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श्रीकृष्ण का सबसे प्रिय भोग पंचामृत स्वास्थ्य के लिए है अत्यंत लाभकारी आइए जानते हैं इसके कुछ फायदे।

दिल्ली:-हिंदू धर्म में पंचामृत का विशेष महत्व है। खासकर जन्माष्टमी के मौके पर पंचामृत को मुख्य प्रसाद माना जाता है। हाल ही में देशभर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व धूमधाम से मनाया गया। इस साल यह त्योहार दो दिन 6 और 7 सितंबर को मनाया गया। इस दिन लोग भगवान कृष्ण के जन्म का उत्सव मनाते हैं। इस खास मौके पर हर घर और मंदिर में विभिन्न तरह के व्यंजन बनाए जाते हैं, जिनका भगवान को भोग लगाया जाता है। जन्माष्टमी पर पंजिरी और पंचामृत बनाने का काफी महत्व है।

पंचामृत कई पारंपरिक हिंदू अनुष्ठान में बनाया जाता है। स्वादिष्ट होने के साथ ही इसका अपना धार्मिक महत्व भी है। आप सभी ने जन्माष्टमी के मौके पर पंचामृत का खाया होगा, लेकिन क्या आपको पता है कि धार्मिक महत्व होने के साथ ही इस पेय का सेहत के लिए भी काफी महत्व है। हाल ही में न्यूट्रिएंट विशेषज्ञ लवनीत बत्रा ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक पोस्ट शेयर कर पंचामृत से मिलने वाले फायदों के बारे में बताया। 

आइए जानते हैं इसके कुछ फायदे

पंचामृत के फायदे

कई पारंपरिक हिंदू अनुष्ठानों में बनाए जाने वाले पंचामृत के सिर्फ आध्यात्मिक और धार्मिक पहलू ही नहीं हैं, बल्कि इसके स्वास्थ्यवर्धक पहलू भी हैं। यह फिजिकल स्ट्रेंथ, त्वचा की बनावट, बालों की मजबूती और विजन में सुधार करता है।

पंचामृत पीने से न सिर्फ आप परमात्मा से जुड़ते हैं, बल्कि यह भावनात्मक और मानसिक स्वास्थ्य को भी बढ़ावा देता है।

पंचामृत में स्वास्थ्यवर्धक तत्व होते हैं, जिनमें हाई पोषक तत्व होते हैं। साथ ही यह आपको तुरंत एनर्जी पहुंचाने में भी मदद करता है।

पंचामृत ब्रेन टॉनिक के रूप में कार्य करता है, जो बौद्धिक शक्ति बढ़ाता है और याददाश्त बढ़ाता है।

पंचामृत दूध और दूध से बने प्रोडक्ट्स से बना होता है और इसमें कैल्शियम की मात्रा अधिक होती है। यह हड्डियों और मांसपेशियों को मजबूत बनाने में मदद करता है।

पंचामृत दूध पिलाने वाली मां के लिए भी फायदेमंद है, क्योंकि यह मिल्क प्रोडक्शन और स्तनपान को बढ़ाता है।

पंचामृत पुरुष और महिला इनफर्टिलिटी में भी मदद करता है, क्योंकि यह प्रजनन प्रणाली को मजबूत करता है।

पंचामृत में नेचुरल एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो शरीर में हानिकारक फ्री रेडिकल्स को बेअसर करने, ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करने और सेलुलर स्वास्थ्य का समर्थन करने में मदद करते हैं।

दिल्ली:हिंदी फिल्मों की मशहूर पार्श्वगायिका आशा भोसले का आज 90 वें जन्मदिन, दुबई में होगा ग्रैंड सेलिब्रेशन, जानें क्या-क्या है खास


नयी दिल्ली :- हिंदी सिनेमा की प्लेबैक सिंगर आशा भोसले को जादुई आवाज की मलिका भी कहा जाता है। उन्होंने एक से बढ़कर एक गाने गाए। आज भी आशा भोसले के गानों को सुना जाता है और उसपर झूमा भी जाता है।

आशा भोसले शुक्रवार यानी 8 सितंबर को अपना 90वां जन्मदिन मनाने जा रही है और इस खास दिन को दुबई में सेलिब्रेट किया जाएगा। आशा जी के इस जन्मदिन पर दुबई में खास कार्यक्रम का आयोजन किया गया है।

90वें जन्मदिन मनाएंगी आशा भोसले

आशा भोसले के 90वें जन्मदिन पर दुबई में म्यूजिक कंसर्ट होने जा रहा है। लाइव इन कॉन्सर्ट", एक दशक से अधिक समय के बाद दुबई के मंच पर प्रतिष्ठित गीतकार की भव्य वापसी का प्रतीक है, जिससे यह एक ऐसा कार्यक्रम बन गया है जिसका संगीत प्रेमियों को बेसब्री से इंतजार है। 

