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जिले में 400 बेसिक विद्यालयों में नहीं है बाउंड्री वॉल,जबकि करीब 390 विद्यालय भवन हैं जर्जर,किसी भी टाइम हो सकता है हादसा

रायबरेली। जिले के 2299 बेसिक प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों सापेक्ष करीब 400 विद्यालयों में बाउंड्री वॉल नही है जबकि करीब 390 विद्यालयों को जर्जर विद्यालयों के रूप में विभाग ने चिन्हित किया है। इसमें से अधिकांश मरम्मत के योग्य ही है जिनकी मरम्मत कर इन्हें ठीक कराया जायेगा ।

जिन विद्यालयों का ध्वस्तीकरण होना है उसके लिए विभाग ने तैयारी शुरु कर थी है। इन विद्यालयों को चिन्हित करने की प्रक्रिया शुरु कर दी गई है।

इस संबंध में डीसी सिविल सत्यम कुमार ने बताया की जिले में करीब 400 बेसिक विद्यालय बाउंड्री वॉल विहीन हैं जिनकी बाउंड्री वॉल बनवाने का कार्य मनरेगा के तहत कराया जा रहा है जिले के सभी 18 ब्लाकों में कार्य चल रहा है। जर्जर विद्यालयों के रुप में करीब 390 बेसिक विद्यालय चिन्हित किए गए हैं जिनमे अधिकांश मरम्मत के योग्य हैं जो ठीक कराए जायेंगे । जो मरम्मत के योग्य नही हैं उनका ध्वस्तीकरण कराया जायेगा विभाग इसके लिए तैयारियां कर रहा है।

मंगलवार को इसकी की पड़ताल में जिले की इन स्कूलों की हकीकत को परखा तो सच्चाई सामने आई पेश है ये रिपोर्ट।

बाउंड्री न होने से स्कूल बन गए मवेशियों का अड्डा

सरेनी। विकास क्षेत्र के डेढ़ दर्जन प्राथमिक स्कूलों में बाउंड्री न होने से स्कूल आवारा मवेशियों के अड्डा बन गए हैं। इससे शिक्षकों व छात्र-छात्राओं में गुस्सा है ।

स्कूल आते ही आवारा पशुओं को भगाना पड़ता है ।कभी कभी सफाई कर्मियों को बुलाकर सफाई करानी पड़ती है । क्षेत्र के कंपोजिट विद्यालय छिवलहा भवानीपुर गोविंदपुर दरियापुर पहुरी उसुरू पश्चिम ताल छतौना माधवपुर समेत 17 स्कूलों में बाउंड्री नहीं बनी है । इससे आवारा पशु रात में आराम करते हैं ।सुबह जब छात्र व शिक्षक स्कूल आते हैं तो मवेशियों को भगाना पड़ता है । उधर क्षेत्र की जर्जर इमारतो को 2 साल पहले गिरा दिया गया था। नए कमरों में कक्षाएं संचालित हो रही हैं ।

विद्यालयों की व्यवस्था जस की तस

महाराजगंज।उच्चाधिकारियों की उदासीनता के चलते विकास क्षेत्र के परिषदीय विद्यालयों में जर्जर भवनों की समस्या जस की तस बनी हुई है।

कस्बा स्थित प्राथमिक विद्यालय महराजगंज में सन् 1890 के बने हुए दो कक्ष जर्जर अवस्था में खड़े हुए हैं और काफी बाद में बनवाए गए एक कक्ष की छत पूर्णत: जर्जर है। प्रधानाध्यापिका माधुरी मिश्रा ने बताया कि जर्जर कक्षों में शिक्षण कार्य नहीं कराया जा रहा है। जर्जर कक्षों की सूचना मांगे जाने पर कई बार विभाग को लिखित सूचना प्रेषित की गई है।

इसी प्रकार कस्बा स्थित कम्पोजिट विद्यालय महराजगंज में भी एक पुराना भवन बिल्कुल जर्जर हो चुका है , जिसमें अब शिक्षण कार्य नहीं किया जाता।प्राथमिक विद्यालय जुगराजपुर के प्रभारी प्रधानाध्यापक राहुल मौर्य ने बताया कि विद्यालय गहराई में बना होने के कारण जलभराव की स्थिति बनी हुई है।

प्रधानाध्यापक कक्ष और दो शिक्षण कक्षों में लगातार पानी टपक रहा है। प्राथमिक विद्यालय बलीपुर के प्रधानाध्यापक डॉ०अमरपाल ने बताया कि किचन की छत जर्जर होने के कारण टपक रही है।

दर्जनों विद्यालयों में नहीं है बाउंड्री वॉल

लालगंज। विकासखंड क्षेत्र के 123 प्राथमिक विद्यालय एवं 27 जूनियर हाई स्कूल में से लगभग 30% विद्यालय हैं जिनमें बाउंड्री वॉल नहीं है। प्राथमिक एवं जूनियर हाई स्कूल कायाकल्प शासन के मंसानुरूप नहीं हो पा रहे हैं। बिदयालय के शिक्षकों का कहना है कि ग्राम प्रधान कायाकल्प कार्य में भी रूचि भी दस प्रतिशत लोग ही कर रहे हैं।

