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पीएम मोदी ने 07.05 कैरेट का ग्रीन डायमंड,, गुजरात का नमक, पंजाब का घी, महाराष्ट्र का गुड़ आदि चीजें अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन को दिए उपहार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका की अपनी राजकीय यात्रा के दूसरे चरण में बुधवार को व्हाइट हाउस पहुंचे। इस दौरान पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की तरफ से एक - दूसरे को कई उपहार भी दिए गए। पीएम मोदी ने जिल बाइडेन को ग्रीन डायमंड उपहार में दिया।

अमेरिका की यात्रा पर गए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति जो बाइडेन से मुलाकात की। बाइडेन और उनकी पत्नी जिल बाइडेन ने पीएम मोदी का व्हाइट हाउस में भव्य स्वागत किया। बाइडेन ने पीएम मोदी के लिए एक निजी रात्रिभोज का आयोजन किया है। व्हाइट हाउस के मुताबिक अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और प्रथम महिला जिल बाइडेन की तरफ से पीएम मोदी को कई उपहार दिए गए।

आधिकारिक उपहार के रूप में जो बाइडेन प्रथम महिला जिल बाइडेन पीएम मोदी को 20 वीं सदी की शुरुआत में हस्तनिर्मित प्राचीन अमेरिकी पुस्तक गैली भेंट की। इसके अलावा राष्ट्रपति बाइडेन पीएम मोदी को एक विंटेज अमेरिकी कैमरा भी उपहार में दिया। बाइडेन ने पीएम मोदी को जॉर्ज ईस्टमैन के पहले कोडक कैमरे के पेटेंट की एक अभिलेखीय प्रतिकृति और अमेरिकी वन्यजीव फोटोग्राफी की एक हार्डकवर पुस्तक भी भेंट की है। जिल बाइडेन पीएम मोदी को 'कलेक्टेड पोयम्स ऑफ रॉबर्ट फ्रॉस्ट' की हस्ताक्षरित प्रथम संस्करण प्रति गिफ्ट की।

 पीएम मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति वाइडन को पंजाब में तैयार किया गया घी , जिसे अज्यदान (घी का दान) के लिए चढ़ाया जाता है उन्हें शालीन भाव से समर्पित किया। महाराष्ट्र में तैयार किया गया गुड़ दिया गया जिसे गुड़दान (गुड़ का दान) के लिए प्रयोग किया जाता है। उत्तराखंड से प्राप्त लंबे दाने वाला चावल , जिसे धान्यदान (अनाज का दान) के लिए चढ़ाया जाता है।

राजस्थान में हस्तनिर्मित 24K शुद्ध और हॉलमार्क वाला सोने का सिक्का , जिसे हिरण्यदान (सोने का दान) लिए दिया जाता है। गुजरात में तैयार नमक (नमक का दान) , जो लवणदान के लिए दिया जाता है।

एक बॉक्स में 99.05% शुद्ध और हॉलमार्क वाला चांदी का सिक्का भी है जिसे राजस्थान के कारीगरों द्वारा सौंदर्यपूर्ण ढंग से तैयार किया गया है और इसे रौप्यदान (चांदी का दान) के रूप में दिया किया जाता है।

तमिलनाडु के तिल (तिल के बीज का दान) दिए जिसमें तिलदान के तहत सफेद तिल के बीज चढ़ाए जाते हैं।

मैसूर और कर्नाटक से प्राप्त चंदन का एक सुगंधित टुकड़ा भूदान (भूमि का दान) के लिए दिया गया जो भूदान के लिए जमीन पर चढ़ाया जाता है।