यह कॉन्सर्ट दुबई के कोका-कोला एरिना में होने वाला है। यह आ

योजन आशा भोसले के शानदार करियर के लिए एक यादगार सेलिब्रेशन होगा।

पीएमई के संस्थापक सलमान अहमद ने इस कार्यक्रम को लेकर कहा, "दुबई में एक विशेष संगीत कार्यक्रम के साथ महान आशा भोसले जी का 90वां जन्मदिन मनाकर हम सम्मानित और उत्साहित महसूस कर रहे हैं।" यह संगीत कार्यक्रम हमारे विविध दर्शकों के साथ गूंजने वाले असाधारण संगीत कार्यक्रमों को प्रस्तुत करने की हमारी प्रतिबद्धता का एक प्रमाण लाइव इन कॉन्सर्ट" दुनिया का अपनी तरह का पहला म्यूजिकल ब्रॉडवे होगा, जिसमें गायक सुदेश भोसले और अन्य लोगों के साथ जादुई ढंग से तैयार किया गया, जिसमें क्लासिक बॉलीवुड हिट, भावपूर्ण ग़ज़लें और सदाबहार धुनें शामिल होंगी।

संगीत मेरी जीवन रेखा रही है- आशा भोसले

प्रेस कॉन्फ्रेंस में आशा ताई ने कहा, "मैं बेहद खुशी और कृतज्ञता से भरी हुई हूं क्योंकि मैं एक दशक से अधिक समय के बाद मंच पर लौटने की तैयारी कर रही हूं, पीएमई एंटरटेनमेंट द्वारा आयोजित इस असाधारण संगीत कार्यक्रम के साथ अपना 90वां जन्मदिन मना रही हूं। 

संगीत मेरी जीवन रेखा रही है, और एक बार फिर अपने प्रिय प्रशंसकों के साथ अपनी धुनों को साझा करना एक भावनात्मक क्षण है। मैं एक साथ जादुई यादें बनाने और संगीत की शक्ति का आनंद लेने के लिए उत्सुक हूं।''

10 साल की उम्र से की थी शुरुआत

बता दें, आशा जी ने अपने करियर की शुरुआत 10 साल की उम्र से कर दी थी। उन्होंने 6 दशक से भी लंबे सिंगिंग करियर में सुपरहिट गाने गए, जिनका उन्हें खास सम्मान भी मिला। आशा भोसले को 7 बार फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला और दो बार नेशनल अवॉर्ड मिला। इतना ही नहीं उन्हें दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड से भी नवाजा जा चुका है।

दिल्ली: पाकिस्तानी महिला सीमा हैदर राधा बनकर मनाई जन्माष्टमी,सचिन मीणा ने दिया ये खास गिफ्ट


दिल्ली:पाकिस्तान से चार बच्चो को भारत लेकर आई सीमा हैदर सुर्खियों में है रक्षाबंधन मनाने के बाद पाकिस्तानी महिला सीमा हैदर ने श्री कृष्ण जन्माष्टमी के त्यौहार को धूमधाम के साथ मनाया गया। सिर पर माता की चुनरी और हरी साड़ी पहनकर सीमा हैदर राधा बनी दिखाई दी। 

सीमा ने बॉलीवुड के गाने पर जमकर डांस करते हुए एक वीडियो भी बनाया है। यह गाना है '' जो है अलबेला मद नैनों वाला, जिसकी दीवानी वृज की हर वाला वह कृष्णा है, बता दें की जन्माष्टमी के त्योहार पर सीमा हैदर को प्रेमी सचिन मीणा ने गिफ्ट भी दिया है। जिसमें भगवान श्रीकृष्ण और राधा की मूर्ति है। सीमा ने सचिन द्वारा दिए गए गिफ्ट और राधा की तस्वीरें इंस्टाग्राम पर भी शेयर की है।

इससे पहले पाकिस्तान से भारत आई सीमा हैदर ने रक्षाबंधन का त्योहार भी पूरे भाव के साथ मनाया था। सचिन के रबूपुरा वाले घर पर वकील एपी सिंह पहुंचे थे। जहां उन्होंने सीमा और सचिन समेत परिवार के सदस्यों के बीच राखी का पर्व मनाया था। सीमा हैदर ने एपी सिंह को राखी बांधी थी, इतना ही नहीं सीमा ने बड़े भाई के पैर छूकर आशीर्वाद भी लिया था।

