*अघोषित बिजली कटौती से जिले में मची त्राहि, उपभोक्ता परेशान*
रायबरेली। ग्रामीण अंचलों में आपात कटौती का दौरा फिर शुरू हो गया है शाम होते ही अंधेरे में रहने को लोग मजबूर हैं। जिसको लेकर लोगों में विभाग के प्रति गहरी नाराजगी बनी हुई है।
बिजली विभाग ग्रामीण अंचलों भले ही 18 घंटे आपूर्ति का दम भर रहा है लेकिन हकीकत बिल्कुल अलग है लोकल फाल्ट एवं आपात कटौती बड़ी समस्या बनी हुई है। ग्रामीण अंचलों में बिजली विभाग में जो रोस्टर जारी किया है उसमें शाम 8 बजे तक बिजली नहीं रहती शाम को बिजली न रहने से लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि अब केरोसिन न मिलने के कारण ग्रामीण अंचलों के लोग बिजली पर ही पूरी तरह से निर्भर हो गए हैं वहीं आपात कटौती भी बड़ी समस्या बनी हुई है दो दिनों से आपात कटौती इतनी ज्यादा बढ़ गई है कि 1 घंटे बिजली रहने के बाद 2 से 3 घंटे गायब हो जाती। वहीं ग्रामीण अंचलों में विभाग 8 से 10 घंटे से ज्यादा बिजली नहीं दे पा रहा।
उपकेनद्र जगतपुर,जमुनापुर, कटघर,डलमऊ,गदागंज,इटौरा, ऊंचाहार शिवगढ़ , हरचऩ्द्रपुर सहित ग्रामीण अंचलों में बिजली की जबरदस्त कटौती हो रही है।
क्या कहते हैं ट्रांसमिशन के अधिकारी
ट्रांसमिशन अमावा के एसडीओ सौरभ प्रजापति ने बताया कि कंट्रोल से मैसेज आने पर कटौती की जाती है। जिसमें सबसे पहले ग्रामीण क्षेत्रों की ही बिजली काटने का आदेश दिया जाता है।
क्या कहते हैं जिम्मेदार
अधीक्षण अभियंता द्वितीय रामकुमार ने बताया कि ट्रांसमिशन से जितनी बिजली मिल रही है वह दी जा रही है लोकल फाल्ट को जल्द सही करके निर्बाध आपूर्ति के अवर अभियंताओं को निर्देश दिए गए हैं।
बिजली कटौती को लेकर मचा हाहाकार
सरेनी । क्षेत्र में बिजली कटौती से हाहाकार मच गया है । लोगों की नींद हराम हो गई है । पलेवा वा धान की फसल की सिंचाई भी नहीं हो रही है । बीते 24 घंटे में 7 से 8 घंटे विद्युत आपूर्ति की गई है । बीते दो दिनों से क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति चरमरा गई है । बीती रात कटौती से हाहाकार मच गया लोगों को जागकर रात गुजारनी पड़ी ।
साथ ही मच्छरों से भी जूझना पड़ा । जो कमरों में लेटे वह पसीने से तर बतर हो गए मैदान में लेटने वालों को मच्छरों से लोहा लेना पड़ा । उधर कटौती से खेतों की पलेवा का भी काम रुक गया है धान की फसल की सिंचाई नहीं हो पा रही है ।
इस संबंध में खानपुर गांव के राजबहादुर यादव सरेनी के गुड्डू सिंह आदि का कहना है कि बीते 48 घंटे में बिजली कटौती का रिकॉर्ड टूट गया है रात जाग कर काटनी पड़ी है ।उधर अवर अभियंता कृपा शंकर यादव का कहना है की जितनी बिजली ऊपर से मिल रही हैं फीडरो को दी जा रही है।
अघोषित कटौती से लोग परेशान
जगतपुर।बिजली आघोषित कटौती से लोगों की नींद हराम हो गई है । घरों में लगे इनवर्टर चार्ज नहीं हो पा रहे हैं। बिजली की आपात कटौती उपभोक्ताओं के लिए परेशानी बन गई है।
8 से 10 घंटे ही विद्युत सप्लाई उपभोक्ताओं को मिल पा रही है। शाम के समय 7 बजे बिजली कटौती 9 सप्लाई दी जाती है ।रात में फिर 10 बजे कटौती की जाती है 11 बजे सप्लाई दी जाती है। इसके बाद पूरी रात सप्लाई कटौती ही चलती रहती है ।जिससे उपभोक्ताओं में खासी नाराजगी है। बिजली विभाग के अवर अभियंता चंद्रेश कुमार का कहना है कि जितनी सप्लाई उप केंद्र में आती है। वह उपभोक्ताओं को दी जाती है।
आपात कटौती जिले से की जाती है सप्लाई आते ही उपभोक्ताओं को बिजली उपलब्ध करा दी जाती है।
ग्रामीण क्षेत्र की विद्युत व्यवस्था चरमराई
बछरावां।गर्मी का पाराकाम कम होने के साथ उपभोक्ताओं को उम्मीद थी कि उन्हें अब बिना कटौती की बिजली मिल मिलेगी परंतु ऐसा नहीं हो रहा है ग्रामीण क्षेत्रों में 8 से 10 घंटे की कटौती हो रही है जिससे लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