पश्चिम बंगाल के कुशल कारीगरों द्वारा हस्तनिर्मित चांदी का नारियल दिया गया जिसे गौदान (गाय का दान , गौदान) के लिए गाय के स्थान पर चढ़ाया जाता है। बॉक्स में भगवान गणेश की मूर्ति और दिया है। भगवान जिन्हें बाधाओं का विनाशक माना जाता है और किसी भी कार्य शुरू करने से पहले सभी देवताओं में सबसे पहले इनकी पूजा की जाती है। गणेश की यह चांदी की मूर्ति और चांदी का दिया कोलकाता के पांचवीं पीढ़ी के चांदी कारीगरों के एक परिवार द्वारा हस्तनिर्मित की गई है। उत्तर प्रदेश में निर्मित तांबे की प्लेट , जिसे ताम्र-पत्र भी कहा जाता है। इस पर एक श्लोक अंकित है। प्राचीन काल में ताम्र-पत्र का व्यापक रूप से लेखन और रिकार्ड रखने के माध्यम के रूप में उपयोग किया जाता था। इसके अलावे 07.05 कैरेट का ग्रीन डायमंड भी उन्हें दिया।

महाराष्ट्र में अजित पवार की NCP अध्यक्ष के पद पर नजर, कहा, अब और नहीं रहना चाहते विधानसभा में नेता विपक्ष, जिम्मेदारी देकर तो देखिए

राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के वरिष्ठ नेता अजित पवार महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता का पद छोड़ना चाहते हैं। इसके बजाय, वह एनसीपी में ही कोई वरिष्ठ पद चाहते हैं और प्रबल इच्छा पार्टी अध्यक्ष के पद की है।

अजित पवार ने मुंबई के शनमुखानंद ऑडिटोरियम में शरद पवार के सामने पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा, ‘मुझे नेता प्रतिपक्ष पद में कोई लगाव नहीं था। मुझे यह जिम्मेदारी दी गई। अब एक साल हो गया है। कुछ लोग कहते है कि मैं आक्रमक नहीं रहता। अब क्या मैं उनका गला जाकर पकड़ लूं. मुझे कहना है कि मुझे नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी से मुक्त और पार्टी संगठन में कोई भी जिम्मेदारी दीजिए। छोटी ही जिम्मेदारी दीजिए और फिर देखिए।

शरद पवार ने नहीं दी थी भतीजे अजित को कोई बड़ी जिम्मेदारी

एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार द्वारा सुप्रिया सुले और प्रफुल्ल पटेल को पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किए जाने के कुछ दिनों बाद अजित पवार का यह बयान आया है। यह पहला मौका है जब एनसीपी में ‘कार्यकारी अध्यक्ष’ का पद बनाया गया है।

अपना जेंडर चेंज कराएंगी बंगाल के इस पूर्व सीएम की बेटी, कहा-मैंने खुद को पुरुष के तौर पर पहचाना है

#west_bengal_former_cm_buddhadeb_bhattacharya_daughter_suchetana_want_to_change_his_gender

पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्‍यमंत्री और माकपा के कद्दावर नेता बुद्धदेव भट्टाचार्य की बेटी सुचेतना भट्टाचार्य अपना जेंडर चेंज करना चाहती हैं।बुद्धदेव भट्टाचार्य की बेटी सुचेतना अब लिंग परिवर्तन करके सुचेतना से सुचेतन बनना चाहती हैं। इसके लिए उन्होंने कानूनी सलाह भी लेनी शुरू कर दी है।सुचेतना का कहना है कि बचपन से ही उन्‍होंने खुद को एक पुरुष के तौर पर पहचाना है।इसलिए जेंडर चेंज कराने का फैसला किया।

पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य की बेटी सुचेतना भट्टाचार्य ने खुद को 'ट्रांसमैन' घोषित किया है और कहा है कि वह जल्द ही सेक्स रिअसाइनमेंट सर्जरी कराएगी। LGBTQIA एक्टिविस्ट सुप्रवा रॉय की एक पोस्ट के जरिए यह मामला सबसे पहले सामने आया। बीते मंगलवार को सुचेतना भट्टाचार्य पीपुल्स रिलीफ कमेटी द्वारा LGBTQIA+ लोगों की हेल्थ पर आयोजित एक वर्कशॉप में गई थीं। यहां उनकी मुलाकात सुप्रभा रॉय नाम की एक वामपंथी कार्यकर्ता से हुई। सुचेतना ने अपने इस फैसले के बारे में सुप्रभा को बताया, जिसके बाद सुप्रभा ने फेसबुक पर लंबा पोस्ट लिख सुचेतना के जेंडर चेंज कराने के बारे में जानकारी दी। सुप्रभा ने फेसबुक में लिखा कि, “बातचीत के दौरान सुचेतना ने उन्हें अपने जेंडर चेंज कराने की जानकारी दी। सुचेतना ने कहा कि वह लंबे समय से मानसिक रूप से ट्रांस मैन हैं। इस बार अंतर सिर्फ यह होगा कि वह फिजिकली पुरुष हो जाएंगी।