एपी सिंह ने सीमा और उनके बच्चों को मिठाई खिलाई थी। सीमा हैदर ने कहा था कि मुझे बहुत खुशी है कि मुझे एपी सिंह जैसा बड़ा भाई मिला है। वहीं एपी सिंह ने भी कहा था कि वह हर हाल में सीमा हैदर को भारत की नागरिता दिलाकर रहेंगे। 

साथ ही सीमा हैदर ने प्रधानमंत्री मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, संघ प्रमुख समेत योगी आदित्यनाथ को राखी भेजी थी।

रेबीज: दिल्ली एनसीआर के गाजियाबाद से एक दिल दहलाने वाला वीडियो हो रहा है वायरल,14 साल का एक बालक की रेबीज से हुई तड़प तड़प कर मौत


 जानें यह गंभीर बीमारी क्यों होता और कितना है खतरनाक..?

नई दिल्ली, (डेस्क) : दिल्ली एनसीआर के गाजियाबाद से एक दिल दहलाने का वाला वीडियो वायरल हो रहा है। एक 14 साल के बच्चे को कुत्ते को काटने से रेबीज हो गयी,जिसके कारण उसकी तड़प तड़प कर मौत हो गयी। दरअसल, बच्चे को करीब 2 महीने पहले एक कुत्ते ने काट लिया था, जिसके बाद उस बच्चे ने डर की वजह से इस बारे में अपने माता-पिता को नहीं बताया। कुत्ते के काटने की वजह से बच्चे को रेबीज की बीमारी हो गई और उसने दम तोड़ दिया। यह वीडियो जिसने भी देखा उस बच्चे की स्थिति और उसकी भयावह मौत ने सब को झकझोड़ दिया।इस मौत के बाद हर लोगों को रेबीज की जटिलता और इससे कैसे बचा जाए इसकी जानकारी जरूरी हो गयी है।

 वैसे रेबीज एक गंभीर बीमारी है, जिसका अगर समय रहते इलाज न किया जाए, तो यह जानलेवा तक साबित हो सकती है। चलिए जानते हैं रेबीज के जुड़ी वह सभी बातें, जो आपके लिए जानना जरूरी है।

 रेबीज को जाने यह है क्या...?

रेबीज एक वायरल संक्रमण है, जो मुख्य रूप से संक्रमित जानवर के काटने से फैलता है। सही समय पर उचित इलाज न मिलने पर यह आमतौर पर घातक होता है। यह रबडोवायरस परिवार का एक आरएनए वायरस है, जो व्यक्ति के सेंट्रल नर्वस सिस्टम को प्रभावित करता है। एक बार यह नर्वस सिस्टम के अंदर पहुंच जाता है, तो वायरस मस्तिष्क में तीव्र सूजन पैदा करता है, जिससे जल्द ही कोमा और मौत हो सकती है।

रेबीज दो प्रकार के होते हैं। पहला प्रकार, फ्यूरियस या एन्सेफेलिटिक रेबीज, 80% मानव मामलों में होता है और इससे पीड़ित व्यक्ति को हाइपर एक्टविटी और हाइड्रोफोबिया का ज्यादा अनुभव हो सकता है।

 दूसरा प्रकार, जिससे लोग लकवाग्रस्त या "डम्ब" हो जाते हैं जिसे रेबीज कहा जाता है, जिसमें लकवा मारना एक प्रमुख लक्षण है।

रेबीज के लक्षण

रेबीज के पहले लक्षण फ्लू के समान हो सकते हैं और कई दिनों तक रह सकते हैं। इसके बाद के संकेतों और लक्षणों में निम्न शामिल हो सकते हैं:-

बुखार,

सिरदर्द

जी मिचलाना

उल्टी करना

घबराहट

चिंता

कन्फ्यूजन

हाइपरएक्टिविटी

निगलने में कठिनाई

अत्यधिक लार आना

बुरे सपने आना

अनिद्रा

पार्शियल पैरालिसिस

रेबीज के कारण

रेबीज वायरस रेबीज संक्रमण का कारण बनता है। यह वायरस संक्रमित जानवरों की लार से फैलता है। संक्रमित जानवर किसी अन्य जानवर या व्यक्ति को काटकर वायरस फैला सकते हैं।

दुर्लभ मामलों में, रेबीज तब फैल सकता है जब संक्रमित की लार किसी खुले घाव या म्यूकस मेंब्रेन जैसे मुंह या आंखों में चली जाती है। ऐसा तब हो सकता है, जब कोई संक्रमित जानवर आपकी त्वचा पर खुले घाव को चाट ले।

जानवर जो रेबीज वायरस फैला सकते हैं?

