तलवार लटक रही थी। इस बीच, 25 जुलाई 1997 को लालू यादव ने सभी को चौंकाते हुए पत्नी राबड़ी देवी को बिहार का नया मुख्यमंत्री बना दिया। सिर्फ पांचवीं कक्षा तक पढ़ी राबड़ी देवी ने तब तक कोई चुनाव भी नहीं लड़ा था। इसके बावजूद वह देश के सबसे अहम राजनीतिक प्रदेश बिहार की मुख्यमंत्री बना दी गईं। 

यह संविधान के अनुच्छेद 164 से मुमकिन हो पाया। अनुच्छेद 164 में राज्य के मुख्यमंत्री और मंत्रिपरिषद की नियुक्ति से संबंधित नियम दर्ज है। इस अनुच्छेद को हम विस्तार से समझते हैं। अनुच्छेद 164 (1) के मुताबिक मुख्यमंत्री की नियुक्ति राज्यपाल करेगा। इसके अलावा बाकी मंत्रियों की नियुक्ति राज्यपाल, मुख्यमंत्री की सलाह पर करेगा। अनुच्छेद (2) राज्य मंत्रिपरिषद राज्य की विधानसभा के प्रति सामूहिक रूप से उत्तरदायी होगा। अनुच्छेद (3) किसी मंत्री द्वारा अपना पद ग्रहण करने से पहले, राज्यपाल उसको पद की और गोपनीयता की शपथ दिलाएगा। अनुच्छेद (4) कोई मंत्री अगर निरन्तर छह महीने की अवधि तक राज्य के विधान मण्डल का सदस्य नहीं है तो उस अवधि की समाप्ति पर उसके मंत्री का कार्यकाल भी समाप्त हो जाएगा। अनुच्छेद 164 (4) के मुताबिक मंत्री बनने के लिए जरूरी नहीं कि वो शख्स राज्य के विधानमंडल का सदस्य हो। लेकिन एक बार इस तरीके से किसी शख्स को मंत्री बनाए जाने के बाद, उस शख्स को 6 महीने की भीतर चुनाव जीतकर राज्य के विधानमंडल का सदस्य बनना पड़ता है।