क्षेत्र के मटेहना,कोरिहरा जमुवांवा, समेत चार दर्जन से अधिक विद्यालय है जिनमें बाउंड्री वाल नहीं बनाई गई है। खंड शिक्षा अधिकारी कुलदीप सिंह ने बताया कि वर्तमान समय में विभागीय कार्य से रायबरेली में है सही डाटा आज नहीं दे सकते हैं। लेकिन चालिस से अधिक स्कूल है जिनमें बाउंड्री वॉल बनायी जानी है। उन्होंने बताया कि लगभग 30 विद्यालय हैं जिनमें बाउंड्री वॉल बनाई जा चुकी है। विकासखंड कार्यालय को कायाकल्प विद्यालय के लिए एक सूची भेजी गई है।

जर्जर व बदहाल स्थित में है प्राथमिक विद्यालय सूदन खेड़ा

लालगंज। विकासखंड क्षेत्र के ग्राम पंचायत आलमपुर के प्राथमिक विद्यालय सूदनखेडा लगभग चार वर्षों से भवन जर्जर पड़ा है। इस विद्यालय के शिक्षक व छात्र प्राथमिक विद्यालय चिकमंडी में शिफ्ट किये गये है। जहां शिक्षक शिक्षण कार्य कर रहे हैं। विद्यालय में दो शिक्षक दो शिक्षा मित्र प्रधानाचार्य समेत पांच लोग तैनात रहे हैं प्रधानाचार्य सुमन चौधरी को भी प्राथमिकता पाठशाला चिकमंडी में अटैच है।

विद्यालय में पंजीकृत आधा सैकड़ा से अधिक छात्राएं लगभग 500 मीटर दूर के विद्यालय में पढ़ने के लिए जाने को विवश है यदि भवन का निर्माण कर दिया जाए तो उन्हें इस समस्या से निजात मिल सकती है। बताते चलें कि प्राथमिक विद्यालय सूदनखेडा में 4 वर्ष पूर्व 100 से अधिक छात्र छात्राएं पंजीकृत थे विद्यालय परिसर विद्यालय भवन विवादित होने के कारण भवन निर्माण नहीं हो पा रहा है जिसके कारण बच्चों को दूसरे विद्यालय में शिफ्ट किया गया है।

वर्तमान में सरकारी दस्तावेज पर सूदनखेडा प्राथमिक विद्यालय चल रहा है जिसमें चार शिक्षक समेत पांच शिक्षकों की तैनाती है जिसमें दो सहायक अध्यापक दो शिक्षामित्र एक प्रधानाचार्य की नियुक्ति है। विद्यालय की प्रधानाचार्य सुमन चौधरी ने बताया कि वर्तमान में सूडान खेड़ा प्राथमिक विद्यालय में 63 छात्र-छात्राएं पंजीकृत है। खंड शिक्षा अधिकारी कुलदीप सिंह को फोन किया गया लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया जिसके कारण उनका पक्ष नहीं जाना जा सका है।

चौपाल का हुआ आयोजन

शिवगढ़।कम्पोजिट विद्यालय गुमावां में शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षक चौपाल का आयोजन किया गया l शुरुआत मुख्य अतिथि खण्ड शिक्षाधिकारी शिवगढ गौतम प्रकाश द्वारा माँ शारदे के सन्मुख दीप प्रज्ज्वलित कर की गयी l बच्चो द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रम वंदना, स्वागत गीत आदि काफी आकर्षक रहे l कार्यक्रम में शिक्षा की जागरूकता के उद्देश्य से अभिनय भी किया गया l चौपाल मे बीईओ गौतम प्रकाश ने काया कल्प योजना से विद्यालयों में कराए जा रहे कार्यों की सराहना की कहा कायाकल्प से विद्यालयों की जहां भौतिक स्थिति सुधर रही है वहीं निपुण भारत अभियान में बच्चो को नई नई विधाओ से शिक्षित किया जा रहा है l

उन्होंने अभिभावकों को बिग बुक, निपुण तालिका, निपुण लक्ष्य, एफएलएन कार्यक्रम आदि के सम्बन्ध मे विस्तृत जानकारी दी l इस मौके पर ग्राम प्रधान कमलेश कुमार, प्रभारी प्रधानाध्यापक नवीन कुमार सिंह,एआरपी डॉ चन्द्र प्रकाश , रमेश चन्द्र यादव, नन्हेलाल, कृष्ण मोहन, राज बहादुर, आशीष सिंह, ग्राम पंचायत गुमाँवा के विद्यालयों के शिक्षक एवं अभिभावक मौजूद रहे l

काफी दिनों से गिरी है बाउंड्री

शिवगढ़।कस्बे में स्थित प्राथमिक विद्यालय प्रथम की बाउंड्री वॉल काफी दिनों से गिरी पड़ी है किंतु किसी भी जिम्मेदार की नजर इस पर नहीं पड़ रही है l

बाउंड्रीवाल न होने से मवेशी पूरे परिसर को जहां गंदा कर देते हैं वहीं इसी परिसर में स्थित प्राथमिक विद्यालय प्रथम के बच्चों के लिए आवारा मवेशी हमेशा खतरा बने रहते हैं l करीब 1 वर्ष पूर्व गिरी बाउंड्रीवॉल को बनवाने के लिए तमाम लिखा पढ़ी भी की गई किंतु समस्या जस की तस बनी हुई है l जबकि इसी परिसर में खंड शिक्षा अधिकारी का कार्यालय भी स्थित है जहां सैकड़ों शिक्षकों का आना जाना बना रहता है l