कोई भी स्तनधारी (वह जानवर जो अपने बच्चों को दूध पिलाता है) रेबीज वायरस फैला सकता है। जिन जानवरों से लोगों में रेबीज वायरस फैलने की सबसे अधिक संभावना है उनमें निम्न शामिल हैं:

पालतू और फार्म का जानवर

बिल्ली

गाय

कुत्त

फेरेट्स

बकरी

घोड़े

जंगली जानवर

चमगादड़

बीवर

काइओट

लोमड़ी

बंदर

रैकून

स्कंक

वुडचुक्स

रिस्क फैक्टर

किसी ऐसे देशों में यात्रा करना या रहना जहां रेबीज अधिक आम है।ऐसी गतिविधियां जो आपको उन जंगली जानवरों के संपर्क में लाए, जिनमें रेबीज हो सकता है, जैसे कि गुफाओं की खोज करना जहां चमगादड़ रहते हैं या जंगली जानवरों को अपने शिविर स्थल से दूर रखने के लिए सावधानी बरते बिना डेरा डालना।

पशुचिकित्सक के रूप में कार्य करना।

रेबीज वायरस के साथ एक प्रयोगशाला में काम करना।

सिर या गर्दन पर घाव, जो रेबीज वायरस को आपके मस्तिष्क तक तेजी से पहुंचने में मदद कर सकता है।

डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?

अगर आपको किसी जानवर ने काट लिया है या रेबीज के किसी संदिग्ध जानवर के संपर्क में आए हैं, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। आपकी चोटों और उस स्थिति के आधार पर जिसमें संपर्क हुआ था, आप और आपका डॉक्टर यह निर्णय ले सकते हैं कि आपको रेबीज से बचाव के लिए उपचार प्राप्त करना चाहिए या नहीं।

रेबीज से बचाव*

अपने पालतू जानवरों का टीकाकरण करेंः बिल्लियों, कुत्तों और फेरेट्स को रेबीज के खिलाफ टीका लगाया जा सकता है। अपने पशुचिकित्सक से पूछें कि आपके पालतू जानवरों को कितनी बार टीका लगाया जाना चाहिए।

अपने पालतू जानवरों को सीमित रखेंः अपने पालतू जानवरों को घर के अंदर रखें और बाहर रहने पर उनकी निगरानी करें। इससे आपके पालतू जानवरों को जंगली जानवरों के संपर्क में आने से बचाने में मदद मिलेगी।

छोटे पालतू जानवरों को शिकारियों से बचाएंः खरगोशों और अन्य छोटे पालतू जानवरों, जैसे गिनी पिग को अंदर या सुरक्षित पिंजरों में रखें ताकि वे जंगली जानवरों से सुरक्षित रहें। इन छोटे पालतू जानवरों को रेबीज के खिलाफ टीका नहीं लगाया जा सकता है।

आवारा जानवरों की सूचना स्थानीय अधिकारियों को देंः आवारा कुत्तों और बिल्लियों की रिपोर्ट करने के लिए अपने स्थानीय पशु नियंत्रण अधिकारियों या अन्य स्थानीय कानून प्रवर्तन को कॉल करें।

जंगली जानवरों के पास न जाएंः रेबीज से पीड़ित जंगली जानवर लोगों से नहीं डरते। किसी जंगली जानवर का लोगों के साथ मित्रतापूर्ण व्यवहार करना सामान्य बात नहीं है, इसलिए ऐसे किसी भी जानवर से दूर रहें जो निडर लगता हो।

चमगादड़ों को अपने घर से दूर रखेंः किसी भी दरार और गैप को सील करें, जहां से चमगादड़ आपके घर में प्रवेश कर सकते हैं। अगर आप जानते हैं कि आपके घर में चमगादड़ हैं, तो चमगादड़ों को बाहर रखने के तरीके खोजने के लिए स्थानीय विशेषज्ञ के साथ काम करें।

यह भी ध्यान रखें

अगर आप यात्रा कर रहे हैं या अक्सर ऐसे जानवरों के आसपास रहते हैं जिनमें रेबीज हो सकता है तो रेबीज के टीका जरूर लगवाएं।

 अगर आप ऐसे देश की यात्रा कर रहे हैं जहां रेबीज आम है और आप लंबे समय तक वहां रहेंगे, तो अपने डॉक्टर से पूछें कि क्या आपको रेबीज का टीका लगवाना चाहिए।

दिल्ली: ट्रेन में सफर करने वाले यात्रियों के लिए खुशखबरी ,अब ट्रेन लेट होने पर मिलेगा फ्री मे खाना!