बछरावां क्षेत्र को नगर एवं बिशनपुर उपकेंद्रों में विभाजित कर गांव की विद्युत आपूर्ति की जा रही है ।गांव में बिजली की हालत काफी बदतर है ।मौजूदा समय में लगभग 10 घंटे की कटौती से ग्रामीण जूझ रहे हैं ग्रामीणों का कहना है कि गर्मी कम होने से यह उम्मीद थी कि विद्युत कटौती नहीं होगी परंतु इस समय सबसे ज्यादा विद्युत कटौती से जूझना पड़ रहा है ।
कस्बे में भी बीती रात 10 बजे से 2 रात तक बिजली कटौती कर दी गई जिससे लोग उमस भरी गर्मी में परेशान हो गए।
विद्युत ट्रिपिंग से उपभोक्ता परेशान
लालगंज।क्षेत्र में कस्बा फीडर छोड़ ग्रामीण फीडरो में बिजली कटौती से लोग त्रस्त है। किसान धान की सिंचाई व लाही खेतों की छपाई बिजली व्यवस्था चौपट होने के कारण नहीं हो पा रही हैं। समय से खेतों की छपाई नहीं हुई तो तिलहन की बुवाई पर असर पड़ेगा। लालगंज कस्बा के तीनो फीडरो में लगभग सत्रह अठारह घंटे आपूर्ति हो रही है वहीं ग्रामीण फीडर खजूर गांव, डलमऊ, बेलहनी, मानपुर, बेहटा,मधकरपुर किधर की विद्युत आपूर्ति कैमरा गई है इन फित्रों में बम उसकी 6 से 8 घंटे भी बिजली निर्वात रूप से नहीं मिल रही है।
जिसके कारण किसान काफी परेशान हैं धान की फैसले सूख रही हैं विद्युत आपूर्ति इस प्रकार हो रही है कि पानी समरसेबल से लगते ही खेतों तक भी पानी नहीं पहुंचता की विद्युत आपूर्ति ट्रिप कर जाती है जिससे किसान बहुत परेशान हो रहे हैं।
भुरूकुसपुर के किसान अरूण कुमार व राजकुमार बताते हैं कि रविवार की रात 8:30 बजे की लगभग बिजली गई और सारी रात बिजली नहीं आई बीच में एक दो बार पांच-पांच मिनट के लिए बल्ब जले उसके बाद फिर सोमवार की सुबह है 6:30 बजे की लगभग बिजली आपूर्ति हुई है लेकिन सुबह 10 बजे तक के बीच में लगभग 15 बार बिजली की लाइन ट्रिप की गई है। इससे किसान काफी परेशान है किसानों का कहना है कि जिन धान के खेतों में 5 घंटे में खेत लबालब भर जाते थे उन खेतों में पानी भरने के लिए किसान 10 घंटे समरसेबल चलवा रहे हैं।
किसानों के ट्यूबवेल हो गए बंद
सलोन। बिजली न आने से धान की सिंचाई के लिए मुसीबत बनी हुई है। बताते चलें की लगभग एक सप्ताह से बिजली की भारी कटौती से लोगों को सामना करना पड़ रहा है बिजली कितनी टाइम कट जाए किसी को नहीं पता है। वैसे तो ग्रामीण क्षेत्रों में 18 घंटे विद्युत आपूर्ति का रोस्टर है जिसमें लगभग 10 घंटे विद्युत आपूर्ति की जा रही है। वही टाउन व कस्बा के लिए 21 घंटे विद्युत आपूर्ति का रोस्टर है जो कि नगर क्षेत्र में लगभग 6 घंटे विद्युत कटौती की जा रही है।
विद्युत कटौती से जहां एक तरफ किसानों के ट्यूबवेल बंद पड़े हैं धान की सिंचाई नहीं हो पा रही है वहीं दूसरी तरफ इसका खामियाजा आम जनमानस को उठाना पड़ रहा है बिजली न आने से रात भर लोग जाग कर बिता रहे हैं वहीं स्कूली बच्चों की पढ़ाई भी बाधित हो रही है। बिजली कटौती का खेल लगभग एक सप्ताह से अधिक समय से चल रहा है।
बिजली कटौती के मामले में एसडीओ इंदु शेखर से जानकारी की गई तो उन्होंने बताया कि एनटीपीसी ऊंचाहार को कोयले की आपूर्ति कम होने से विद्युत उत्पादन नहीं हो रहा है जिसके कारण इमरजेंसी रोस्टर के कारण विद्युत कटौती हो रही है।
उमस से लोग हो रहे बेहाल
ऊंचाहार। क्षेत्र के उपभोक्ताओं को महज 8-10 घंटे ही बिजली मिल रही है। इसमें भी बिजली की आवाजाही बनी रहती है। शाम के समय बिजली गायब रहना आम बात हो गई है। इन दिनों पड़ रही भीषण गर्मी व उमस से लोग बेहाल हैं। वहीं किसान फसल की सिंचाई के लिए बिजली के लिए टकटकी लगाए रहते हैं। कब बिजली आ जाए इसका भरोसा नहीं है।