इस बाबत खंड शिक्षा अधिकारी शिवगढ़ गौतम प्रकाश ने फोन पर बताया कि अब शिवगढ़ नगर पंचायत हो गया है क्योंक बीआरसी विद्यालय के कैंपस में है इसलिए अब विद्यालय की बाउंड्री वाल का निर्माण नगर पंचायत अध्यक्ष द्वारा कराया जाएगा जिसके लिए प्रधानाध्यापक नीरज कुमार वर्मा द्वारा नगर पंचायत अध्यक्ष को पत्र भेजा गया है आशा है जल्द ही बाउंड्री वॉल बन जाएगी l

उप्रमा शिक्षक संघ (संयुक्त मोर्चा) ने किया चाकडाउन

रायबरेली। उ0प्र0 माध्यमिक शिक्षक संघ (संयुक्त मोर्चा) के प्रान्तीय आवाह्न पर जनपद के समस्त शिक्षक अपने-अपने विद्यालयों में उप्र शिक्षा सेवा चयन आयोग अधिनियम द्वारा उ0प्र0 माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड अधिनियम 1982 की धारा-21, 18 व 12 को समाप्त कर दिया गया।जो शिक्षकों की सेवा सुरक्षा से सम्बन्धित थी, जिन्हें वापस सम्मिलित कराने, पुरानी पेंशन बहाल कराने, माध्यमिक विद्यालयों का प्रान्तीयकरण कराने, तथा निजीकरण को समाप्त कराने सहित विभिन्न माँगां को लेकर सांकेतिक विरोध स्वरूप चाकडाउन किया और अध्यापन के कार्य से विरत रहे।

इस अवसर पर उप्र माध्यमिक शिक्षक संघ एकजुट (संयुक्त मोर्चा) के जिलाध्यक्ष शत्रुघ्न कुमार ने कहा कि संयुक्त मोर्चा का यह प्रथम कार्यक्रम है, इसके बाद भी सरकार ने उक्त माँगों पर ध्यान नहीं दिया तो आन्दोलन तेज किया जायेगा।

जिलामंत्री मनोज कुमार पटेल ने कहा कि अभी तो सरकार को चेता रहे हैं, फिर भी सरकार ने हम शिक्षकों की माँगों पर ध्यान नहीं दिया तो आने वाले चुनावों में सरकार को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।

चौदह विद्यालयों में नहीं है बाउंड्री

जगतपुर।विकास क्षेत्र के 14 प्राथमिक उच्च प्राथमिक विद्यालय में बाउंड्री न होने से आवारा पशुओं का अड्डा बन गया है। बच्चे जब विद्यालय आते हैं तो पशुओं को बाहर हटाते हैं। तब विद्यालय में शिक्षण कार्य शुरू होता है।

पशुओं की वजह से कोई भी घटना कर सकती है। प्राथमिक विद्यालय पूरे बनिया सिद्धौर नवाबगंज भीख मनोहरगंज मखदुमपुर सिंघापुर कल्याणपुर सहित 14 विद्यालयों में अभी बाउंड्री नहीं बनाई गई है ।जिससे बच्चों को शिक्षक करने में काफी दिक्कतें आ रही है।

सपा विधायक पर एफसीआई में नौकरी दिलाने के नाम पर 9 लाख हड़पने का आरोप

रायबरेली।हरचंदपुर विधानसभा क्षेत्र के सपा विधायक पर सरकारी नौकरी लगवाने के नाम पर धोखाधड़ी कर 9 लाख रुपए हड़प लेने के मामले में खीरों थाने में पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है। आरोप है कि सपा विधायक ने भारतीय खाद्य निगम का फर्जी नियुक्ति पत्र दिया था। फजीर्वाड़ा की जानकारी होने पर जब युवक ने विधायक से अपने पैसे वापस मांगे तो उन्होंने एक फर्जी चेक थमा दिया। युवक द्वारा विधायक पर जान से मरवाने की धमकी देने का भी आरोप लगाया गया है।

अपर पुलिस महानिदेशक के आदेश पर विधायक सहित तीन नामजद आरोपियों के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत कर मामले की जांच शुरू कर दी है। दुलारेपुर निवासी रामनरेश पुत्र जंगली प्रसाद ने अपर पुलिस महानिदेशक लखनऊ जोन, पुलिस महानिरीक्षक लखनऊ जोन और पुलिस अधीक्षक रायबरेली को शिकायती पत्र देते हुए आरोप लगाया है कि विधानसभा क्षेत्र हरचंदपुर के सपा विधायक राहुल लोधी और उनके भाई रोहित लोधी और साले कृष्ण कुमार लोधी उर्फ के के लोधी ने लगभग दो वर्ष पूर्व उनके छोटे भाई धर्मपाल पुत्र जंगली प्रसाद को सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर उससे नौ लाख रुपए धोखाधड़ी करके वसूल लिए।