नयी दिल्ली : ट्रेन में सफर करने वाले यात्रियों के लिए एक अच्छी खबर सामने आ रही है. दरअसल, इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन द्वारा अब ट्रेन के लेट होने पर सफर करने वाले यात्रियों को फ्री ब्रेकफास्ट-लंच और डिनर की सुविधा दी जाएगी. 

बड़ी बात यह है कि यात्रियों को शाकाहारी-मांसाहारी भोजन का विकल्प भी मिलेगा. बताते चलें कि यह नियम नवंबर, 2022 से कुछ ट्रेनों के लिए लागू कर दिया गया है।

जानिए किन ट्रेनों में मिलेगी ये सुविधा

भारतीय रेलवे अपने प्रीमियम ट्रेनों में फ्री मील की सुविधा देने जा रही है. इसके लिए आपको कोई चार्ज नहीं देना होगा. ध्यान रहे ये सुविधा यात्रियों को ट्रेन लेट होने पर ही दी जाएगी और इसके शुल्क का भुगतान आईआरसीटीसी खुद करेगा. 

ये सुविधा केवल लंबी दूरी तय करने वाली दुरंतो, राजधानी, शताब्दी जैसी प्रीमियम ट्रेनों के लिए ही लागू किया गया है. यदि इनमें से कोई भी ट्रेन समय पर अपने गंतव्य पर नहीं पहुंचती है तो यात्रियों को फ्री भोजन दिया जाएगा. हालांकि, इन ट्रेनों के लेट होने की संभावना बहुत कम होती है।

क्यों लिया गया निर्णय?

बताते चलें कि ट्रेन के लेट होने पर यात्रियों को अक्सर भोजन की समस्या होती है. यही कारण है कि भारतीय रेलवे ने यात्रियों की सुविधा के लिए यह निर्णय लिया है. इसमें यात्रियों को समय के अनुसार ब्रेकफास्ट, लंच या डिनर दिया जाएगा।

यात्री समयानुसार किसी भी विकल्प (शाकाहारी व मांसीहारी) का चयन कर सकेंगे।आपको यहां खाने पीने की चीजों के साथ कोल्डड्रिंक और आइसक्रीम भी फ्री मिलेगी. इसके लिए आपको किसी तरह का कोई पेमेंट भी नहीं करना होगा।

नाश्ते की बात करें तो आईआरसीटीसी द्वारा नाश्ते में चाय, कॉफी, ब्रेड पकौड़ा और कोल्ड्रिंक दिया जाता है. वहीं, लंच में आप शाकाहारी या मांसाहारी के विकल्प का चयन कर सकते हैं. ठीक इसी प्रकार डिनर में वेजिटेरियन और नॉन वेजिटेरियन का ऑप्शन मौजूद रहता है।

ट्रेन लेट होने पर ही मिलेगी फ्री भोजन की सुविधा

फ्री भोजन की सुविधा ट्रेन लेट होने पर ही मिलेगी. जानकारी के मुताबिक, यदि ट्रेन दो घंटे या इससे ज्यादा लेट होती है, तो आईआरसीटीसी यात्रियों के खाने का जिम्मा लेगा. आपको बता दें अधिकतर रेलवे स्टेशनों पर इंडियन रेलवे द्वारा यात्रियों के विश्राम की भी व्यवस्था की गई है. जहां ट्रेन लेट होने पर आप रूम बुक कर विश्राम भी कर सकते हैं।

सेहत: औषधीय गुण का भंडार है सदाबहार का फूल इस फूल को खाना किसी दवा से कम नहीं है आइए जानते है इसके फायदे


नयी दिल्ली :-सदाबहार के फूलों को आयुर्वेद में संजीवनी के नाम से जाना जाता है। सदाबहार फूलों वाले पौधे घर या बगीचे की सजावट के अलावा उसके खाने के अनेक फायदे हैं ,इस फूल को खाना किसी दवा से कम नहीं आइए जानते इसके फायदे सदाबहार, जिसे वैज्ञानिक रूप में "Vinca" या "Periwinkle" कहा जाता है, यह एक प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला पौधा है. इसका पौधा आमतौर पर गहरे हरे पत्तों के साथ एक छोटा और सुंदर पौधा होता है, जिसमें छाले और फूलों में उपयोगी और औषधीय घटक होते हैं।

सदाबहार के पत्तों में विभिन्न औषधीय गुण होते हैं, जिनमें आक्सीन, विनक्रिस्टीन, और विनब्लास्टीन शामिल हैं, जो स्वास्थ्य के कई पहलुओं में मदद कर सकते हैं. इसका सेवन कैंसर, मधुमेह, मसूड़ों के रोग, और श्वसन संबंधित रोगों के इलाज में भी किया जा सकता है।

 

सदाबहार के फूल के अर्क का उपयोग ब्रेन हेल्थ को बनाए रखने में और रक्तचाप को नियंत्रित करने में भी किया जाता है. इसके एंटीऑक्सीडेंट प्रोपर्टीज शरीर को फ्री रेडिकल्स से बचाने में मदद करता है और सामान्य स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करता है. 

