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जान लीजिए, इस दिन बंद होंगे केदारनाथ, गंगोत्री-यमुनोत्री धाम के कपाट, सामने आई तारीख

उत्तराखंड में चारधाम यात्रा में प्रतिदिन एक नया रिकॉर्ड बन रहा है। मानसून समाप्त होने के पश्चात् एक बार फिर से यहां भक्तों के आंकड़े में वृद्धि हो गई है तो वहीं अब चारधाम यात्रा में चारों धामों के कपाट बंद होने की तिथि का एक-एक कर ऐलान आरम्भ हो गया है। 15 नवंबर को भैया दूज के दिन यमुनोत्री धाम तथा केदारनाथ धाम के कपाट आगामी 6 माह के लिए बंद हो जाएंगे। जबकि गंगोत्री धाम के कपाट एक दिन पहले 14 नवंबर को बंद हो जाएंगे। 

भगवान केदारनाथ की पंचमुखी उत्सव मूर्ति शीतकालीन प्रवास श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंचेगी। विजय दशमी को ही द्वितीय केदार मद्महेश्‍वर के कपाट बंद होने की तिथि श्री ओंकारेश्‍वर मंदिर, उखीमठ में एवं तृतीय केदार तुंगनाथ के कपाट बंद होने की तिथि शीतकालीन गद्दी स्थल मार्कंडेय मंदिर मक्कूमठ में तय होगी। इसके साथ ही श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की तिथि विजय दशमी मंगलवार 24 अक्टूबर को बदरीनाथ धाम में निर्धारित की जाएगी। कपाट बंद होने की तिथि घोषित करने के लिए श्री बद्रीनाथ मंदिर परिसर में धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। 

 श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (BKTC) अध्यक्ष अजेंद्र अजय की उपस्थिति में रावल और धर्माधिकारी पंचांग गणना के पश्चात कपाट बंद होने के शुभ मुहूर्त का ऐलान किया जाएगा। इस मौके पर BKTC उपाध्यक्ष किशोर पंवार, मुख्य कार्याधिकारी योगेंद्र सिंह समेत अन्‍य अफसर एवं कर्मचारी उपस्थित रहेंगे। BKTC के मीडिया प्रभारी डॉ। हरीश गौड़ ने बताया कि बद्रीनाथ धाम में कपाट बंद होने की तिथि निर्धारित करने के कार्यक्रम में यात्रा साल 2024 के लिए मंदिर भंडार की जिम्मेदारी के तहत मंदिर समिति द्वारा हकहकूक धारियों को पगड़ी भेंट की जाएगी। इस बार चारधाम यात्रा के लिए बड़े आंकड़े में भक्त पहुंच रहे हैं। हालांकि मानसून में हुई वर्षा के चलते कई बार यात्रा को रोकना भी पड़ा था।

मध्यप्रदेश में कांग्रेस की उम्मीदवारों की लिस्ट आते ही मचा सियासी घमासान, जानिए, इस नेता ने दिया पद से इस्तीफा

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक गलियारों का तापमान चढ़ गया है। रविवार को नवरात्रि के पहले दिन कांग्रेस द्वारा प्रत्याशियों की सूची जारी होने के साथ कांग्रेस में घमासान शुरू हो गया है। टिकट नहीं मिलने से नाराज प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष अजय यादव ने इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने चिट्ठी लिखकर पिछड़ा वर्ग के साथ अन्याय का आरोप लगाया है।

उन्होंने PCC प्रमुख कमलनाथ को चिठ्ठी भी लिखा है तथा पिछड़ा वर्ग के साथ अन्याय करने का आरोप लगाया है। कहा जा रहा है कि अजय खरगापुर विधानसभा सीट से दावेदारी कर रहे थे, मगर यहां से किसी और को टिकट दे दिया गया है, जिससे नाराज होकर यादव ने इस्तीफा दे दिया है। मध्य प्रदेश भाजपा ने X पर पोस्ट करते हुए लिखा है कि उम्मीदवारों की सूची आते ही कांग्रेस में आक्रोश। पिछड़ा वर्ग की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कांग्रेस मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष अजय सिंह यादव ने दिया इस्तीफा। जन आक्रोश एवं कार्यकर्ताओं का आक्रोश कांग्रेस की हार सुनिश्चित करेगा।

X पर पोस्ट करते हुए भाजपा नेता आशीष अग्रवाल ने लिखा है कि सूची आते ही विरोध के गूंजे स्वर, इस्तीफों ने पकड़ी रफ्तार, कांग्रेस की होगी करारी हार…पहले पवई में कांग्रेसियों ने कांग्रेस उम्मीदवार मुकेश नायक के पुतले फूंके तो अब वहीं टीकमगढ़ जिले के नेता और कांग्रेस मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष अजय सिंह यादव ने पिछड़ा वर्ग की उपेक्षा का इल्जाम लगाते हुए इस्तीफा दिया।