उसके बाद विधायक राहुल लोधी ने भाई धर्मपाल को भारतीय खाद्य निगम के एक फर्जी नियुक्ति पत्र पर फर्जी हस्ताक्षर बनाकर भाई धर्मपाल को दे दिया। उसके बाद धर्मपाल को कार्मिक पंजीकरण की फर्जी रसीद भी दे रहे थे और उसके उपस्थिति पंजिका पर फर्जी हस्ताक्षर भी कराते रहे। विधायक राहुल लोधी ने धर्मपाल का भारतीय खाद्य निगम में फर्जी खाता खुलवाया था। आश्वासन देते रहे कि शीघ्र ही उसका स्थानांतरण गृह जनपद रायबरेली में हो जाएगा।

इस दौरान जब उसे फजीर्वाड़े की जानकारी हुई तो उसने राहुल लोधी से अपना पैसा वापस देने को कहा। राहुल लोधी ने रामनरेश को एक फर्जी चेक थमा दिया। जो उसने बैंक में जमा किया तो बाउंस हो गई। इसके बाद जब रामनरेश विधायक राहुल लोधी के पास पैसे मांगने पहुंचा तो विधायक ने उसे और उसके परिवार को जान से मरवा देने की धमकी दी।

थानाध्यक्ष देवेंद्र सिंह भदौरिया ने बताया कि अपर पुलिस महानिदेशक के आदेश पर पीड़ित के शिकायती पत्र के आधार पर विधायक सहित तीन नामजद आरोपियों के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत कर लिया गया है। जांच कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

क्या बोले आरोपी विधायक

राहुल लोधी हरचंदपुर विधायक ने कहा कि धोखाधड़ी का आरोप झूठा है। उन्हें राजनीतिक साजिश के तहत बदनाम करने की कोशिश की जा रही है।

आखिर कब तक सताएगी बिजली उपभोक्ता हो रहे परेशान,विद्युत आपूर्ति को लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में हो रही समस्याएं

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रायबरेली। बिजली को लेकर आए दिन धरना प्रदर्शन होते रहते हैं पर विभाग पर इसका कोई खास असर नहीं होता। शहर से लेकर गांव तक विद्युत विभाग की आपूर्ति को लेकर ग्रामीण परेशान रहते है। अभी तक इसका कोई स्थाई हल नही मिला है। जहां भी फाल्ट होती है विभाग उसे दूर करने में अपनी ऊर्जा लगा देता है।

हालत ये है की ग्रामीण क्षेत्रों में ये भी नही पता की आखिर कब बिजली आयेगी और कब कटेगी।खैर अभी उम्मीद है की विद्युत विभाग अपनी जर्जर लाइन बदल देगा तो विद्युत आपूर्ति कुछ हद तक सही हो जायेगी।बिजली की समस्या से परेशान प्रधान प्रतिनिधि हरिकेश सिंह ने कहा कि गांव के लोग विद्युत विभाग की तानाशाही और अघोषित कटौती से परेशान हैं। उमस भरी गर्मी में बिजली नहीं मिल रही है।बिजली कब आयेगी और कब जायेगी इसका ठिकाना नहीं है।यह सब कुछ तब है जबकि मुख्यमंत्री का आदेश है की अगर गांव में ट्रांसफार्मर जल जाए तो उसे 24 घंटे में बदल देना होगा।अधिकारी खुद सरकार के आदेशों की धज्जियां उड़ा रहे हैं।

करीब सौ गांवो में छाया रहा अंधेरा,रात से ग्रामीण रहे परेशान

जगतपुर। क्षेत्र के करीब सौ गांवो में 10 घंटे से बिजली नदारद रही। विभाग ने मोबाइल पर मैसेज डाला की लाइन ब्रेकडाउन में चली गई है। लाइनमैन को जानकारी दे दी गई है ।भीषण गर्मी में ब्रेकडाउन का बहाना बात कर करीब सौ गांव रात में अधेरा छाया रहा । जिसको लेकर ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है। उमरी फीडर व थुुलरई फीडर के सौ गांव शंकरपुर, जमोडी, उमरी, उड़वा,सिंघापुर, हेवतहा नेवढिया ,थुलरई फीडर के तहत अलावलपुर, मेलखा,बैरिसाल का पूरवा, सुल्तानपुर जनौली आदि गांव में रात 11 से ब्रेकडाउन के नाम पर विद्युत आपूर्ति बंद कर दी गई थी। ग्रामीणों ने बिजली न आने की जानकारी करने पर विभाग द्वारा बताया गया लाइन ब्रेकडाउन में चली गई है। लाइनमैन को जानकारी दे दी गई है।

शासन का निर्देश है कि ग्रामीण अंचलों में 18 घंटे बिजली आपूर्ति की जाए।विभाग की लापरवाही की वजह से 8 से 10 घंटे ही विद्युत आपूर्ति मिल पा रही है। इस उपभोक्ताओं में खासा आक्रोश है। विभाग के लापरवाही की वजह से उपभोक्ताओं को सही सलामत बिजली नहीं मिल पा रही है। अवर अभियंता चंद्रेश कुमार ने बताया कि बरसात होने से लाइन ब्रेकडाउन में चली गई है। ठीक कराई जा रही है। जैसे ही ठीक हो जाएगी सप्लाई बहाल हो जाएगी।