बिजली की अघोषित कटौती ने लोगों का जीना दुश्वार कर दिया है। बिजली की भारी कटौती व आवाजाही से किसानों के साथ आम लोग भी परेशान हैं। लेकिन बिजली विभाग को लोगों की इस समस्या से कोई मतलब नहीं रह गया है। यूं तो क्षेत्र में बिजली आपूर्ति के लिए ऊंचाहार टाउन सबस्टेशन, तहसील उपकेंद्र, जमुनापुर, उपकेंद्र, इटौरा बुजुर्ग उपकेंद्र, रोहनिया उपकेंद्र स्थापित हैं। इसके बावजूद लोगों को रोस्टर के मुताबिक बिजली नहीं मिल रही है। आएदिन लाइन में फाल्ट के चलते बिजली की आपूर्ति बाधित रहती है।
लेकिन बिजली विभाग लोड का बहाना बनाकर अपनी जिम्मेदारियों से बचता है। जिसका खामियाजा उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ रहा है। हालांकि कहने को तो ग्रामीण इलाकों में 18 घंटे बिजली आपूर्ति का दावा किया जा रहा है। लेकिन यहां बमुश्किल 8-10 घण्टे भी बिजली नहीं मिल रही है। अधिशासी अभियंता धीरेंद्र सिंह ने बताया कि रोस्टर के मुताबिक बिजली दी जा रही है। मांग अधिक होने से कुछ कटौती की जा रही है।
तकनीकी खराबी से बंद हुई यूनिट कि कराई जा रही मरम्मत
ऊंचाहार । तकनीकी खराबी के चलते एनटीपीसी परियोजना की यूनिट नंबर पांच व छह बंद हो गई थी। परियोजना प्रबंधन द्वारा पांचवीं युनिट को चालू कर देने की बात कही जा रही हैं।तो। वही छठवीं यूनिट में अभी मरम्मत का कार्य कराया जा रहा है।
रविवार की मध्य रात के करीब एनटीपीसी परियोजना की यूनिट नंबर पांच व छह ट्रिप हो गई थी। इसके बाद परियोजना प्रबंधन द्वारा दोनों इकाइयों के मरम्मत का कार्य शुरू कर दिया। सोमवार की सुबह पांचवीं इकाई में आई खराबी को दूर कर कर उसे फिर से उत्पादन भार क्षमता के अनुरूप संचालित कर विद्युत उत्पादन शुरू कर दिया। वहीं छठवीं इकाई में अभी भी मरम्मत का कार्य कराया जा रहा है। बताते चलें कि 1550 मेगावाट विद्युत उत्पादन क्षमता वाली एनटीपीसी परियोजना में यूनिट नंबर एक से लेकर पांच तक 210, 210 तो वहीं छठवीं युनिट पांच सौ मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जाता है। एनटीपीसी परियोजना से इस समय 880 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है।
एनटीपीसी परियोजना की जनसंपर्क अधिकारी कोमल शर्मा ने बताया कि पांचवीं यूनिट से विद्युत उत्पादन का कार्य शुरू कर दिया गया है। वहीं छठवीं यूनिट के मरम्मत का कार्य कराया जा रहा है। इसमे भी आई खराबी को जल्द ही दूर करा कर बिजली उत्पादन का कार्य शुरू करा दिया जायेगा।
बिजली रोस्टिंग से उपभोक्ता परेशान
सिंहपुर।विद्युत वितरण उपकेंद्र सेमरौता द्वारा की जा रही सायं कालीन रोस्टिंग से उपभोक्ता में गहरी नाराजगी है।विभाग द्वारा की जा रही रोस्टिंग मध्यम और निम्न वर्ग के यहां चूल्हा जलना मुश्किल है।
प्रदेश सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में 18 घंटे आपूर्ति का दावा खोखला साबित हो रहा है।विद्युत वितरण उपकेंद्र सेमरौता द्वारा सायं कालीन कटौती से उपभोक्ताओं में गहरी नाराजगी है।ग्रामीण सुरेंद्र,राजू,राज नारायण,रामफल आदि का कहना है कि सरकार द्वारा मिट्टी का तेल जो सरकारी राशन की दुकान पर मिलता था,अब नही मिलता और और सायं कालीन जो कटौती होती है वह खाना बनाने और खाने के समय होती है।शाम सात से साढ़े सात के बीच कटी बिजली साढ़े नौ से दस बजे के बीच आती है वही एक बजे से तीन बजे तक रात्रि में विद्युत कटौती की जा रही है। जो बड़ी समस्या है।
बोले अवर अभियंता
कटौती के बाबत जब सेमरौता उपकेंद्र के अवर अभियंता सरोज राजभर से बात की गई तो उन्होंने बताया कि जितनी सप्लाई मिलती है उतनी दी जाती है।सायं कालीन रोस्टिंग ऊपर से होती है उपकेंद्र से नही।
Oct 15 2023, 20:50