सुचेतना ने इस पोस्ट की सत्यता की पुष्टि की। इसके अलावा उन्होंने कहा कि 41 वर्ष की उम्र के बाद एक वयस्क व्यक्ति के रूप में यह उनका अपना निर्णय है। सुचेतना का कहना है कि बचपन से ही उन्‍होंने खुद को एक पुरुष के तौर पर पहचाना है। इस संबंध में वो कानूनी सलाह पहलुओं पर वो जानकारी जुटा रही हैं। सभी सर्टिफिकेट वो लेना चाहती हैं ताकि बाद में इसे लेकर कोई कानूनी दिक्‍कत ना आए। 

जेंडर चेंज कराने को लेकर सुचेतना ने कहा कि उनका राजनीतिक बैक ग्राउंड रहा है। इसलिए मीडिया में इस खबर का आना स्वाभाविक है, लेकिन मेरी विनती है कि मेरे मां-बाप को इसमें न घसीटें. यह मेरा निजी फैसला है। सुचेतना ने कहा, पिता बचपन से ही इस बात से परिचित हैं। उनके इस फैसले में मां-बाप भी उनका साथ देंगे। कौन क्या कहेगा, इससे उन्हें फर्क नहीं पड़ता है। बस अपनों का साथ मिलना चाहिए। मैं सभी से यह अपील करना चाहती हूं कि इस खबर को गलत तरीके से पेश ना किया जाए। यह मेरा संघर्ष है। मैं खुद ही इससे लड़ना चाहती हूं। बता दें कि सुचेतना राजनीति में ज्यादा सक्रिय नहीं है। उनकी पहचान पर्यावरण कार्यकर्ता, सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में है। सुचेतना ट्रांसजेंडस समाज के लिए कार्य करती हैं।

उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में बड़ा सड़क हादसा, 500 मीटर गहरी खाई में गिरी बोलेरो, नौ की मौत और दो घायल

उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में बड़ा सड़क हादसा हुआ है। यात्रियों से भरी बोलेरो दुर्घटनाग्रस्त होकर 500 मीटर गहरी खाई में गिर गई। नौ लोगों की मौत हो गई है, जबकि दो लोग घायल हो गए हैं। पुलिस मौके के लिए रवाना हो गई है।

जानकारी के अनुसार, बागेश्वर जिले के सामा से होकरा जा रही एक बोलेरो कार दुर्घटनाग्रस्त होकर 500 मीटर गहरी खाई में गिर गई। इस हादसे में नौ लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जिनके शव बरामद कर लिए गए हैं। दो लोग घायल बताए जा रहे हैं।

सूचना मिलने के बाद नाचनी थाने से थानाध्यक्ष चंदन सिंह पुलिस टीम के साथ मौके के लिए रवाना हो गए हैं। तेजम अस्पताल से एंबुलेंस मौके पर भेजी गई है। बताया जा रहा है कि हादसे का शिकार हुए लोग बोलेरो कार से होकरा मंदिर में पूजा के लिए जा रहे थे। जिस जगह पर हादसा हुआ है वहां पर सड़क बेहद खराब स्थिति में है।

प्रतिष्ठित 'अमूल गर्ल' अभियान के निर्माता सिल्वेस्टर दाकुन्हा का निधन, विभिन्न राजनैतिक दलों के नेताओं ने दी श्रद्धांजलि

1960 के दशक में शुरू हुए प्रतिष्ठित 'अमूल गर्ल' अभियान के निर्माता, विज्ञापन उद्योग के दिग्गज सिल्वेस्टर दाकुन्हा का निधन हो गया है। गुजरात स्थित डेयरी सहकारी, डेयरी ब्रांड के मालिक ने इसकी पुष्टि की है।