उत्तर प्रदेश हाई कोर्ट ने निठारी हत्याकांड के मुख्य आरोपी को किया बरी, पहले मिली थी मौत की सजा

डेस्क: निठारी हत्याकांड के मुख्य आरोपी को बरी कर दिया गया है। इस निर्मम हत्याकांड मामले में आज सोमवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मुख्य आरोपी सुरेंद्र कोली और उसके सह-आरोपी मोनिंदर सिंह पंढेर को बरी कर दिया है। कोर्ट ने कोली को 12 मामलों में निर्दोष पाया। जानकारी दे दें कि इन मामलों के लिए उसे पहले मौत की सजा दी गई थी। साथ ही कोर्ट ने पंढेर को भी 2 मामलों में निर्दोष पाया गया, जिसमें उसे मौत की सजा दी गई थी।

सबसे चर्चित हत्याकांड 

जानकारी दे दें कि निठारी हत्याकांड दिल्ली एनसीआर का सबसे चर्चित हत्याकांड रहा है। ये हत्याकांड नोएडा की सबसे कुख्यात घटनाओं में से एक है जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। इससे पहले गाजियाबाद की सीबीआई कोर्ट ने कोली और पंढेर को 2005 और 2006 के बीच कई बच्चियों के बलात्कार और हत्या का दोषी पाया गया था।

नाले में पाए गए थे कंकाल

यह घटना दिसंबर 2006 में सामने आई जब नोएडा के निठारी गांव में एक घर के पास नाले में कंकाल पाए गए। जांच करने पर, कोली और उसके नियोक्ता पंढेर को पीड़ितों में से एक के लापता होने के आरोप में हिरासत में ले लिया गया। कोली के कबूलनामे के बाद, पुलिस ने आस-पास की ज़मीन की खुदाई शुरू की और बच्चों के शव खोजे।

दो पुलिसकर्मियों हुए थे निलंबित

मामला जल्द ही केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दिया गया - जिसने 16 मामले दर्ज किए, उनमें से सभी में हत्या, अपहरण और बलात्कार के अलावा सबूतों को नष्ट करने के लिए सुरिंदर कोली और एक में अनैतिक तस्करी के लिए पंढेर पर चार्जशीट दायर किया। कई बच्चों के लापता होने की सूचना मिलने के बावजूद कार्रवाई करने में विफल रहने पर दो पुलिसकर्मियों को भी निलंबित कर दिया गया था।

महिलाओं से बलात्कार, बच्चों का नरसंहार, क्षत-विक्षत लाशें..! इजराइल की फॉरेंसिक रिपोर्ट में हुआ हमास के राक्षसी कृत्यों का खुलासा

 इजरायली अधिकारियों ने बताया है कि इजरायल में सैन्य फोरेंसिक टीमों ने गाजा पट्टी के आसपास के समुदायों पर पिछले हफ्ते के हमास आतंकवादी हमले के पीड़ितों के शवों का परिक्षण किया है। फोरेंसिक विश्लेषण के दौरान, उन्हें यातना, बलात्कार और अन्य अत्याचारों के कई संकेत मिले हैं। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, लगभग 1,300 शवों को मध्य इज़राइल के रामल्ला में एक सैन्य अड्डे पर लाया गया था। सेना अड्डे पर, मृतक पीड़ितों की पहचान और उनकी मृत्यु की परिस्थितियों का निर्धारण करने के लिए विशेषज्ञ टीमों द्वारा फोरेंसिक विश्लेषण किया गया।

पूर्व सेना प्रमुख रब्बी इज़राइल वीस उन अधिकारियों में से एक हैं, जो मृतकों की पहचान की निगरानी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि लगभग 90% सैन्य मृतकों की पहचान कर ली गई है और टीमें नागरिकों की पहचान करने के आधे चरण में हैं। उन्होंने कहा कि कई शवों पर यातना के साथ-साथ बलात्कार के भी निशान दिखे हैं। पत्रकारों से बात करते हुए, एक रिज़र्व वारंट अधिकारी अविगायिल ने कहा कि, "हमने हाथ और पैर कटे हुए क्षत-विक्षत शव देखे हैं, जिन लोगों का सिर काट दिया गया था, एक बच्चा जिसका सिर काट दिया गया था।" उन्होंने कहा कि शवों की फोरेंसिक जांच में बलात्कार के कई मामले पाए गए। इन शवों को प्रशीतित कंटेनरों में संग्रहित किया गया है। एक सैन्य दंत चिकित्सक कैप्टन मायन ने कहा कि, “हमारे पास मौजूद सभी साधनों से हम पहचान करते हैं। हम उन्हें दुर्व्यवहार की गंभीर अवस्था में देखते हैं। हम गोलियों की आवाजें देखते हैं और हम ऐसे संकेत देखते हैं जो पूरी तरह से यातना हैं।''