ढीले और जर्जर तारों को दुरस्त कराने के लिए लिखा पत्र

ऊंचाहार।ढीले व तथा जर्जर तारों को दुरुस्त कराये जाने को लेकर पीड़ित किसान ने अधिशासी अभियंता को प्रार्थना पत्र दिया है।मामला क्षेत्र के खंधारीपुर मजरे जब्बारीपुर का है,गाँव निवासी श्रीराम किसान है। उसका कहना है। कि हमारे खेत से एच टी लाइन का तार गया हुआ है, जो अत्यधिक ढीले व जर्जर हो गये है।जिसके कारण किसी भी वक्त अप्रिय घटना हो सकती है।पीड़ित का कहना है। कि उसने कई बार बिजली विभाग से मामले की शिकायत की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।अप्रिय घटना के डर से उसने खेत की जुताई व बुवाई भी नही कराई है।शुक्रवार को पीड़ित किसान ने अधिशासी अभियंता को प्रार्थना पत्र देकर तारों को दुरुस्त कराने की मांग की है।अधिशासी अभियंता धीरेंद्र सिंह ने बताया कि मौके पर टीम भेजकर तारों का दुरुस्तीकरण कराया जायेगा।

*दूसरे दिन भी गंगा में डूबे बच्चों की तलाश जारी, निराशा लगी हाथ*

रायबरेली।गोकना गांव स्थित चांदी बाबा की कुटी घाट पर गंगा स्नान के दौरान एक बालिका समेत किशोरी गंगा नदी में डूब गई थी।

प्रशासन द्वारा गोताखोर व नाव नाविक की मदद से खोज कराई गई। सफलता न मिलने पर बृहस्पतिवार को लखनऊ से एसडीआरएफ की टीम मंगाई गई। कुशल गोताखोरों के साथ पुलिस विभाग की टीम द्वारा स्टीमर (पुलिस नाव) की मदद से खोज बीनकी गई। लेकिन कहीं अता-पता नहीं चला है।

गोकना गांव स्थित चांदी बाबा की कुटी निवासी राकेश कुमार की पुत्री गुंजा उर्फ पायल तथा रामलाल का बेटा अभिषेक बुधवार को कुटी के पास बने पक्के घाट पर स्नान करने गए थे। जहां पानी का तेज बहाव होने के कारण दोनों बच्चे नदी में डूब गए थे। सूचना पर पहुंची पुलिस टीम द्वारा नाव व नाविक के सहारे काफी खोजबीन की लेकिन कहीं भी अता-पता नहीं चल सका।

शुक्रवार को क्षेत्राधिकारीवकोतवाल आदर्श कुमार सिंह ने डीआरएम टीम के प्लाटून कमांडर मोइन खान के साथ गोकना घाट पहुंचे। जहां 11 गोताखोरों ने बच्चों की खोजने के लिए गंगा नदी में छलांग लगा दी। इसके बाद प्लाटून कमांडर ने इंजन संचालित पुलिस नाव पर सीओ, कोतवाल व गांव के एक व्यक्ति के साथ गंगा नदी में खोजबीन शुरू कर दी।

दिन ढलने तक तलाश जारी रही लेकिन नदी में दुबे बच्चों का कहीं पता नहीं चल सका। इस दौरान फतेहपुर की सीमा की झाड़ियां में एक किशोर का शव पाया गया। परिजनों से जिसकी शिनाख़्त कराई गई। माता-पिता द्वारा पहचान से इनकार करने पर शव फतेहपुर पुलिस को सौंप दिया गया। सीओ अरुण कुमार ने बताया कि काफी खोजबीन के बावजूद भी गंगा नदी में डूबे बच्चों का पता नहीं चल पाया है।बच्चों के मिलने तक गंगा नदी में तलाश जारी रहेगी।

*प्रधान की जी-हुजूरी न करने वाले को दस साल में नहीं आवंटित हुआ आवास*

रायबरेली। खीरों क्षेत्र में विकास विभाग के जिम्मेदारों की मनमानी और कई ग्राम प्रधानों का पक्षपात पूर्ण रवैया बार-बार सामने आता रहा है।

क्षेत्र के दुकनहां गांव में इसी हफ्ता बीत चुके सोमवार-मंगलवार की रात बारिश के दौरान एक गरीब की कच्ची कोठरी ढह गई। गरीब किसान व उसकी पत्नी हादसे के वक्त उसी कोठरी के नीचे सो रहे थे। हादसे से ठीक पहले कोठरी की छत से मिट्टी गिरने लगी। किसी बड़ी घटना का अंदेशा होने से दोनों कोठरी से निकल कर बाहर भागे। ठीक उसी वक्त कोठारी की छत ढह गई।

समझदारी दिखाने की वजह से दोनों बाल-बाल बच गए। हादसे के बाद ग्राम प्रधान व विकास विभाग के जिम्मेदारों की साठ-गांठ से भ्रष्टाचार पूर्ण कार्यशैली, मनमाने रवैये व राजनीतिक द्वेष से प्रेरित होकर कार्य करने की बात सामने आई है। गरीब किसान पिछले दस वर्षों से लगातार आवास की मांग कर रहा था। लेकिन वह एक अदद आवास के लिए अभी तक तरसता रह गया है। उसका कसूर सिर्फ इतना था कि वह ग्राम प्रधान की जी हुजूरी नहीं कर सका।