गुजरात को-ऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन (जीसीएमएमएफ) के प्रबंध निदेशक जयेन मेहता ने कहा है कि कल रात (मंगलवार) मुंबई में दाकुन्हा कम्युनिकेशंस के अध्यक्ष श्री सिल्वेस्टर दाकुन्हा के दुखद निधन के बारे में बताते हुए बहुत दुख हो रहा है।

सिल्वेस्टर दाकुन्हा ने 1966 में जीसीएमएमएफ के स्वामित्व वाले ब्रांड अमूल के लिए 'अटटरली बटरली' अभियान की कल्पना की, जिसने 'अमूल गर्ल' को दुनिया के सामने पेश किया जो आज भी जारी है।

बता दें कि सिल्वेस्टर दाकुन्हा के बेटे राहुल दाकुन्हा अब अपने पिता द्वारा शुरू की गई विज्ञापन एजेंसी के शीर्ष पर हैं।

सिल्वेस्टर दाकुन्हा को विभिन्न राजनैतिक दलों के नेताओं ने श्रद्धांजलि दी। वरिष्ठ कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि अमूल के प्रतिष्ठित नेता वी कुरियन ने उनकी रचनात्मक प्रतिभा को स्वीकार किया था।

वहीं कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ'ब्रायन ने माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर साझा किए गए एक शोक संदेश में सिल्वेस्टर दाकुन्हा को विज्ञापन का दिग्गज बताया।

दिग्विजय सिंह ने पीएम मोदी पर कसा तंज, कहा- नीरो की तरह है सरकार, मणिपुर जल रहा है, प्रधानमंत्री ग्लोबल दर्शन पर हैं

#digvijaya_singh_slams_pm_modi_talks_on_manipur_violence 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के न्योते पर अमेरिका की राजकीय यात्रा पर हैं। कांग्रेस पीएम मोदी की इस राजकीय यात्रा को लेकर लगातार निशाना साध रही है।इस बीच कांग्रेस के सीनियर नेता दिग्विजय सिंह ने पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा को लेकर उन पर तंज कसा है। दिग्विजय सिंह ने कहा कि मणिपुर जल रहा है, जबकि मोदी ‘वैश्विक दर्शन’ पर हैं। 

दिग्विजय सिंह ने ट्वीट करते हुए लिखा, जब मणिपुर जल रहा था, हमारे पीएम संयुक्त राष्ट्र में योग कर रहे थे। जब चीन साजिद मीर को ग्लोबल आतंकी घोषित किए जाने पर अड़ंगा लगा रहा था, पीएम मोदी यूएन में योग कर रहे थे। क्या ये आपको रोम के जलने पर नीरो के बांसुरी बजाने की याद नहीं दिलाता। क्या मोदी शासन भी नीरो के शासन की तरह नहीं है?

एक अन्य ट्वीट में दिग्विजय सिंह ने पूछा कि आप ऐसे प्रधानमंत्री के बारे में क्या कहेंगे जो उस समय ‘वैश्विक दर्शन’ पर हैं जब मणिपुर जल रहा है? उन्होंने ये भी कहा कि पिछले 9 वर्षों में पीएम का प्रदर्शन निराशाजनक रहा है और कहा कि वे खुद की मार्केटिंग करते रहते हैं।

बता दें कि बुधवार को पीएम मोदी ने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस समारोह का नेतृत्व किया। संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में हुआ योग कार्यक्रम गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल हो गया है। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 180 देशों के करीब 8 हजार लोगों ने योग किया। गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के प्रवक्ता और आधिकारिक निर्णायक माइकल एम्प्रिक ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र में पीएम मोदी के नेतृत्व में हुए योग कार्यक्रम ने सर्वाधिक देशों से लोगों की भागीदारी के मामले में गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है।

दिग्विजय सिंह ने पीएम मोदी पर कसा तंज, कहा- नीरो की तरह है सरकार, मणिपुर जल रहा है, प्रधानमंत्री ग्लोबल दर्शन पर हैं

