बिहार के मुजफ्फरपुर में फर्जी सर्टिफिकेट लेकर डाक विभाग में नियुक्त होने आए 11 फर्जी लोगों को पुलिस ने पकड़ा
जीडीएस पद पर बहाली में फर्जीवाड़े का बड़ा कारनामा सामने आया है.
बहाली के लिए फर्जी सर्टिफिकेट देने वाले 11 मुन्ना भाई को प्रधान डाकघर से पुलिस ने गिरफ्तार किया है बिहार में इन दिनों जाली सर्टिफिकेट बनाने का बड़ा खेल चल रहा है.
जिसके जद में नौकरी पाने की लालसा में युवक आ रहे हैं.
इस मामले में पूछताछ के बाद पुलिस ने गिरोह के मास्टरमाइंड को छपरा से गिरफ्तार किया है.इन सभी से पूछताछ की जा रही है.
बताया जा रहा है कि नियुक्ति के लिए सर्टिफिकेट सत्यापन के लिए प्रधान डाकघर में बुलाया गया था.
एक अभ्यर्थी के अंक पत्र में अंग्रेजी में 98 नंबर थे लेकिन उसे इंग्लिश लिखने तक नहीं आ रहा था..... एक अन्य अभ्यर्थी को 500 में कुल 491 अंक दर्ज है इसके अलावा गिरफ्तार अन्य युवकों के भी मार्क्स काफी अधिक है..... यूपी , उत्तराखंड समेत दूसरे अन्य राज्यों में इनकी बहाली होनी थी । लेकिन , फॉर्म भड़ने के वक्त इन लोगों ने सर्टिफिकेट जाँच कराने के लिए मुजफ्फरपुर केंद्र चुना था..... जब इन लोगों का सर्टिफिकेट की जाँच प्रक्रिया शुरू की गई तो सर्टिफिकेट देखकर जाँचकर्ता के होश उड़ गए.
इनमें से किसी का भी सर्टिफिकेट ऑनलाइन शो नही कर रहा था..... सभी के स्कूल में दिए जाने वाले क्रमांक कोड एक ही था जिसके बाद इन पर शक गहरा गया तब जाकर उन्हें पकड़ा गया.
मिली जानकारी के अनुसार गिरोह का नेटवर्क झारखंड तक फैला हुआ है..... एक ही स्कूल के कोड पर सभी का सर्टिफिकेट तैयार किया गया था.
सत्यापन के दौरान ऑनलाइन इसका वेरीफिकेशन किया गया तो उस रोल नंबर का अंक दिखा ही नहीं यही नहीं जिस झारखंड बोर्ड का मैट्रिक सर्टिफिकेट दिया गया उस वर्ष 2020 में टॉपर को अधिकतम अंक 490 मिले थे.
शक होने पर जब सख्ती की गई तो दो अभ्यर्थियों ने फर्जी सर्टिफिकेट होने की बात कबूल कर लिया
पुलिस की पूछताछ में अभ्यर्थियों ने बताया कि 3 लाख से 5 लाख तक में सौदा हुआ था.
ढाई लाख पहले दिया गया था नौकरी लगने के बाद ढाई लाख देने थे रेल डाक सेवा के इंस्पेक्टर ने बताया कि डाक विभाग में जीडीएस पद के लिए भर्ती प्रक्रिया हुई थी
इसमें कई छात्रों का मेरिट लिस्ट निकल चुका था. इसको लेकर सुबह से शाम के छह बजे तक वेरिफिकेशन प्रक्रिया चल रही थी.
Mar 25 2023, 09:58