2020-21 की आवास की पात्रता सूची में किसान का नाम था लेकिन ग्राम प्रधान के द्वारा जिम्मेदारों से मिलकर उसका आवास निरस्त करवा दिया गया था। कई बार मामले में पीड़ित किसान द्वारा प्रार्थना पत्र दिए जाने के बाद भी जिम्मेदारों ने कोई सुनवाई नहीं किया था। जब्कि गांव में नियमों को ताक पर रख धन वसूलते हुए नियम के विपरीत अपात्रों को धड़ाधड़ आवास आवंटित किए जाते रहे हैं। हादसे के बाद हल्का लेखपाल और ग्राम विकास अधिकारी अपना बचाव करते हुए गोलमोल जवाब दे रहे हैं।

दुकनहां गांव के राजकुमार शुक्ला पुत्र स्व. रामसुमेर शुक्ला ने बताया कि सोमवार-मंगलवार की रात वह और उसकी पत्नी सुनीता अपनी कच्ची कोठरी के नीचे सो रहे थे। रुक रुक कर हो रही धीमी बारिश के बीच अचानक कोठरी की कच्ची छत से मिट्टी नीचे गिरने लगी। किसी बड़े हादसे का अंदेशा होने से दोनों पति-पत्नी कोठरी से बाहर भागे। कुछ मिनट के अंदर ही कोठरी की छत ढह गई।

पीड़ित किसान ने बताया कि उसका इकलौता पुत्र अभिषेक शुक्ला उर्फ गोलू हिमाचल प्रदेश में प्राइवेट नौकरी कर परिवार का भरण पोषण करता है। पीड़ित किसान के पास मात्र डेढ़ बीघा जमीन है। किसान ने बताया कि उसके पास मात्र वही एक कच्ची कोठरी थी जो कि ढह चुकी है।

जिसकी वजह से छप्पर के नीचे गुजर बसर करना पद रहा है। गृहस्ती का सामान उसने पड़ोसी के घर में रखा है। पिछले दस वर्षों से किसान लगातार आवास की मांग कर रहा था। जिम्मेदार अधिकारियों ने ग्राम प्रधान के इशारे पर राजनीतिक द्वेष के कारण उसे आवास से वंचित रखा।

किसान की कोठरी ढहने के मामले में जानकारी लेने पर लेखपाल आशीष कुमार सैनी ने बताया कि घटना का मुआयना किया गया है। ग्राम विकास अधिकारी सतीश चंद्र कुशवाहा ने बताया कि आवास फीडिंग की साइट अभी बंद है। आवास की पिछली सूची में किसान के परिवार के किसी भी सदस्य का नाम अंकित नहीं है।

*नवागंतुक जिलाधिकारी हर्षिता माथुर ने किया पदभार ग्रहण*

रायबरेली। बुधवार को जनपद में नवागंतुक जिलाधिकारी हर्षिता माथुर ने कलेक्ट्रेट स्थित ट्रेजरी मे विधिवत कार्यभार ग्रहण किया। जिलाधिकारी हर्षिता माथुर वर्ष 2013 बैच की आईएएस अधिकारी है।

मध्य प्रदेश के भोपाल की रहने वाली जिलाधिकारी हर्षिता माथुर इससे पूर्व प्रयागराज, मेरठ, बस्ती, सिद्धार्थ नगर जनपदों में अपनी सेवाएं दे चुकी है।

जिलाधिकारी ने अपने कार्यालय कक्ष में पत्रकारों से बात करते हुए बताया कि सरकार द्वारा चलाई जा रही लाभ परक योजनाओं को अंतिम छोर पर बैठे गरीब, पीड़ित व्यक्ति को शासन की सुविधाओं से लाभान्वित कराना, न्याय दिलाने के साथ ही जनपद में कानून व्यवस्था, शासन की योजनाओ व संकल्पों के अनुरूप आमजन को लाभ दिलाना आदि प्राथमिकताओ में शामिल होगा है।

उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार की अनियमताओ पर जांच कर नियमानुसार कार्यवाही होगी। जनपद के विकास कार्यो को गुणवत्तायुक्त युद्धस्तर व समयबद्ध तरीके से पूरा कराया जाएगा। शासकीय कार्यो में शिथिलता, लापरवाही बरतने वाले अधिकारी,कर्मचारियों के विरूद्ध भी कठोर कार्यवाही की जायेगी। टीम भावना से कार्य कराये जायेंगे तथा अराजक तत्वों पर कड़ी नजर रखकर उनके विरूद्ध कार्यवाही भी की जायेगी।

डीएम ने कहा कि शिकायतों व आईजीआरएस की समस्याओं पर विशेष ध्यान देकर उसका गुणवत्तापरक निस्तारण कराया जायेगा। प्रदेश सरकार महिलाओं की सुरक्षा के लिए पूरी तरह से कटिबंध है इस पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। शीर्ष प्राथमिकताओं के साथ समस्याओं पर ध्यान देने के साथ ही जन कल्याणकारी योजनाओं को जन-जन तक पहुचाया जाएगा।

इस दौरान दौरान मुख्य विकास अधिकारी पूजा यादव, अपर जिलाधिकारी प्रशासन प्रफुल्ल त्रिपाठी, अपर जिलाधिकारी वित्त पूजा मिश्रा सहित नगर मजिस्टेट प्रकाश चंद उपस्थित रहे।