डायबिटीज करे कंट्रोल

सदाबहार के फूल में मौजूद विंकामाइन के कारण डायबिटीज को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है. यह विंकामाइन रक्त शुगर को संतुलित रखने में सहायक हो सकता है, शरीर में ब्लड शुगर का स्तर सदाबहार पौधे की फूल और पत्तियां दोनों ही डायबिटीज को कंट्रोल करने में मदद करते हैं. इसका सेवन आप चाय या फिर पाउडर के रूप में कर सकते हैं. 

इम्यूनिटी करे बूस्ट

सदाबहार का फूल इम्यूनिटी को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है, क्योंकि यह गुणकारी अंश जैसे कि एंटीऑक्सीडेंट्स और विटामिन सी का स्रोत होता है. यह संक्रमण से लड़ने में मदद करता है और इम्यून सिस्टम को मजबूत कर सकता है. 

नर्वस सिस्टम से जुड़ी समस्याएं करे दूर

तंत्रिक तंत्र से जुड़ी समस्याओं को दूर करने में सदाबहार के फूल बहुत ही लाभदायक होता है . इसमें प्राकृतिक गुण होते हैं जैसे कि एंटीऑक्सीडेंट्स, एंटीइंफ्लेमट्री गुण, और विटामिन सी, जो न्यूरोन्स की सुरक्षा में मदद करते हैं. 

ब्लड प्रेशर करे कंट्रोल सदाबहार

 ;(Catharanthus) फूल का सेवन ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में मदद करता है. इसमें प्राकृतिक गुण होते हैं जैसे कि एंटीऑक्सीडेंट्स और विटामिन C, जो रक्तचाप को संतुलित रखने में मदद करता है. सदाबहार के तत्व खून की धड़कन को संतुलित रखकर हृदय स्वास्थ्य को बनाए रखने में सहायक होता है.

रामायण के 'विभीषण' की मौत थी बेहद दर्दनाक ! इस वजह से कूद गए थे ट्रेन के आगे,रेलवे ट्रैक पे मिली थी कटी फटी लाश

नयी दिल्ली : रामानंद सागर की रामायण को आज भी कोई भूल नहीं पाया है और हर किसी के दिलों में वह बसी हुई है. बता दे कि इसमें मुकेश रावल ने विभीषण का किरदार निभाया था. दरअसल आपको बता दें कि मुकेश रावल अब हमारे बीच नहीं रहे क्योंकि साल 2016 में उनकी मृत्यु हो गई थी।लेकिन आज हम आपको मुकेश रावल के बारे में बताने वाले हैं कि उन्हें विभीषण का किरदार कैसे मिला और उनकी मृत्यु कैसे हुई थी.

मुकेश रावल ने की थी आत्महत्या

कुछ मीडिया खबरों की माने तो आपको बता दें कि मुकेश रावल ने सुसाइड किया था. उनका शव मुंबई के कांदिवली स्टेशन के पास में पटरियों पर बेहद ही बुरी अवस्था में प्राप्त हुआ था. लेकिन अब आपके मन में यह सवाल आ रहा होगा कि आखिर एक्टर ने ऐसा क्यों किया? इसीलिए जानकारी के लिए आपको बता दें कि वह अपने बेटे की मौत के बाद सदमे में आ गए थे. मुकेश के दो बच्चे थे.

उनकी एक बेटी है जिसकी शादी हो चुकी है. लेकिन एक्टर के बेटे की मौत हो गई और बताया जाता है की बेटी की शादी के बाद में वह काफी अकेले हो गए।

वह अपने बेटे को याद करते हुए डिप्रेशन में आ गए थे. डिप्रेशन में ही एक दिन उन्होंने ट्रेन के नीचे आकर आत्महत्या कर ली और उनकी मृत्यु हो गई.

मुकेश को ऐसे मिला विभीषण का किरदार

इसी के साथ-साथ आपको बता दें कि मुकेश रावल काफी लंबे वक्त तक थिएटर से भी जुड़े रहे थे. जहां पर रामानंद सागर की नजर उन पर पड़ गई थी और बताया जाता है कि बाद में मुकेश ने रामानंद सागर की रामायण के लिए मेघनाथ और विभीषण दोनों के ही किरदार के लिए ऑडिशन दिया था. लेकिन बाद में उन्हें विभीषण की भूमिका निभाने के लिए फाइनल कर लिया गया था.