यह ध्यान देने योग्य है कि प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू सहित इजरायली सरकार ने हमास की तुलना इस्लामिक स्टेट (ISIS) से की है - वह आतंकवादी समूह जिसने सीरिया और इराक जैसे देशों में सार्वजनिक रूप से सिर काटने के लिए दुनिया भर में कुख्याति प्राप्त की है। इस बीच, इजराइल-हमास युद्ध अपने नौवें दिन में प्रवेश कर गया है और इजराइल 7 अक्टूबर के आतंकवादी हमलों और जमीनी हमले के लिए हमास के आतंकी बुनियादी ढांचे पर लगातार हमला कर रहा है, जिसमें 1,300 से अधिक इजराइली नागरिक मारे गए थे और 3,300 से अधिक गंभीर रूप से घायल हो गए थे।

14 अक्टूबर को, इज़राइल रक्षा बलों (IDF) ने ऐलान किया था कि वह गाजा पट्टी में "महत्वपूर्ण जमीनी अभियानों" की तैयारी पूरी कर रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, IDF के मुताबिक, वे "आक्रामक परिचालन योजनाओं की एक विस्तृत श्रृंखला" स्थापित करके "आक्रामक विस्तार" की तैयारी कर रहे हैं, जिसमें "हवा, समुद्र और जमीन से संयुक्त और समन्वित हमला" शामिल होगा। IDF अंतर्राष्ट्रीय प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल रिचर्ड हेचट ने एक वीडियो बयान जारी करते हुए उत्तरी गाजा पट्टी में नागरिकों से तुरंत वहां से हटने और दक्षिण की ओर जाने का आग्रह किया था। उन्होंने इस बात पर जोर दिया था कि IDF का उद्देश्य इजरायल के लोगों को आतंकवादी संगठन हमास के चल रहे हमलों से बचाना है, जिसने क्रूर नरसंहार के साथ युद्ध की शुरुआत की थी।

इजराइल हमास युद्ध

बता दें कि, 7 अक्टूबर को, हमास के सैकड़ों आतंकवादियों ने विभिन्न माध्यमों से इज़राइल में घुसपैठ की, और कुछ ही मिनटों में आयरन डोम पर 5,000 रॉकेटों से हमला कर दिया था। आतंकियों ने आम नागरिकों, महिलाओं-बच्चों का भी अपहरण कर लिया और उन्हें गाजा ले गए थे। इज़रायली सेना द्वारा हमास पर जवाबी हमले में, इज़रायल-हमास युद्ध में कथित तौर पर 1,500 से अधिक हमास आतंकवादी मारे गए हैं। ऑपरेशन आयरन स्वॉर्ड्स के तहत, इज़राइल ने गाजा में हमास के खिलाफ एक बड़ा हमला किया, बिजली और पानी की आपूर्ति को प्रतिबंधित कर दिया और क्षेत्र में आवश्यक वस्तुओं के प्रवेश को रोक दिया है। अब तक 400,000 से अधिक गाजा निवासियों को निकाला जा चुका है। इस बीच भारत ने इजरायल से भारतीयों को निकालने के लिए ऑपरेशन अजय लॉन्च किया है. भारतीयों के दो बैचों को पहले ही बचाया जा चुका है, जिनमें से प्रत्येक में 200 से अधिक लोग हैं।

जाम लीजिए, भारत में एक ऐसा मंदिर भी है जहां नवरात्र के दौरान वर्जित होता है महिला-पुरुषों का प्रवेश

बिहार के नालंदा में एक ऐसा मंदिर भी है जहां नवरात्र के 9 दिनों तक किसी भी व्यक्ति के मंदिर में प्रवेश पर पाबंदी होती है। ये अनोखा मंदिर बिहार के नालंदा में है। दरअसल, नालंदा जिला के गिरियक प्रखंड के घोषरावा गांव में मां आशापुरी मंदिर है। यहां पर नवरात्र के पूरे 9 दिनों तक महिलाओं एवं पुरुषों के मंदिर प्रवेश पर रोक है। इन 9 दिनों में महिलाएं मंदिर परिसर एवं गर्भ गृह में प्रवेश नहीं करती हैं जबकि पुरुषों को केवल मंदिर परिसर में पूजा करने की इजाजत रहती है। 