*ऊंचाहार में तीन बच्चे गंगा में डूबे, एक को बचाया दो लापता*

रायबरेली। गोकना गांव स्थित चांदी बाबा कुटी घाट पर नहाते समय तीन बच्चे गंगा में डूब गए। जिनमें एक बच्ची किसी तरह निकल कर बाहर सुरक्षित आ गई।

जबकि दो बच्चे गंगा की तेजधारा में गहरे जल में समा गए। किसी तरह बाहर निकली बच्ची की चीख पुकार सुनकर मौके पर लोग पहुंचे और कई लोग बच्चों की तलाश में गंगा में कूद गए। उधर, दो बच्चों के गंगा में डूबने की सूचना पर पहुंची पुलिस ने गोताखोरों की मदद से बच्चों की खोजबीन शुरू की है। लेकिन खबर लिखे जाने तक डूबे बच्चों का पता नहीं चल सका है।

बुधवार की दोपहर करीब 12 बजे गोकना गांव के दलित परिवार के राकेश कुमार की पुत्री गुंजा उर्फ पायल (14) व सलोनी (13) तथा रामलाल का बेटा अभिषेक कुमार (12) गांव के बगल चांदी बाबा कुटी घाट पर गंगा नहा रहे थे। तभी तीनों गहरे जल की ओर चले गए और डूबने उतराने लगे। बताते हैं कि बच्चों की चीख पुकार सुनकर कई लोग मौके पर पहुंच गए। सलोनी किसी तरह बाहर निकलने में कामयाब रही।

उसी ने शोर मचाकर दो बच्चों के डूबने की बात बताई। तभी गांव के कई गोताखोरों ने गंगा में छलांग लगाकर बच्चों को खोजने लगे। इस बीच सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और नाव व गोताखोरों की मदद से डूबे बच्चों का सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया। एसडीएम सिद्धार्थ चौधरी भी मौके पर पहुंचे और घटना का जायजा लिया।

कोतवाल आदर्श कुमार सिंह ने बताया कि तीन बच्चे गंगा में स्नान कर रहे थे। तभी तीनों गहरे जल में डूब गए। एक बच्ची सलोनी को गोताखोर ने बचा लिया जबकि अभिषेक और गुंजा गंगा में डूब गए हैं। गोताखोरों के साथ नाव के जरिए जल में जाल डालकर डूबे बच्चों की तलाश की जा रही है।

बच्चों के माता-पिता का रो-रो कर हुआ बुरा हाल

ऊंचाहार। गोकना गांव में गंगा में डूबे दो बच्चों के माता पिता का रो रो कर बुरा हाल है। राकेश की दो बेटियां गुंजा और सलोनी तथा उनके भाई रामलाल का बेटा अभिषेक बुधवार को रोजाना की भांति गांव के बगल गंगा घाट पर स्नान कर रहे थे। तभी गुंजा और अभिषेक डूब गए।जिनकी गोताखोरों द्वारा तलाश की जा रही है। वहीं परिजनों में कोहराम मचा है। राकेश की पत्नी लाली का रो रो कर बुरा हाल है।

उसके बेहोश होने पर परिवार में दूसरी मुसीबत खड़ी हो गई। उसकी तबियत बिगड़ने पर उसे सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया है। जहां दो घंटे बाद उसकी तबियत ठीक होने पर उसे घर लाया गया। बिलखती लाली का कहना है। कि रोज रोज गंगा में स्नान के लिए मना किया था। लेकिन उसकी बात को अनसुना कर बच्चे चुपके से नहाने निकल गए।

वहीं डूबने से बची सलोनी उर्फ गीता ने बताया कि छोटी बहन गुंजा डूब रही थीं बचाने का प्रयास किया था। लेकिन हम डूबने लगे तो अपनी जान बचाने के लिए बाहर की ओर किसी तरह निकल आए और शोर मचाया। तभी गांव के कई लोग आ गए और डूबे बहन व चचेरे भाई को खोजने के लिए गंगा में कूद पड़े।

लेकिन उन्हें दोनों नहीं मिले। ग्रामीण बताते हैं। कि गांव गंगा के छोर पर बसा हुआ है। जिससे अधिकतर लोग रोजाना गंगा में स्नान करते हैं।लेकिन इधर गंगा में जलस्तर बढ़ने के चलते कम लोग ही गंगा में स्नान के लिए उतरते हैं। इसके बावजूद कुछ लोग व बच्चे रोजाना ही गंगा में नहाया करते हैं। लेकिन दो बच्चों के डूबने से लोग विशेषकर बच्चे डरे हुए हैं।

*विद्युत विभाग के जर्जर भवनों में जान जोखिम में डाल रहते हैं कर्मचारी*

रायबरेली। जिन कंधो पर जिले को बिजली देने की जिम्मेदारी है वही सुरक्षित नही है तो फिर किस तरह वो काम में मन लगा सकते हैं।जिला मुख्यालय और देहात में बिजली सप्लाई करने वाले विद्युत सब स्टेशन के आउट डेटेड भवन कभी भी गिरने की आशंका रहती है। आलम यह है कि रोज छत से प्लास्टर टूटकर गिरता रहता है।