दिल्ली: भारत का एक ऐसा स्टेशन जहां से ट्रेन गुजरते ही बिजली हो जाती है गुल, कांपने लगते हैं यात्री

नयी दिल्ली :- भारतीय रेलवे से हर रोज करोड़ों लोग सफर करते हैं. आपने भी कभी ना कभी ट्रेन से सफर जरूर किया होगा, वैसे तो खासकर जब लोगों को लंबी दूरी का सफर करना होता है, भारतीय रेलवे से हर रोज करोड़ों लोग सफर करते हैं. आपने भी कभी ना कभी ट्रेन से सफर जरूर किया होगा, वैसे तो खासकर जब लोगों को लंबी दूरी का सफर करना होता है तो लोग ट्रेन से ही सफर करना पसंद करते हैं,रेलवे की ओर से अपने यात्रियों के लिए बैठने से लेकर खान और शौचालय समेत कई सुविधा दी जाती है।

वहीं, ट्रेन में यात्रियों की सुविधा के लिए बिजली की भी व्यवस्था की जाती है ताकि लोग रोशनी के साथ-साथ मोबाइल की चार्जिंग और हवा की समस्या से ना जूझे. लेकिन क्या आपको पता है कि एक ऐसा भी देश है जहां से लोकल ट्रेन गुजरने के दौरान ट्रेन की सारी लाइट बंद हो जाती है. आखिए ऐसा क्यों ?

अपने आप गुल हो जाती है बिजली

दरअसल, हम जिस राह में जगह की बात कर रहे हैं वह जगह तमिलनाडु में है. चेन्नई के तंबाराम रेलवे स्टेशन के पास पहुंचते ही सभी लोकल ट्रेन की बिजली अपने आप कट जाती है. लेकिन आज तक की बात यह है कि यहां से गुजरने वाली सुपरफास्ट और एक्सप्रेस ट्रेन ऑन की बिजली नहीं करती है. यानी कि यहां से जितनी भी लोकल ट्रेन गुजरती है उनके साथ ही ऐसा होता है आईए जानते हैं ऐसा क्यों?

रेलवे सूत्रों ने बताई पूरी कहानी

रेलवे सूत्रों के मुताबिक, तंबाराम के पास रेल लाइन के एक छोटे से हिस्से में करंट नहीं पहुंच पाता है इसीलिए वहां पहुंचने वाली सभी ट्रेनों की लाइट कट हो जाती है. यही वजह है कि जितनी भी लोकल ट्रेन है वहां से गुजरती हैं तो उनकी लाइट ऑटोमेटिक कट हो जाती है क्योंकि वहां पर बिजली जॉन नहीं है. इसीलिए इस जगह को रेलवे ने नेचुरल क्षेत्र जोन घोषित कर दिया है।

लोकल ट्रेनों के साथ ऐसा क्यों

अब यह सवाल आपके मन में जरूर उठ रहा होगा कि आखिर लोकल ट्रेनों के साथ ऐसा क्यों होता है? तो आपको बता दे की लोकल ट्रेनों की बिजली की सप्लाई ड्राइवर के केबिन से की जाती है. क्योंकि ड्राइवर केबिन में पावर सिस्टम लगा होता है और बिजली खींचकर वह पूरी ट्रेन में सप्लाई करता है. जबकि सुपरफास्ट और एक्सप्रेस ट्रेन के इंजन के डिब्बो में बिजली की सप्लाई व्यवस्था अलग-अलग होती है।

दिल्ली:6 राज्यों की 7 विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव आज तय होगा विपक्षी गठबंधन का भविष्य


दिल्ली:- विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. और NDA के बीच आज पहले मुकाबले के तहत 6 राज्यों की 7 विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव हो रहा है और सुबह से मतदान शुरू हो चुका है। गौरतलब है कि साल के आखिर में 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव और 2024 में लोकसभा चुनाव से पहले इसे भाजपा के खिलाफ बने विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. की पहली परीक्षा माना जा रहा है।

I.N.D.I.A. गठबंधन पहली बार भाजपा को चुनौती पेश करने की कोशिश करेगा। इन उपचुनावों के परिणाम देश की राजनीति को प्रभावित कर सकते हैं। जिन 7 विधानसभा सीटों पर मतदान हो रहा है