नवरात्र के 9 दिनों तक नौ देवियों की यहां पूजा होती है। नवमी को पूजन-हवन होता है। इस के चलते गर्भ गृह में महिला और पुरुष दोनों का प्रवेश वर्जित रहता है। नवरात्र की शरुआत के साथ ही रविवार से मंदिर में महिलाओं का प्रवेश वर्जित कर दिया गया है। मां आशापुरी मंदिर अति प्राचीन मंदिर है, जो पावापुरी मोड़ से तकरीबन 5 किलोमीटर की दूरी पर घोषरावा गांव में स्थित है। इस मंदिर का निर्माण मगध साम्राज्य के चलते हुआ था। यहां पर मां दुर्गा की अष्टभुजा प्रतिमा स्थापित है।

कहा जाता है कि मां आशापुरी मंदिर में तंत्र विद्या के तहत पूजा होती है तथा मां दुर्गा की आराधना की जाती है। यही कारण है कि यहां 9 दिनों तक महिलाओं का प्रवेश वर्जित रहता है। इस प्राचीन मंदिर की विशेषता है कि यहां जो लोग सच्चे भाव से मन्नत मांगते है उसकी मनोकामना पूरी होती है इसीलिए इस मंदिर का नाम आशापूरी भी रखा गया है। यहां बंगाल, झारख, ओडिशा, बिहार सहित कई प्रदेशों के लोग श्रद्धा भाव से दर्शन करने आते हैं।

'संसद में प्रश्न पूछने के बदले एक कारोबारी से मोटी रिश्वत लेती हैं TMC सांसद महुआ मोइत्रा..', लोकसभा स्पीकर तक पहुंची शिकायत

भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर तृणमूल कांग्रेस (TMC) सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ जांच समिति बनाने की मांग की। निशिकांत दुबे ने आरोप लगाते हुए कहा है कि “संसद में सवाल पूछने के लिए नकदी और उपहारों के बदले महुआ मोइत्रा और एक व्यवसायी के बीच रिश्वत का आदान-प्रदान हुआ।”

उन्होंने महुआ मोइत्रा को सदन से तत्काल निलंबित करने की मांग की। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को संबोधित दो पेज के पत्र में, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को लिखे दो पन्नों के एक पत्र में, दुबे ने दावा किया है कि संसदीय सत्र के दौरान, अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस के कुछ सदस्यों, विशेष रूप से मोहुआ मोइत्रा और सौगत रॉय को लगातार मौखिक उपयोग करके व्यवधान पैदा करने की आदत है। दुबे ने कहा कि, दोनों TMC सदस्य विभिन्न कारणों से विभिन्न व्यक्तियों पर हमले करते हैं।

उन्होंने आगे कहा कि हाल तक लोकसभा में उनके द्वारा पूछे गए 61 में से 50 प्रश्न अडानी समूह पर केंद्रित थे, जो एक व्यापारिक समूह है, जिस पर TMC सांसद अक्सर कदाचार का आरोप लगाते रहे हैं। उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस (TMC) नेताओं की 'रणनीति' ने 'आम लोगों के मुद्दों और सरकार की नीतियों पर बहस करने के अन्य सदस्यों के संवैधानिक अधिकारों' का उल्लंघन किया है। भाजपा नेता ने कहा कि "प्रतिनिधित्व" का पर्दाफाश हो गया है और उन्होंने महुआ मोइत्रा पर "लोकसभा में प्रश्न पूछने के बदले व्यवसायी से धन जुटाने, दूसरे व्यापारिक समूह को निशाना बनाने" का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि महुआ मोइता को दिया गया 'फ़ायरब्रांड सांसद' का खिताब "एक दिखावा के अलावा कुछ नहीं" है।

महुआ मोइत्रा का खंडन:-

दुबे के आरोपों का जवाब देते हुए, महुआ मोइत्रा ने कहा कि वह उनके खिलाफ किसी भी प्रस्ताव का "स्वागत" करती हैं। एक्स को पर उन्होंने कहा कि, "फर्जी डिग्रीवालों और अन्य भाजपा दिग्गजों के खिलाफ विशेषाधिकारों के कई उल्लंघन लंबित हैं। स्पीकर के निपटारे के तुरंत बाद मेरे खिलाफ किसी भी प्रस्ताव का स्वागत है। ED और अन्य के मेरे दरवाजे तक आने से पहले अडानी कोयला घोटाले में FIR दर्ज करने का इंतजार कर रही हूं।"

मध्यप्रदेश के सियासी रण में उतरे टीवी के 'हनुमान', बोले- 'हम सीएम शिवराज सिंह चौहान के सामने लड़ेंगे और जीतेंगे...'

 मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस ने नवरात्रि पर अपनी पहली सूची जारी कर दी है। इसमें राज्य की सबसे हाई प्रोफाइल सीट बुधनी से सीएम शिवराज सिंह चौहान के सामने विक्रम मस्ताल को अपना उम्मीदवार बनाया है। विक्रम रामायण-2 में हनुमान जी की भूमिका निभा चुके हैं। कुछ वक़्त पहले ही कमलनाथ ने उन्हें कांग्रेस की सदस्यता दिलाई थी। बुधनी से उम्मीदवार घोषित होने के पश्चात विक्रम मस्ताल जिले के देवी धाम सलकनपुर पहुंचे। मंदिर में विधि विधान से पूजा की। तत्पश्चात, मीडिया से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि हनुमान जी और उनके भक्तों के लिए कोई भी कार्य असंभव नहीं है। यह जनता का चुनाव है। मैं केवल एक चेहरा हूं। हम मुख्यमंत्री के सामने लड़ेंगे तथा जीतेंगे।

कांग्रेस ने अपनी पहली सूची में सीहोर जिले के 3 विधानसभा क्षेत्र में उम्मीदवार घोषित किए है। सीहोर विधानसभा क्षेत्र से पूर्व MLA रमेश सक्सेना के बेटे शशांक सक्सेना को प्रत्याशी बनाया है। आष्टा विधानसभा क्षेत्र से कुछ माह पूर्व प्रजातांत्रिक पार्टी से कांग्रेस में सम्मिलित हुए कमल सिंह चौहान को प्रत्याशी बनाया है। सबसे हाई प्रोफाइल सीट बुधनी से सीएम शिवराज सिंह चौहान के सामने टीवी कलाकार एवं रामायण-2 में हनुमान जी की भूमिका निभाने वाले विक्रम मस्ताल को मैदान में उतारा है। जिले की इछावर विधानसभा को होल्ड पर रखा गया है। 

कुछ वक़्त पहले ही विक्रम मस्ताल कांग्रेस में सम्मिल्लित हुए थे। बुधनी से उम्मीदवार घोषित होने के बाद वो जिले के देवी धाम सलकनपुर पहुंचे, जहां मंदिर में विधि-विधान से पूजा की तथा जीत का आशीर्वाद मांगा। मंदिर के बाहर निकलते ही कहा, यह जनता का चुनाव, जनता चुनाव लड़ रही, मैं बस जनता के चेहरा हूं। जनता किसी भी राजा महाराजा के शासन को हटाने में सक्षम है। 'मुख्यमंत्री शिवराज के सामने चुनाव लड़ना कितनी बड़ी चुनौती मानते हैं' सवाल पर विक्रम ने कहा कि हनुमान जी और उनके भक्तों के लिए कोई काम मुश्किल नहीं है। हनुमान जी और उनके भक्तों के लिए कोई भी कार्य जग में असंभव नहीं है। इसी पंक्ति और भरोसे के साथ हम सब कांग्रेसी संघटित होकर मुख्यमंत्री के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं और जीतेंगे।

इजरायल-फिलिस्तीन युद्ध पर आई शरद पवार की प्रतिक्रिया, बोले- 'पूरी जमीन फिलिस्तीन की है...'

 NCP प्रमुख शरद पवार ने इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष पर अहम बयान दिया है। शरद पवार ने कहा कि भारत हमेशा फिलिस्तीन के साथ खड़ा है। यह पहली बार है जब भारत ने इज़राइल को समर्थन दिखाया है। जवाहरलाल नेहरू से लेकर अटल बिहारी वाजपेयी, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी तक सभी फिलिस्तीन के साथ मजबूती से खड़े थे।

NCP प्रमुख शरद पवार रविवार को मुंबई में NCP के समारोह में बोल रहे थे। राखी जाधव को नवाब मलिक की जगह NCP मुंबई अध्यक्ष चुना गया है। NCP नेताओं एवं कार्यकर्ताओं को संबोधित करने के चलते शरद पवार ने इजरायल एवं फिलिस्तीन युद्ध पर चर्चा की। NCP प्रमुख ने कहा, हम दुनिया में शांति चाहते हैं। अभी इजरायल एवं फिलिस्तीन के बीच युद्ध चल रहा है। वह पूरी जमीन फिलिस्तीन की है तथा उनकी जमीन पर इजरायल ने अतिक्रमण किया है। वह जगह, जमीन और मकान सब कुछ फिलिस्तीन का है। तथा बाद में इजरायल ने इस पर कब्जा कर लिया। इजरायल बाहरी है और जमीन मूल तौर पर फिलिस्तीन की है। अतिक्रमण के पश्चात् इजरायल देश बना।