#digvijaya_singh_slams_pm_modi_talks_on_manipur_violence 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के न्योते पर अमेरिका की राजकीय यात्रा पर हैं। कांग्रेस पीएम मोदी की इस राजकीय यात्रा को लेकर लगातार निशाना साध रही है।इस बीच कांग्रेस के सीनियर नेता दिग्विजय सिंह ने पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा को लेकर उन पर तंज कसा है। दिग्विजय सिंह ने कहा कि मणिपुर जल रहा है, जबकि मोदी ‘वैश्विक दर्शन’ पर हैं। 

दिग्विजय सिंह ने ट्वीट करते हुए लिखा, जब मणिपुर जल रहा था, हमारे पीएम संयुक्त राष्ट्र में योग कर रहे थे। जब चीन साजिद मीर को ग्लोबल आतंकी घोषित किए जाने पर अड़ंगा लगा रहा था, पीएम मोदी यूएन में योग कर रहे थे। क्या ये आपको रोम के जलने पर नीरो के बांसुरी बजाने की याद नहीं दिलाता। क्या मोदी शासन भी नीरो के शासन की तरह नहीं है?

एक अन्य ट्वीट में दिग्विजय सिंह ने पूछा कि आप ऐसे प्रधानमंत्री के बारे में क्या कहेंगे जो उस समय ‘वैश्विक दर्शन’ पर हैं जब मणिपुर जल रहा है? उन्होंने ये भी कहा कि पिछले 9 वर्षों में पीएम का प्रदर्शन निराशाजनक रहा है और कहा कि वे खुद की मार्केटिंग करते रहते हैं।

बता दें कि बुधवार को पीएम मोदी ने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस समारोह का नेतृत्व किया। संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में हुआ योग कार्यक्रम गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल हो गया है। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 180 देशों के करीब 8 हजार लोगों ने योग किया। गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के प्रवक्ता और आधिकारिक निर्णायक माइकल एम्प्रिक ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र में पीएम मोदी के नेतृत्व में हुए योग कार्यक्रम ने सर्वाधिक देशों से लोगों की भागीदारी के मामले में गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है।

न्यूयॉर्क टाइम्स ने बताया पीएम मोदी की पॉपुलैरिटी का राज, जमकर की तारीफ

मोदी का मैजिक लोगों के सिर चढ़ कर बोलता है। देश के प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी अपने देश के बच्चे-बच्चे की जुबान पर रहते हैं। तो वहीं दुनियाभर के देशों में भी वो खासे लोकप्रिय हैं।लेकिन क्या आप उनकी लोकप्रियता के पीछे का कारण जानते हैं? अमेरिका के प्रसिद्ध अखबार 'द न्यूयॉर्क टाइम्स' (एनवाईटी) में उनकी लोकप्रियता को लेकर एक आर्टिकल छपा है। लेख के अनुसार, पीएम मोदी सिर्फ इसलिए लोकप्रिय नहीं हैं कि वह दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के प्रधानमंत्री हैं बल्कि इसलिए हैं क्योंकि उनका देश के लोगों पर बहुत प्रभाव है। वैसे आपको बता दें कि ये वहीं अखबार है, जो कई बार मोदी सरकार की आलोचना कर चुका है

पीएम मोदी की लोकप्रियता की एक बड़ी वजह 'मन की बात'

न्यूयॉर्क टाइम्स में मुजीब मशाल द्वारा लिखे गए एक लेख में दावा किया गया है कि पीएम मोदी की लोकप्रियता की एक बड़ी वजह उनका रेडियो शो 'मन की बात' है।मुजीब मशाल ने अपने लेख में लिखा कि मन की बात कार्यक्रम स्थानीय लोगों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जुड़ने का मौका देता है। हर महीने प्रसारित होने वाले इस कार्यक्रम में पीएम मोदी देश में हो रहे हर छोटे-बड़े सकारात्मक बदलावों के बारे में बात करते हैं। लेख के अनुसार, पीएम मोदी सिर्फ इसलिए लोकप्रिय नहीं हैं कि वह दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के प्रधानमंत्री हैं बल्कि इसलिए हैं क्योंकि उनका देश के लोगों पर बहुत प्रभाव है। साथ ही उनकी जो नीतियां हैं, वह उनकी इसी विरासत को दर्शाती हैं। 