उत्तर प्रदेश में घोसी विधानसभा सीट

उत्तर प्रदेश की घोसी विधानसभा सीट

पश्चिम बंगाल में धूपगुड़ी विधानसभा सीट

केरल में पुतुपल्ली विधानसभा सीट

उत्तराखंड में बागेश्वर विधानसभा सीट

झारखंड में डुमरी विधानसाभा सीट

त्रिपुरा में बाक्सानगर विधानसभा सीट

त्रिपुरा में ही धनपुर विधानसभा सीट

8 सितंबर को आएंगे परिणाम

इस सभी 7 विधानसभा सीट पर आज हो रहे चुनाव का परिणाम 8 सितंबर को आएगा। इसमें भी उत्तर प्रदेश की घोसी सीट सबसे ज्यादा चर्चा में है। यहां से भाजपा के दारा सिंह चौहान चुनावी मैदान में उतरे हैं। 

वहीं उत्तराखंड के बागेश्वर सीट पर भी भाजपा और कांग्रेस के बीच मुख्य मुकाबला है। अन्य सीटों पर भाजपा और क्षेत्रीय दलों के बीच मुकाबला है।

दिल्ली:महिला से सामूहिक दुष्कर्म और उसके दो बच्चे के हत्या मामले कोर्ट ने तीन दोषियों को सुनाई मौत की सजा

दिल्ली:- सामूहिक बलात्कार के बाद एक महिला और उसके दो बच्चों की हत्या के मामले में कोर्ट ने तीन दोषियों को मौत की सजा सुनाई है. घटना वर्ष 2015 में ख्याला इलाके में घटी थी. जब तीनों दोषियों ने महिला का बलात्कार करने के बाद पेचकस से हत्या कर दी थी. उसके बाद महिला के दोनों बच्चों एक बेटा और एक बेटी की हत्या के बाद घर में लूटपाट की थी. घटना के समय बेटे की उम्र सात और बेटी की छह साल थी. महिला के पति ने एक नाबालिग सहित चार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया था।

तीस हजारी कोर्ट ने जिन तीन दोषियों को फांसी की सजा सुनाई है उनके नाम अकरम, शाहिद और रफत अली उर्फ मंजूर अली हैं. कोर्ट ने 22 अगस्त को तीनों को दोषी करार दिया था. तीस हजारी कोर्ट स्थित फास्ट ट्रैक कोर्ट की जज आंचल ने तीनों दोषियों को धारा 302 (हत्या) और 120बी (आपराधिक साजिश) के तहत यह मौत की सजा सुनाई है।इन्हें सामूहिक बलात्कार और डकैती के मामले में आजीवन कारावास की भी सजा सुनाई गई है. कोर्ट ने तीनों दोषियों पर 35 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।

जज ने कहा कि मामले में कई सबूत हैं और घटनास्थल पर तीनों आरोपियों को छत पर जाते हुए भी देखा गया. इसके साथ ही बलात्कार, हत्या और डकैती जैसे जघन्य अपराध हुए. घटना के बाद तीनों आरोपित दिल्ली छोड़कर भाग गए थे. एक नाबालिग सहित तीन आरोपितों को पुलिस ने 23 सितंबर 2015 को उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ से गिरफ्तार किया था. घटना को अंजाम देने के बाद अलीगढ़ पहुंचकर तीनों ने आपस में लूटे गए पैसों का बंटवारा किया था।

पुलिस ने उनके पास से वारदात को अंजाम देते समय पहनी हुई खून के धब्बे लगे टी शर्ट, पेचकस और अन्य हथियार बरामद किए थे. कोर्ट ने कहा रफत, अकरम और शाहिद ने इस हत्याकांड की साजिश रची थी. कॉल रिकॉर्ड भी इस मामले में सबूत का आधार है. घटना वाले दिन 19 सितंबर से लेकर 23 सितंबर तक, जब तक तीनों ने लूटी गई रकम का बंटवारा नहीं कर लिया, इनके बीच फोन पर बातचीत जारी रही।कोर्ट ने कहा कि घटना में एक पैटर्न यह भी देखा गया कि कोई भी कॉल लगातार नहीं की गई थी बल्कि कुछ मिनटों या घंटों के अंतर से कॉल की गई थी.

उत्तर प्रदेश के कासगंज का रहने वाला था परिवार

महिला अपने पति और बच्चों के साथ ख्याला में रहती थी. महिला और दोनों बच्चे घर की दूसरी मंजिल पर मृत पाए गए थे. महिला के पति ने पुलिस को बताया था कि वह परिवार के साथ ख्याला के उस मकान में 3 साल से किराए पर रह रहा था. वह पुरानी जींस बेचने का काम करता था, जिसके लिए हर शनिवार को जयपुर जाता था. इसी काम के लिए वह 19 सितंबर 2015 को जयपुर गया था. इसी दौरान यह घटना घटित हुई।