आगे शरद पवार ने कहा, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, जवाहरलाल नेहरू, अटल बिहारी वाजपेयी सभी के विचार फिलिस्तीन के साथ खड़े होने के समान थे, यह हमेशा भारत सरकार का रुख था। भारत कभी किसी और के साथ खड़ा नहीं हुआ। भारत हमेशा उन व्यक्तियों के साथ खड़ा रहा जो मूल तौर पर खड़े थे। वहां की जमीन एवं मकानों के मालिक हैं। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि पहली बार हमारे पीएम वास्तविक मुद्दे को छोड़कर इजरायल के साथ खड़े हैं। उन्होंने वास्तविक मुद्दे को नजरअंदाज कर दिया। हमें अपने रुख पर स्पष्ट होना चाहिए। NCP का रुख स्पष्ट होना चाहिए। हम कायम हैं वे लोग जो मूल तौर पर उस भूमि के निवासी हैं।

पढ़िए, वो 5 मौके, जब भारत के मुश्किल वक्त में 'सच्चा दोस्त' बनकर मदद करने आया इजराइल !

 इजराइल और फिलिस्तीनी आतंकी संगठन हमास के बीच जबरदस्त युद्ध चल रहा है। ये युद्ध तब शुरू हुआ, जब हमास के आतंकियों ने 7 अक्टूबर को इजराइल पर एकसाथ 5000 रॉकेट दागे और कई लोगों की हत्या कर दी। हमास के आतंकी इजराइल की सीमा में भी घुस आए और एक म्यूजिक फेस्टिवल में जश्न मना रहे 250 लोगों को गोलियों से भून डाला। यही नहीं, हमास ने 40 यहूदी बच्चों को भी काटकर, जिन्दा जलाकर बेरहमी से मार डाला, महिलाओं की नग्न परेड कराइ और कई लोगों को बंधक बना लिया, जिसमे इजराइल, UK और अमेरिका के भी नागरिक शामिल हैं। इसके बाद से इजराइल आगबबूला है और उसने हमास के आतंकियों को खत्म करने की कसम खाई है। भारत ने भी इजराइल पर हुए खतरनाक आतंकी हमले की निंदा की है और मृतकों के प्रति अपनी संवेदना की है। पीएम मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा था कि, भारत इस दुःख की घड़ी में इजराइल के साथ खड़ा है। बता दें कि, भारत और इजराइल के बीच संबंधों की विशेषता अटूट सहयोग और पारस्परिक समर्थन है। इस स्थायी साझेदारी में कई महत्वपूर्ण क्षण आए हैं, जिन्होंने उनकी दोस्ती को मजबूत किया है। आज हम उन 5 अवसरों के बारे में जानने वाले हैं, जब इजराइल ने सच्ची दोस्ती का उदाहरण पेश करते हुए मुश्किल वक्त में हमारी मदद की है, कई बार तो इजराइल ने ऐसे समय में भी मदद की, जब दोनों देशों में आधिकारिक रूप से कोई राजनयिक संबंध भी नहीं थे।  

1971 का युद्ध

1971 के भारत-पाक युद्ध के बीच, उस समय दोनों देशों के बीच आधिकारिक राजनयिक संबंधों की अनुपस्थिति के बावजूद, इज़राइल ने भारत को महत्वपूर्ण सैन्य सहायता प्रदान करके महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। दरअसल, भारत के पहले प्रधान मंत्री, जवाहरलाल नेहरू शुरू में धर्म के आधार पर इजराइल के गठन का विरोध कर रहे थे, इसलिए दोनों देशों के बीच इंदिरा गांधी की हत्या तक कोई राजनयिक संबंध नहीं बन सके थे। हालाँकि, ये भी गौर करने वाली बात है कि, 1948 में इजराइल बना और इससे ठीक एक साल पहले भारत धर्म के आधार पर ही बांटा जा चुका था, जो नेहरू और जिन्ना के दस्तखतों से मंजूर हुआ था। बहरहाल, 1971 युद्ध के दौरान इज़राइल ने भारत को आवश्यक हथियारों और गोला-बारूद की आपूर्ति की थी, साथ ही इजराइल ने अपनी इंटेलिजेंस से भी भारत की मदद की थी। जिसने भारत के सैन्य प्रयासों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और अंततः बांग्लादेश का निर्माण हुआ।