”मन की बात’ के जरिए देश की बड़ी आबादी के साथ जुड़ते हैं”

न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट में बताया गया है कि महीने में एक दिन पीएम मोदी अपने सरकारी बंगले में बनाए गए स्टूडियो में जाते हैं। जहां वह अपने रेडियो शो की शुरुआत करते हैं। अब तक प्रधानमंत्री 100 से ज्यादा ‘मन की बात’ कर चुके हैं। वह शो की शुरुआत ‘मेरे प्यारे देशवासियों, नमस्कार!’ के साथ करते हैं। पीएम मोदी अपने इस कार्यक्रम के जरिए सिर्फ समस्याओं का समाधान ही नहीं बताते हैं, बल्कि वह देश की बड़ी आबादी के साथ जुड़ते हैं।प्रधानमंत्री मोदी अपने कार्यक्रम के जरिए स्कूली परीक्षाओं के दौरान होने वाले तनाव से बचने के तरीके बताते हैं। कभी वह जल संरक्षण की बात करते हैं, तो कभी गांव और खेतिहर जीवन में आने वाली चुनौतियों के सुझाव बताते हैं। प्रोग्राम के जरिए कभी वह एक टीचर की तरह बात करते हैं, तो कभी एक दोस्त की तरह।

”पीएम मोदी की दो सबसे बड़ी ताकते हैं”

मशाल लिखते हैं कि पीएम मोदी की लोकप्रियता में उनकी पार्टी, जिसकी सोशल मीडिया पर जबरदस्त पकड़ है, की भी अहमियत है, जो उनके भाषणों के वीडियो और टेक्स्ट सोशल मीडिया पर फैलाती है। पीएम मोदी की दो सबसे बड़ी ताकते हैं, एक है उनकी देश की जमीनी स्तर की समझ और दूसरी उनकी कहानी कहने की क्षमता। अपनी इन खासियतों की वजह से पीएम मोदी देशवासियों के साथ जुड़ पाते हैं और अपनी सरकार की योजनाओं जैसे मुफ्त राशन और बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर को लोगों के सामने प्रभावी तरीके से रखते हैं। कोरोना महामारी के दौरान भी पीएम मोदी ने मन की बात कार्यक्रम के जरिए लोगों को वैक्सीनेशन के लिए प्रेरित किया। साथ ही वह समाज के ऐसे लोगों के बारे में बात करते हैं जो अपने प्रयासों से छोटे-छोटे बदलाव ला रहे हैं। 

”उन्होंने राष्ट्रीय कल्पना पर पकड़ बना ली है”

द न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले देश में पीएम मोदी की लगभग 30 मिनट की ऑन-एयर मेजबानी - एक तरह से उन्होंने खुद को भारत की विशालता में सर्वव्यापी बना लिया है। उन्होंने राष्ट्रीय कल्पना पर पकड़ बना ली है जो उनकी आलोचना के प्रति अप्रभावी लगती है।

न्यूयॉर्क टाइम्स ने बताया पीएम मोदी की पॉपुलैरिटी का राज, जमकर की तारीफ

#pmnarendramodipopularityreasonnewyorktimesexplained 

मोदी का मैजिक लोगों के सिर चढ़ कर बोलता है। देश के प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी अपने देश के बच्चे-बच्चे की जुबान पर रहते हैं। तो वहीं दुनियाभर के देशों में भी वो खासे लोकप्रिय हैं।लेकिन क्या आप उनकी लोकप्रियता के पीछे का कारण जानते हैं? अमेरिका के प्रसिद्ध अखबार 'द न्यूयॉर्क टाइम्स' (एनवाईटी) में उनकी लोकप्रियता को लेकर एक आर्टिकल छपा है। लेख के अनुसार, पीएम मोदी सिर्फ इसलिए लोकप्रिय नहीं हैं कि वह दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के प्रधानमंत्री हैं बल्कि इसलिए हैं क्योंकि उनका देश के लोगों पर बहुत प्रभाव है। वैसे आपको बता दें कि ये वहीं अखबार है, जो कई बार मोदी सरकार की आलोचना कर चुका है

पीएम मोदी की लोकप्रियता की एक बड़ी वजह 'मन की बात'