सुबह ड्यूटी पर पहुंचे कर्मचारी पहले छत से गिरे प्लास्टर के टुकड़ों को बाहर फेंकते हैं। बारिश होने पर लाइन में फाॅल्ट आने पर विद्युतकर्मियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। जानकारों के अनुसार 7-8 साल में एक बार इसके लिए टेंडर कराया जाता है। जहां पर कर्मचारी व लाइन मैन दिन और रात में काम करते हैं। लेकिन 24 घंटे जिस छत के नीचे कर्मचारी काम करते हैं। बारिश के होते ही पानी टपकने लगता है और सीपेज होता है।स्टाफ भी कम इसलिए अधिक परेशानी होती है।

नगरीय क्षेत्र में पावर ट्रिप होने से लोगों के गुस्से को सामना कंट्रोल रूम के कर्मचारियों को करना पड़ता है। जबकि सबसे इंसुलेटर पंचर होने की शिकायत सामने आती है। कर्मचारी कम हैं इससे भी समस्या बनी रहती है।

जर्जर भवन निर्माण के बजट के लिए भेजा प्रस्ताव : यदुराम

बिजली विभाग के एसी प्रथम यदुराम ने बताया कि विभाग के सिविल डिपार्टमेंट को इसके लिए प्रस्ताव भेज दिया गया है। नगर में करीब आधा दर्जन जर्जर भवन हैं। जिसके लिए प्रस्ताव भेजा गया है। बाकी थोड़ा बहुत निर्माण हम लोग करा लेते हैं।

*अमालेस ने किया प्रतिभाओं का सम्मान*

रायबरेली- गुरुवार को हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में रविआभा युग निर्माण समाज एवं एजुकेशनल एंड सोशल वेलफेयर ट्रस्ट के साहित्यिक अंग अन्तर्राष्ट्रीय मानवतावादी लेखक संगठन 'अमालेस' द्वारा राही ब्लॉक के सभागार में एक सम्मान समारोह एवं कवि गोष्ठी का आयोजन किया गया।जिसमें हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा में हिंदी विषय में उत्कृष्ट अंक प्राप्त करने वाले कुछ छात्र- छात्राओं को, हिंदी के लिए समर्पित एक शिक्षक धर्मेंद्र वर्मा, और दो शिक्षिकाओं डॉ किरण श्रीवास्तव, मंजूलता सिंह तथा हिंदी पत्रकारिता में सराहनीय योगदान देने वाले दो पत्रकारों दुर्गेश मिश्र और शंकर सिंह को " अमालेस " की जिला इकाई द्वारा सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम का संचालन और संयोजन किया था शंकर प्रसाद मिश्रा ने किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता की सूर्य प्रसाद निशिहर ने की।मुख्य अतिथि राही ब्लॉक की नवागंतुक बीडीओ गौरी राठौर रही।

कवि सम्मेलन में काव्यपाठ करने वालों में डाॅ शकुन पाण्डेय, राजश्री यादव, डॉ किरण शुक्ला, आन्या शुक्ला,पुष्प लता पाण्डेय, लक्ष्मी, डाॅ संत लाल विश्वकर्मा, आलोक सिंह,राजेन्द्र वर्मा राज, अशोक श्रीवास्तव,दुर्गा शंकर वर्मा दुर्गेश,प्रतिमाह प्रतिमा कांत आदि शामिल थे। अंत में अमालेस की राष्ट्रीय अध्यक्षा पुष्प लता पाण्डेय लक्ष्मी ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी साहित्य प्रेमियों को धन्यवाद ज्ञापित किया।

*डीएम के सामने उठा निराश्रित पशुओं का मामला*

रायबरेली- प्रदेश भर में जहां एक तरफ सीएम योगी निराश्रित गोवंशों को गौशाला ने संरक्षित करने हेतु आईएएस स्तर के अधिकारियो को कड़ाई से अनुपालन कराने के निर्देश दिए हैं वहीं रायबरेली जिले के डलमऊ तहसील क्षेत्र में इसका कोई प्रभाव नही पड़ रहा है।

डलमऊ तहसील क्षेत्र के दीनशाह गौरा विकास खण्ड अंतर्गत थुलरई गांव में लाखों की लागत से गौशाला का निर्माण कराया गया है मगर अब तक गौशाला के चारो तरफ बैरिकेडिंग तक कार्य पूर्ण नही हो सका है। डीएम माला श्रीवास्तव के तहसील दिवस में पहुंचने पर गांव निवासी देवेश कुमार ने शिकायती पत्र देते हुए बताया कि गांव में गौशाला निर्माण के बाद अबतक गोवंश गांव में बड़ी सख्या में घूम घूमकर किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं वहीं कुछ सांड लोगों पर हमलावर होकर नुकसान पहुंचा रहे है।

जबकि इसकी शिकायत आईजीआरएस पोर्टल पर करने पर गैर जिम्मेदाराना मजाकिया निस्तारण कर दिया जाता है। डीएम ने पशु चिकित्सा अधिकारी व खण्ड विकास अधिकारी दीनशाह गौरा को मामले में स्वयं मॉनिटरिंग करके गौशाला में पहुंचाए गए सभी गोवंशों की टैगिंग कराने व थुलरई गांव के निराश्रित पशुओं को संरक्षित कराने के निर्देश दिए हैं और शिकायतों के निस्तारण की गुणवत्ता व फीडबैक के भी निर्देश दिए हैं।