कारगिल युद्ध (1999)

कारगिल युद्ध भारत के प्रति इजराइल के अटूट समर्थन का एक और प्रमाण है। उस युद्ध में भारतीय वायु सेना को सीमा पार बैठे दुश्मनों की सटीक जानकारी नहीं मिल पा रही थी। इससे युद्ध में मुश्किल हो रही थी, तब इजराइल ने भारत को IAF मिराज 2000H लड़ाकू विमानों के लिए लेजर-निर्देशित मिसाइलें दी थीं। इसके अलावा लाइटनिंग इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल टार्रेटिंग पॉड्स भी भारत को दिए थे। इन पॉड्स की विशेषता यह थी कि उसमें लेजर डेजिग्रेटर के अलावा हाई रिजॉल्यूशन कैमरे भी लगे थे, जो अधिक ऊंचाई पर भी दुश्मन के ठिकाने की तस्वीरें स्पष्ट दिखाता था। इज़राइल ने हवाई ड्रोन, गोला-बारूद और लेजर-निर्देशित मिसाइलों जैसे आवश्यक सैन्य उपकरण प्रदान किए, जिससे घुसपैठ करने वाली पाकिस्तानी सेना से क्षेत्र को पुनः प्राप्त करने के भारत के प्रयासों में महत्वपूर्ण सहायता मिली। 

26/11 मुंबई हमला (2008)

मुंबई में 2008 के आतंकवादी हमलों के मद्देनजर, इज़राइल ने अपना समर्थन आगे बढ़ाया। इजरायली अधिकारियों ने दोनों देशों के बीच साझा गहरी दोस्ती को उजागर करते हुए महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों में घुसपैठ करने वाले पाकिस्तानी आतंकवादियों को मार गिराने में भारत की सहायता करने की पेशकश की थी। इज़राइल ने आतंकवादियों के बारे में जानकारी इकट्ठा करने के लिए अपनी खुफिया सहायता देने का ऑफर दिया था। गौरतलब है कि 2008 के मुंबई हमलों के दौरान यहूदियों के पूजा स्थल चबाड हाउस को भी निशाना बनाया गया था। यह उल्लेख करना महत्वपूर्ण है कि इस दौरान, हमलों को 'हिंदू आतंकवाद' के रूप में लेबल करने के कुछ प्रयास किए गए थे, कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने '26/11 हमला- RSS की साजिश' नामक किताब लॉन्च कर दी थी, लेकिन आतंकवादी अजमल कसाब के पकड़े जाने और उसके कबूलनामे, जिसने खुलासा किया कि उसे पाकिस्तान द्वारा भारत में जिहाद छेड़ने के लिए भेजा गया था, ने ऐसी धारणाओं को दूर कर दिया।

कोविड-19 का मुकाबला (2020)

वैश्विक कोविड-19 महामारी के दौरान, जब भारत ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहा था, तब इज़राइल ने एक बार फिर सच्चे दोस्त का फर्ज निभाया और भारत के पक्ष में खड़ा हुआ। इजराइल ने ऑक्सीजन सांद्रक सहित महत्वपूर्ण चिकित्सा सहायता प्रदान की, जिसने भारत की भलाई के लिए इज़राइल की अटूट प्रतिबद्धता को रेखांकित किया। इसके अलावा इजराइल ने भारत को जीवन रक्षक दवाओं की भी तेजी से आपूर्ति की, जिससे भारत में महामारी की स्थिति को नियंत्रित किया जा सका। 

पाकिस्तान का परमाणु बम परिक्षण

इस साझेदारी के एक कम-ज्ञात लेकिन महत्वपूर्ण अध्याय में, इज़राइल ने पाकिस्तान को परमाणु-सशस्त्र राज्य बनने से रोकने के लिए भारत से संपर्क किया था। एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि 1987 में इज़राइल ने इस्लामाबाद के बाहर स्थित पाकिस्तान के परमाणु रिएक्टर, कहुटा पर संयुक्त रूप से हमला करने के प्रस्ताव के साथ भारत से संपर्क किया था। इज़राइल ने तर्क दिया कि परमाणु-सशस्त्र पाकिस्तान, भारत की सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण खतरा पैदा करेगा। इज़राइल ने इस ऑपरेशन के लिए 'संयुक्त राज्य अमेरिका' से प्राप्त जासूसी दस्तावेज़ और उपग्रह तस्वीरें भी प्रदान कीं थी। अफसोस की बात है कि उस समय प्रधान मंत्री राजीव गांधी के नेतृत्व वाली भारत सरकार ने इज़राइल के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया था। आज भी पाकिस्तान उन परमाणु हथियारों का हवाला देकर भारत को धमकियाँ देते रहता है। 