न्यूयॉर्क टाइम्स में मुजीब मशाल द्वारा लिखे गए एक लेख में दावा किया गया है कि पीएम मोदी की लोकप्रियता की एक बड़ी वजह उनका रेडियो शो 'मन की बात' है।मुजीब मशाल ने अपने लेख में लिखा कि मन की बात कार्यक्रम स्थानीय लोगों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जुड़ने का मौका देता है। हर महीने प्रसारित होने वाले इस कार्यक्रम में पीएम मोदी देश में हो रहे हर छोटे-बड़े सकारात्मक बदलावों के बारे में बात करते हैं। लेख के अनुसार, पीएम मोदी सिर्फ इसलिए लोकप्रिय नहीं हैं कि वह दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के प्रधानमंत्री हैं बल्कि इसलिए हैं क्योंकि उनका देश के लोगों पर बहुत प्रभाव है। साथ ही उनकी जो नीतियां हैं, वह उनकी इसी विरासत को दर्शाती हैं। 

”मन की बात’ के जरिए देश की बड़ी आबादी के साथ जुड़ते हैं”

न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट में बताया गया है कि महीने में एक दिन पीएम मोदी अपने सरकारी बंगले में बनाए गए स्टूडियो में जाते हैं। जहां वह अपने रेडियो शो की शुरुआत करते हैं। अब तक प्रधानमंत्री 100 से ज्यादा ‘मन की बात’ कर चुके हैं। वह शो की शुरुआत ‘मेरे प्यारे देशवासियों, नमस्कार!’ के साथ करते हैं। पीएम मोदी अपने इस कार्यक्रम के जरिए सिर्फ समस्याओं का समाधान ही नहीं बताते हैं, बल्कि वह देश की बड़ी आबादी के साथ जुड़ते हैं।प्रधानमंत्री मोदी अपने कार्यक्रम के जरिए स्कूली परीक्षाओं के दौरान होने वाले तनाव से बचने के तरीके बताते हैं। कभी वह जल संरक्षण की बात करते हैं, तो कभी गांव और खेतिहर जीवन में आने वाली चुनौतियों के सुझाव बताते हैं। प्रोग्राम के जरिए कभी वह एक टीचर की तरह बात करते हैं, तो कभी एक दोस्त की तरह।

”पीएम मोदी की दो सबसे बड़ी ताकते हैं”

मशाल लिखते हैं कि पीएम मोदी की लोकप्रियता में उनकी पार्टी, जिसकी सोशल मीडिया पर जबरदस्त पकड़ है, की भी अहमियत है, जो उनके भाषणों के वीडियो और टेक्स्ट सोशल मीडिया पर फैलाती है। पीएम मोदी की दो सबसे बड़ी ताकते हैं, एक है उनकी देश की जमीनी स्तर की समझ और दूसरी उनकी कहानी कहने की क्षमता। अपनी इन खासियतों की वजह से पीएम मोदी देशवासियों के साथ जुड़ पाते हैं और अपनी सरकार की योजनाओं जैसे मुफ्त राशन और बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर को लोगों के सामने प्रभावी तरीके से रखते हैं। कोरोना महामारी के दौरान भी पीएम मोदी ने मन की बात कार्यक्रम के जरिए लोगों को वैक्सीनेशन के लिए प्रेरित किया। साथ ही वह समाज के ऐसे लोगों के बारे में बात करते हैं जो अपने प्रयासों से छोटे-छोटे बदलाव ला रहे हैं। 

”उन्होंने राष्ट्रीय कल्पना पर पकड़ बना ली है”

द न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले देश में पीएम मोदी की लगभग 30 मिनट की ऑन-एयर मेजबानी - एक तरह से उन्होंने खुद को भारत की विशालता में सर्वव्यापी बना लिया है। उन्होंने राष्ट्रीय कल्पना पर पकड़ बना ली है जो उनकी आलोचना के प्रति अप्रभावी लगती है।

टाइटैनिक जहाज का मलबा देखने गई पनडुब्बी समुद्र की गहराईयों में लापता, आज खत्म हो जाएगी ऑक्सीजन, पनडुब्बी में सवार हैं पांच लोग

#titanic_submarine_missing 

टाइटैनिक का मलबा दिखाने ले गई टूरिस्ट सबमरीन रविवार से लापता है। सबमरीन में पाकिस्तानी अरबपति शहजादा दाऊद समेत 5 लोग सवार थे।हर घंटा बीतने के साथ लोगों के जिंदा होने की उम्मीद कम हो रही है। क्योंकि विमान में महज कुछ ही घंटों का ऑक्सीजन शेष बचा है।कनाडाई कोस्ट गार्ड वाहन लगातार इस पनडुब्बी के बारे में पता लगाने की कोशिश कर रहा है। लेकिन पनडुब्बी का कुछ बी पता नहीं चल पा रहा है।

करीब 111 साल पहले टाइटैनिक जहाज आइसबर्ग से टकराकर डूब गया था। साल 1912 में 14 और 15 अप्रैल की रात अटलांटिक महासागर में समा गया। इस हादसे में करीब 1500 लोगों की मौत हो गई थी। आज भी इस हादसे को सबसे बड़ा समुद्री हादसा माना जाता है। साल 1985 में न्यूफाउंडलैंड के तट के पास जहाज का मलबा मिला। डूबने के 70 सालों बाद भी टाइटैनिक का जादू उतरा नहीं था। इसपर फिल्म बनी। अब उसका मलबा भी चर्चाओं में आ गया। लोग उसे एक बार देखने के लिए लाखों-करोड़ों रुपए खर्च कर रहे हैं। 

ऐसे ही एक छोटी पनडुब्बी लोगों को टाइटैनिक के मलबे को दिखाने के लिए गई थी, जो चालक दल के साथ 19 जून से अटलांटिक महासागर में लापता है। अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि समुद्र में पनडुब्बी कहां लापता हुई है। अब लापता पनडुब्बी का पता लगाने के लिए एक खोज और बचाव अभियान की शुरुआत की गई है। रिपोर्ट के अनुसार, पांच विशेषज्ञ जहाज रोबोट के साथ पहले से ही 4 किमी की गहराई में 24,000 वर्ग किमी के विशाल क्षेत्र की तलाशी कर रहे हैं।

बता दें कि लापता पनडुब्बी में पांच लोग सवार हैं जो रविवार को टाइटैनिक जहाज का मलबा देखने के लिए गए थे। जहाज पर सवार पांच लोगों में ब्रिटिश अरबपति हामिश हार्डिंग, पाकिस्तानी बिजनेसमैन शहजादा दाऊद और उनका बेटा शामिल हैं। यूएस कोस्ट गार्ड के मुताबिक, पनडुब्बी पर मौजूद लोगों के पास कुछ ही घंटे का ऑक्सीजन बचा है, जिसके कारण बचावकर्मी चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं। बता दें कि रविवार को पानी के अंदर जाने के बाद विमान से संपर्क एक घंटे 45 मिनट में ही टूट गया था। जिसके बाद अफरातफरी मच गई।

कनाडाई कोस्ट गार्ड वाहन लगातार इस पनडुब्बी के बारे में पता लगाने की कोशिश कर रहा है। एक दिन पहले ही खबर आई है कि कनाडाई कोस्ट गार्ड वाहन को समुद्र के अंदर से कुछ आवाजें सुनाई दी हैं। अमेरिकी तट रक्षक कप्तान जेमी फ्रेडरिक ने बुधवार को पुष्टि की है कि गहरे समुद्र के अंदर से आवाजें सुनाई दी हैं, हालांकि हम स्पष्ट रूप से लापता विमान से संपर्क नहीं कर पा रहे हैं। इस खोज में शामिल एक अन्य विशेषज्ञ कार्ल हर्ट्सफ़ील्ड ने कहा कि दुनिया के सबसे बेहतर लोगों को इसले विश्लेषण में लगाया गया है। दुनिया की कई और एजेंसियां भी इसमें शामिल हो रही हैं। उन्होंने आगे बताया कि रोबोट लगातार खोज कर रहे हैं। उनके जहाज पर विक्टर 6000 रोबोट है जो 20000 फीट की गहराई में गोता लगाने में सक्षम है।