यह ध्यान रखना जरूरी है कि इजराइल द्वारा भारत के साथ साझा की गई कुछ खुफिया जानकारी पाकिस्तान को लीक कर दी गई थी, जिससे उन्हें आसन्न खतरे के प्रति सचेत किया गया था। परिणामस्वरूप, पाकिस्तान ने परमाणु परीक्षण किए और परमाणु शस्त्रागार बनाए रखना जारी रखा, जिससे भारत की सुरक्षा के लिए एक सतत चुनौती पैदा हो गई।

भारत और इज़राइल के बीच स्थायी साझेदारी को अटूट समर्थन और सहयोग के कई उदाहरणों से चिह्नित किया गया है, जो अंतरराष्ट्रीय गठबंधनों की ताकत को प्रदर्शित करता है। युद्ध के समय उनके सहयोगात्मक प्रयासों से लेकर वैश्विक स्वास्थ्य और सुरक्षा को संबोधित करने वाली पहल तक, यह संबंध राजनीतिक सीमाओं से परे है। जबकि अतीत में कुछ अवसर चूक गए थे, ये प्रकरण दोनों देशों के बीच साझा मूल्यों और क्षेत्रीय स्थिरता के प्रति प्रतिबद्धता पर आधारित गहरे बंधन को दर्शाते हैं।

हमास के “सर्वनाश” के लिए अमेरिका का दूसरा बाहुबली एयरक्राफ्ट पहुंचा इजराइल, जमीन और आसमान के बाद समंदर के जरिए घेराबंदी*

#us_sends_second_aircraft_carrier_to_end_of_hamas

गाजा पट्टी पर इजरायल का भीषण हमला जारी है।इसी बीच हमास और इजरायल के बीच छिड़े युद्ध में इजरायल का साथ देने के लिए अमेरिका ने अपने एक और विमान वाहक को भूमध्य सागर पर भेज दिया है। अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन ने शनिवार को कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका ने इजरायल पर हमास के हमले के बाद पूर्वी भूमध्य सागर में एक दूसरा एयरक्राफ्ट कैरियर स्ट्राइक भेजा है।

अमेरिका के रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन ने शनिवार को कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका "इजरायल के खिलाफ शत्रुतापूर्ण कार्रवाई और हमास के हमले के बाद इस युद्ध को बढ़ाने के किसी भी प्रयास को रोकने के लिए" पूर्वी भूमध्य सागर में एक दूसरा विमान वाहक अटैकक ग्रुप भेज रहा है। लॉयड ऑस्टिन ने एक बयान में कहा यह तैनाती वाशिंगटन की इजरायल की सुरक्षा के प्रति दृढ़ प्रतिबद्धता और इस युद्ध को बढ़ाने की कोशिश करने वाले किसी भी राज्य या गैर-राज्य को रोकने के हमारे संकल्प का संकेत देती है।

अमेरिका के जंगी जहाज यूएसएस गेराल्ड आर फोर्ड और यूएसएस आइजनहावर को तैनात कर दिया गया है।गेराल्ड आर फोर्ड को दुनिया का सबसे बड़ा एयरक्राफ्ट कैरियर माना जाता है।परमाणु ऊर्जा से चलने वाला जंगी जहाज गेराल्ड फोर्ड 76 मीटर ऊंचा है। इस तरह उसकी ऊंचाई दिल्‍ली के कुतुब मीनार (73 मीटर) से भी ज्यादा है। इसकी क्षमता 1 लाख टन से ज्यादा बताई गई है।इस पर एक साथ 70 फाइटर जेट ले जाया जा सकता है।इसे चलाने के लिए 4500 नौसैनिक लगातार काम करते हैं।इसी तरह अमेरिका का दूसरा सबसे बड़ा जंगी जहाज आइजनहावर साल 1977 से तैनात है।इसने खाड़ी युद्ध में अहम भूमिका निभाई है। इसमें एक साथ 56 फाइटर जेट और हेलीकॉप्टर तैनात किए जा सकते हैं।थ्रीडी रडार से लैस इस जंगी जहाज में टारगेट को इंटरसेप्ट करके नष्ट करने की क्षमता है। 

हमास के हमले के एक सप्ताह पूरे हो गए हैं। पिछले शनिवार को हमास ने इजरायल पर हमला बोला, जिसमें 1300 इजरायली मारे गए। हमास के हमले के बाद गाजा पर इजरायल ने बम बरसाए, जिसमें 2200 लोग मारे गए।